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छत्तीसगढ़ ने रचा बनाया नया कीर्तिमान, सेंट्रल पूल में किया 50 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल जमा

छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों और दूरदर्शी निर्णयों की वजह से खरीफ वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ ने सर्वाधिक धान उपार्जन का कीर्तिमान रचने के बाद साथ ही समितियों से धान का उठाव और केन्द्रीय पूल में चावल जमा कराने के मामले में भी

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रायपुर, 30 जून। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और दूरदर्शी निर्णयों की वजह से खरीफ वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ ने सर्वाधिक धान उपार्जन का कीर्तिमान रचने के बाद साथ ही समितियों से धान का उठाव और केन्द्रीय पूल में चावल जमा कराने के मामले में भी एक नया कीर्तिमान रचा है। जून माह के आखिर तक छत्तीसगढ़ ने 50 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा करा दिया है।

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खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 97.99 लाख मेट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर रिकार्ड खरीदी और धान का समय पर उठाव करने के अलावा मिलिंग छत्तीसगढ़ सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि इतनी वृहद मात्रा में उपार्जित धान का सुनियोजित तौर से उठाव और निराकरण न होने के फलस्वरूप इसके अमानक होने के साथ-साथ सूखत से भी बड़ा नुकसान होने की संभावना थी, फिर धान के उठाव और निराकरण के लिए समय रहते भूपेश सरकार की तरफ से विशेष रणनीति तैयार किये जाने और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के फलस्वरूप खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ में पहली बार माह अप्रैल-मई में ही उपार्जन केन्द्रों से शत-प्रतिशत धान का उठाव पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा संग्रहण केन्द्रों में भंडारित लगभग 22.90 लाख मेट्रिक टन धान का भी शत-प्रतिशत उठाव बारिश से पहले माह जून में ही कर लिया गया है।इसी तरह खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ में पहली बार वर्षा प्रारंभ होने के पहले ही समर्थन मूल्य पर क्रय शत-प्रतिशत धान का उठाव सुनिश्चित किया गया है।

गौरतलब है कि खरीफ विपणन साल 2021-22 में उपार्जित 97.99 लाख मेट्रिक टन धान में से 75.03 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन केन्द्रों से सीधे उठाव मिलरों की ओर से किया गया, जो उपार्जित धान का करीब 77 फीसदी है, जबकि खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में उपार्जित धान का 58 फीसदी वर्ष 2019-20 में उपार्जित धान का 61 प्रतिशत और साल 2020-21 में उपार्जित धान का 62 प्रतिशत मात्रा का उपार्जन केन्द्रों से मिलरों द्वारा सीधे उठाव किया गया था। इस प्रकार खरीफ विपणन साल 2021-22 में उपार्जन केन्द्रों से डायरेक्ट मिलरों की ओर से धान का रिकार्ड उठाव करने की वजह से परिवहन व्यय, सूखत की मात्रा और धान की सुरक्षा एवं रखरखाव के व्यय में भी गत वर्षों की तुलना में कमी आई है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान उठाव और कस्टम मिलिंग के लिए निर्धारित व्यवस्था और व्यवहारिक नीतियों के फलस्वरूप न केवल धान का वक़्त पर उठाव सुनिश्चित हुआ, बल्कि कस्टम मिलिंग तेजी से हुई, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ में चावल जमा करने में बड़ी सफलता हासिल की है। अब तक भारतीय खाद्य निगम में करीब 25.74 लाख मेट्रिक टन और नागरिक आपूर्ति निगम में लगभग 24.35 लाख मेट्रिक टन इस प्रकार कुल 50.09 लाख मेट्रिक टन चावल का जमा हो चुका है। यहां यह बताना जरूरी है कि साल 2020-21 में जून माह के आखिर तक 36.56 लाख मेट्रिक टन चावल जमा किया गया था। इस साल जमा कराए गए चावल की मात्रा गाठ वर्ष की तुलना में 13.44 करीब लाख मेट्रिक टन ज्यादा है। भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा का काम लगातार से जारी है।

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English summary
Chhattisgarh created a new record, deposited more than 50 lakh metric tons of rice in the central pool
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