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Dussehra 2022:इस गांव में होगी श्रीराम के साथ रावण की पूजा, नहीं होगा रावण दहन ,कारण है बड़ा रोचक

हर साल पूरे भारत वर्ष में दशहरा के दिन रावण का दहन किया जाता है,लेकिन छत्तीसगढ़ के बालोद शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित गांव तार्री में रावण की पूजा की जाती है।

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बालोद, 05 अक्टूबर। विजयदशमी यानि दशहरा को सत्य की असत्य पर जीत का पर्व कहा जाता है। हर साल पूरे भारत वर्ष में दशहरा के दिन रावण का दहन किया जाता है,लेकिन छत्तीसगढ़ के बालोद शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित गांव तार्री में रावण की पूजा की जाती है। आइये आपको ग्राम तार्री की की इस अनोखी परम्परा के बारे में जानकारी देते हैं।

 भगवान राम के साथ रावण की इस मूर्ति की होती है पूजा

भगवान राम के साथ रावण की इस मूर्ति की होती है पूजा

बालोद जिले का तार्री गांव में रावण दहन की तैयारियां नहीं की गई हैं। इस गांव में सड़क के एक तरफ रावण की मूर्ति बनाई गई है तो दूसरी ओर राम भगवान का मंदिर भी है। इस गांव के लोग लंकापति रावण को बेहद ही ज्ञानी पंडित मानकर उसकी पूजा करते हैं , तो वही प्रभु श्रीराम को असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक मानकर उनको भी अपना आराध्य मानते हैं।

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ग्रामीण ने बनाई थी प्रतिमा

ग्रामीण ने बनाई थी प्रतिमा

तार्री ग्राम के बुजुर्गों का कहना है कि उनके गांव में यह परम्परा कई सालों से चली आ रही है। करीब 65 साल पहले गांव के ही मूर्तिकार स्व. रामदयाल चक्रधारी ने रावण की प्रतिमा को बनाया गया था। जिसके बाद इस मूर्ति को गांववालों ने स्थापित किया। उस समय से लेकर अब तक हर साल दशहरे के दिन रावण का भी पूजन होता है।

गांव में हैं राम जानकी मंदिर

गांव में हैं राम जानकी मंदिर

इस गांव में एक श्रीराम जानकी मंदिर भी है,इस कारण गांव में विजयदशमी पर्व पर विशेष तौर पर पूजा की जाती है। ग्राम तार्री-बालोद धमतरी मुख्य मार्ग में पड़ता है, एक ही ग्राम में प्रभु श्रीराम जानकी का मंदिर और प्रकांड पंडित रावण की मूर्ति को देखकर राहगीर हमेशा इस स्थान को कौतूहल की नजर से देखते हैं।

रावण था महाज्ञानी, पूजन करने से मिलता है आशीर्वाद ?

रावण था महाज्ञानी, पूजन करने से मिलता है आशीर्वाद ?

गांव के रहने वाले बजरंग ठाकुर का कहना है कि रावण बहुत बड़ा महाज्ञानी था, इसलिए अक्सर से ही भगवान श्रीराम के संग रावण के ज्ञान की भी पूजा की जाती है।ग्रामीणों का मानना है कि रावण के पूजन से मानव जीवनकाल में हर स्थिति में ज्ञान और चेतना बनी रहती है । ग्रामीणों ने बताया कि दशहरा पर गांव में बच्चों की तरफ से रामलीला का आयोजन भी होता है,जिसमें भगवान राम और रावण के प्रसंग देखकर लोग ज्ञान की बातें सीखते समझते हैं।

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English summary
Dussehra 2022: Ravana will be worshiped with Shri Ram in this village, there will be no Ravana combustion
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