छत्तीसगढ़: CM बघेल ने कहा, शर्मिंदा हूं, BJP के कार्यकर्ता पुलिस पर लाठी भांज रहे थे, जानें पूरा मामला
सत्ता पक्ष को घेरने चली भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की करतूत के चलते खुद ही निशाने पर आ गई है।
रायपुर, 26 अगस्त। बेरोजगारी के मुद्दे पर बीते बुधवार को छत्तीसगढ़ में विपक्ष की भूमिका निभा रही भाजपा ने राजधानी रायपुर में प्रदर्शन किया था। इस दौरान भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने पुलिस कर्मियों के साथ बदसलूकी की थी। सत्ता पक्ष को घेरने चली भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की करतूत के चलते खुद ही निशाने पर आ गई है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ करने और पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने वाले आरोपियों की पहचान करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बयान जारी करके विपक्ष पर निशाना साधा है।
कांग्रेस ने जारी किया सीएम भूपेश का बयान
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के चैयरमेन सुशील आनंद शुक्ला ने पार्टी की तरफ से सीएम भूपेश बघेल का अधिकृत बयान जारी किया है। सीएम भूपेश बघेल के इस बयान में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के राजनैतिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी पार्टी के कार्यकर्ता गालियाँ दे दे कर पुलिस को लाठीचार्ज के लिए उकसाते रहे और हमारे जवान मुस्कुरा कर विनती करते रहे। यह हैं हमारे छत्तीसगढ़िया संस्कार। सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा है कि यह कांग्रेस पार्टी है साहब, हम गांधीवादी लोग हैं। गांधीगिरी का इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है?
शर्मिंदा हूं, भाजपा के कार्यकर्ता पुलिस पर लाठी भांज रहे थे
मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि एक छत्तीसगढ़िया नागरिक होने की हैसियत से मुझे कल बहुत शर्मिंदगी हुई जब मैंने देखा कि भाजपा के कार्यकर्ता पुलिस पर लाठी भांज रहे थे। हमारी महिला पुलिस की बच्चियाँ लाठी खाते रहीं, गालियाँ सुनी लेकिन अपने कर्तव्य पर डटी रहीं। मैं उन्हें बधाई देता हूँ कि इस बर्बर व्यवहार के बाद भी उन्होंने संयम रखा। मैं आपसे पूछता हूँ, क्या पुलिस जवानों को गाली देना, मारना छत्तीसगढ़ की संस्कृति है?
जब मै पीसीसी अध्यक्ष था,तब यह मेरे घर पत्थर फेंकते थे
सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा पर कटाक्ष जारी रखते हुए आगे कहा कि ये पहली बार नहीं हुआ है, भाजपा के लोग पिछले एक साल से लगातार प्रयासरत हैं कि कैसे भी ये पुलिस को उकसाएँ, जनता को उकसाएँ और प्रदेश में हिंसा हो, शांति भंग हो। वो तो साधुवाद है हमारी पुलिस को, जिन्होंने संयम का अनूठा उदाहरण पेश किया है। वैसे मुझे हंसी भी आती है, जब मैं पीसीसी अध्यक्ष था तब भी ये लोग मेरे घर में पत्थर फेंकते थे, कालिख पोतते थे। और आज मैं मुख्यमंत्री हूँ तब भी ये यही कर रहे हैं। कारण सरल है, ये अंतर है उनकी उत्तेजक मानसिकता और हमारी छत्तीसगढ़िया संस्कृति में।
मै हमेशा संवैधानिक अधिकार का संरक्षण करूंगा
सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा कि मैंने विपक्ष में रहते हुए इनके दमन को सहा है, मेरी आवाज़ दबाने का भरसक प्रयास किया गया था। मैंने उसी समय प्रण किया था कि मैं छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की सदैव रक्षा करूँगा। आज मैं इनके कार्यकर्ताओं का भी मुख्यमंत्री हूँ, मैं हमेशा इनके विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का भी संरक्षण करूँगा।
उस समय को याद करिए जब बिलासपुर में कैसे इन्होंने कांग्रेस भवन के अंदर जाकर हमारे कार्यकर्ताओं के साथ अकारण हिंसा की थी। उस समय, उनके राज में विरोध करने का अधिकार बचा कहाँ था। भाजपा की तो मानसिकता कहें या मास्टर प्लान कहें, वह यही है कि जब तक लाठीचार्ज नहीं होगा ,आँसू गैस के गोले नहीं फोड़े जायेंगे, वॉटर कैनन नहीं चलेगा , परिवर्तन नहीं होगा।
लोकतंत्र अभी जिन्दा है
मुख्यमंत्री बघेल ने भाजपा के आंदोलन पर तंज कसते हुए कहा कि इनका मुद्दा बेरोज़गारी तो कभी था ही नहीं, इनका मुद्दा था इसके बहाने पुलिस को उकसाएँ, लाठी खाएँ, माहौल बनाएँ और फिर लाठीचार्ज ही मुद्दा बन जाए। ये भूल गए कि यहाँ छत्तीसगढ़िया सरकार है, लोकतंत्र अभी ज़िंदा है। मैंने अपनी पुलिस से यही कहा था, हमें दिखाना है छत्तीसगढ़िया संस्कार क्या होते हैं। विपक्ष को बोलने दीजिए।मुझे पता है कि कल जनता को इस प्रदर्शन से कितनी असुविधा हुई, नन्हें बच्चों की पढ़ाई का नुक़सान हुआ। इसके लिए मैं मेरी जनता से क्षमाप्रार्थी हूँ।
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