सीएमओ हत्याकांड: कुशवाहा मिली थी मुंह बंद रखने की धमकी
ज्ञात हो कि बसपा से निष्कासित किए जाने के बाद श्री कुशवाहा भाजपा में जाने की फिराक में थे लेकिन ऐन वक्त पर उनकी योजना नाकाम हो गयी और वह भाजपा के सक्रिय सदस्य नहीं बन सके। फिलहाल भाजपा में उनकी सदस्यता पर विराम लग गया है लेकिन बांदा में एक चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस घोटाले में परदे के पीछे बहुत कुछ है लेकिन सीबीआई जांच व अदालती मामला होने के कारण वह कुछ नहीं कह पा रहे हैं।
सवालों के जवाब में भी उन्होंने बंद शब्दों में इशारा किया कि घोटाले में कई लोग शामिल है लेकिन उन्होंने खुलकर किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि मामला अदालत में ऐसे में कोई भी बयान देना गलत होगा। उन्होंने कहा कि घोटाले के बाद हुई हत्याओं के मामले में उन्हें बुलाकर धमकाया गया था और जुबान बन्द रखने की चेतावनी दी गयी थी। धमकी देने की बात तो वह स्वीकार करते हैं लेकिन धमकी किसकी ओर से दी गयी इस पर उन्होंने चुप्पी साध ली।
उन्होंने कहा कि उन्हें बसपा से निकाले जाने के बाद प्रदेश के मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश देकर घोटाले से सम्बंधित कागजात नष्ट करवाये गये और उन्हें साजिशन फंसाया गया। इस अवसर पर उन्होंने भाजपा का पक्ष लेते हुए कहा कि भाजपा पिछड़ी जातियों की हितैषी है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को आरक्षण मुद्दे का सिर्फ भाजपा ने ही विरोध किया लेकिन वह तब तक भाजपा की सदस्यता नहीं लेंगे जब तक खुद को दोषमुक्त नहीं सिद्ध कर लेते।