Chhatarpur :बंगले पर किचकिच, दो एसडीएम आमने-सामने, फिर भी दोनों रेस्ट हाउस में डेरा जमाए
छतरपुर के राजनगर एसडीएम राकेश परमार स्थानांतरण के डेढ़ महीने बाद तक गुलगंज तहसील के बंगले पर भी कब्जा जमाए हैं। राजनगर बंगले पर भी उनका कब्जा है। हालांकि यहां रिनोवेशन का काम चल रहा है। वे भी रेस्ट हाउस में रह रहे हैं।
शासन
द्वारा
अधिकारियों
के
स्थानांतरण
या
पदस्थापना
के
बाद
उनके
रहने
का
स्थान
सुनिश्चित
कर
दिया
जाता
है
जो
अधिकारी
जिस
स्तर
का
होता
है
उसके
लिए
बंगले
भी
आवंटित
किए
जाते
हैं।
छतरपुर
में
ऐसे
कई
अधिकारी
हैं
जो
बंगलों
के
साथ
सर्किट
हाउस
में
भी
डेरा
डाले
हुए
हैं।
कुछ
अधिकारी
तो
ऐसे
हैं
जो
एक
नहीं
दो
नहीं
तीन
तीन
शासकीय
भवनों
पर
अनाधिकृत
रूप
से
कब्जा
जमाए
हुए
हैं,
जिसको
लेकर
दो
अनुविभागीय
अधिकारी
आमने
सामने
गा
गए
हैं।
मामला
कलेक्टर
के
समक्ष
भी
जा
चुका
है,
लेकिन
छतरपुर
कलेक्टर
भी
इस
मामले
को
सुलझाने
नहीं
पा
रह
हैं।
Recommended Video
राजनगर
एसडीएम
तीन
जगह
बनाए
है
अपना
आश्रय
ताजा
विवाद
लवकुशनगर
अनुविभागीय
अधिकारी
निशा
बांगरे
और
राजनगर
अनुविभागीय
अधिकारी
राकेश
परमार
के
बीच
का
सामने
आया
है,
जहां
नवीन
पदस्थापना
के
बाद
से
लवकुशनगर
के
पूर्व
एसडीएम
राकेश
परमार
के
बीच
का
है।
राकेश
परमार
लवकुशनगर
के
स्थानीय
एसडीएम
बंगले
पर
अभी
भी
काबिज
है
जबकि
लवकुशनगर
एसपीएम
पिछले
डेढ़
महीने
से
सर्किट
हाउस
में
मजबूरी
में
रह
रहीं
है।
जानकारी
मिली
है
कि
राजनगर
के
वर्तमान
एसडीएम
लवकुशनगर
बंगले
में
अभी
भी
अपना
सामान
रखे
हुए
है।
इसके
अलावा
वह
राजनगर
एसडीएम
बंगले
में
निरोवेशन
का
कार्य
करा
रहे
हैं।
इस
दौरान
वह
राजनगर
सर्किट
हाउस
को
भी
अपना
आश्रय
बनाए
हुए
हैं।
Sagar : वर्दीवाला जादूगर, मंच से दिखाई हाथ की सफाई, फिल्मी गाने भी सुनाए
गुलगंज
रेस्ट
परिसर
में
खुला
कुंए
से
बच्चे
के
लिए
खतरा
गुलजंग
रेस्ट
हाउस
में
एसडीएम
निशा
बांगरे
छोटे
बच्चे
के
साथ
रह
रही
हैं।
वे
कार्यालय
जाती
हैं
तो
बच्चे
को
रेस्ट
हाउस
में
ही
छोड़कर
जाती
हैं।
वह
परिसर
में
ही
खेलता
रहता
है।
सूत्र
बताते
हैं
कि
उनकी
चिंता
का
करण
रेस्ट
हाउस
परिसर
में
बना
एक
कुंआ
है
जो
खुला
हुआ
है
और
इससे
बच्चे
को
खतरे
को
लेकर
वे
आशंकित
रहती
हैं।