उच्च न्यायालय ने जारी किया संतोष हेगड़े खिलाफ नोटिस
मार्च 2009 में लोकायुक्त के छापे के बाद तत्कालीन लोकायुक्त हेगड़े ने आरोप लगाया था कि निंबालकर के पास 250 करोड़ रुपये की संपत्ति है। निंबालकर उस वक्त बेलगाम में पुलिस अधीक्षक थे। अगले दिन बेंगलूर में संवाददाता सम्मेलन में हेगड़े ने अपना दावा दोहराया। निंबालकर ने आरोप के बाद स्थानीय अदालत में मानहानि का मामला दाखिल किया। अदालत ने बाद में मुकदमे को खारिज कर दिया। निंबालकर ने निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
वह लोकायुक्त के इस दावे पर व्यथित थे कि उनके पास आय से अधिक संपत्ति है। हेगड़े ने पहले कहा था कि छापे का ब्योरा सार्वजनिक करने के अपने रुख पर वह अडिग हैं। उन्होंने कहा था कि इसमें कोइ नयी बात नहीं है क्योंकि इस तरह की याचिकाएं पहले भी दाखिल की जाती रहीं हैं। आज के उच्च न्यायालय के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर हेगड़े ने कहा कि मैं तब तक कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता या कुछ कहना चाहता जब तक कि मुझे अदालत से नोटिस नहीं मिल जाता।