महंगाई को लेकर RBI गवर्नर ने कही राहत देने वाली बात, तेल की कीमतों को लेकर दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली, 02 सितंबर। दुनियाभर में एक तरफ जहां आर्थिक मंदी और महंगाई की मार है तो दूसरी तरफ भारत में अन्य बड़े देशों की तुलना में हालात बेहतर हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांता दास ने भी भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी बात कही है। गवर्नर ने कहा कि महंगाई का चरम अब वापस जा चुका है, आने वाले दिनों में महंगाई दर कम होगी और विकास की रफ्तार बढ़ेगा। हालांकि गवर्नर ने इस बात को लेकर सतर्क भी किया है कि हमे ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए।
बुरा समय बीत गया
महंगाई वैश्विक स्तर पर है, अमेरिका, यूके, जर्मनी में महंगाई बहुत ज्यादा है। यूरोपियन यूनियन में महंगाई अभी ज्यादा हैा। जहां तक भारत का सवाल है, हमारा मूल्यांकन यह है कि अप्रैल में महंगाई दर अपने शीर्ष 7.8 फीसदी पर थी, इसके बाद से महंगाई लगातार कम हो रही है। पिछले आंकड़े के अनुसार महंगाई दर 6.7 फीसदी रही है। आने वाले समय में महंगाई दर कम होगी, हालांकि बीच-बीच में ज्यादा कम होगी। इसका बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का सस्ता होना। हमारा आंकलन पूरे साल के लिए 105 डॉलर प्रति बैरल है, अभी यह तकरीबन 95 डॉलर प्रति बैरल है। महंगाई दर भारत में अपने चरम पर पहुंच चुका है। अगले साल के पहली तिमाही में महंगाई दर 5 फीसदी तक पहुंच जाएगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमे ढिलाई बरतने की जरूरत नहीं है, हमे सतर्क रहना चाहिए।
ब्याज दरों पर अभी स्पष्ट तौर पर नहीं कह सकते
ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी पर गवर्नर ने कहा कि आगे इसमे क्या बदलाव होगा यह नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह मौद्रिक नीति तैयार करने वाली कमेटी तय करेगी। इसी महीने 30 सितंबर को हम मौद्रिक नीति जारी करेंगे। हमारी जो नीति अभी तक रही है वह सही दिशा में रही है। मैं कहना चाहता हूं कि समय के अनुसार जिस चीज की जरूरत है हम उसी के अनुसार कदम उठा रहे हैं। जब हम दरों को कम करते हैं तो हम स्पष्ट संदेश देते हैं। लेकिन मौजूदा स्थितियों में लगातार बदलाव के बीच स्पष्ट संदेश देना सही नहीं होगा क्योंकि स्थिति आगे बदल सकती है।
महंगाई या विकास पर कही ये बात
विकास और महंगाई में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की प्राथमिकता क्या है। इस सवाल के जवाब में शक्तिकांता दास ने कहा कि अप्रैल के अपने बयान में हमने कहा है कि हमारी पहली प्राथमिकता महंगाई है, उसके बाद विकास आता है। आरबीआई के एक्ट में स्पष्ट है कि हमारी प्राथमिकता महंगाई रहती है, लेकिन विकास हमेशा हमारे दिमाग में रहनी चाहिए। हमारी हमेशा प्राथमिकता यह रहेगी कि विकास दर में कम से कम जितना हो सके समझौता किया जाए। अभी की जो स्थिति है उसके लिहाज से महंगाई और विकास वैश्विक कारणों पर निर्भर है।
अच्छे मानसून का होगा फायदा
इस साल के कृषि सेक्टर की बात करें तो वह अच्छा कर रहा है। कुछ क्षेत्र ऐसे जरूर हैं जहां पर अच्छी बारिश नहीं हुई है, लेकिन बाकी जगहों पर अच्छा मानसून रहा है। बाकी के सेक्टर की बात करें तो इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर अच्छा कर रहा है। देश की आर्थिक गतिविधियां अच्छी हैं। पहली तिमाही के जीडीपी नंबर की बात करें तो वह हमारे आंकलन से कम है। हमारा अनुमान था कि यह 16 फीसदी से अधिक रहेगा लेकिन यह 13 फीसदी रहा। हम इस बात का अध्ययन करेंगे कि ऐसा किस वजह से हुआ। हमारी प्रक्रिया हमेशा से यही रही है कि हम जबतक आंकड़ों को विस्तृत तौर पर नहीं देखते उसपर बयान नहीं देते हैं।
क्रेडिट ग्रोथ को लेकर कही यह बात
क्रेडिट ग्रोथ की बात करें तो पिछले साल यह 5.5-6 फीसदी था। किस सेक्टर में ज्यादा क्रेडिट ग्रोथ हो रहा है हम उसपर विशेष ध्यान देते हैं। जहां पर रिटेल लेंडिंग होती है, रियल स्टेट लेंडिंग होती है तो हम उसका आंकलन करते हैं। जहां भी जरूरत होती है हम बैंक, एनबीएफसी आदि को सतर्क करते हैं। हम उनसे कहते हैं कि अधिक ग्रोथ का आंकलन करिए और हमे इसकी रिपोर्ट दीजिए। अगर किसी एक सेक्टर में ज्यादा ग्रोथ हो रहा है तो जोखिम बढ़ता है, हम इसपर नजर रखते हैं।