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यूपी: सदन में फिर गूंजा एनआरएचएम घोटाला

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NRHM 'loot' rocks UP house
लखनऊ। तीन चिकित्साधिकारियों की हत्या व एनआरएचएम घोटाला सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है। प्रदेश विधानमण्डल के दोनों सदनों में सत्र के दौरान इन मामलों को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा काटा। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को लेकर विपक्षी शुक्रवार को भी हंगामा कर रहे थे।

घोटालों व हत्या के मामलों में फंसी मायावती सरकार विपक्षियों के निशाने पर रही विधान सभा से लेकर विधान परिषद तक एनआरएचएम घोटाले की गूंज रही। घोटाले और मुख्य चिकित्साधिकारियों की हत्या के लिए विपक्ष ने मायावती सरकार को जिम्मेदार ठहराया और दोनों सदनों से बॢहगमन किया। विधानसभा में नेता विरोधी दल शिवपाल ङ्क्षसह यादव ने मामले को उठाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने 5 वर्षों में एनआरएचएम योजना में 8250 करोड़ रुपये प्रदेश को दिए जिसका एक बड़ा हिस्सा बसपा के नेता व विभाग के भ्रष्ट अधिकारी खा गए।

श्री यादव ने कहा कि यदि केन्द्र से मिले धन को सही जगह पर खर्च किया जाता तो कई ग्रामीण इलाकों की हालत में सुधार हो सकता था। बावजूद इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपये सत्तारढ़ दल के बड़े नेताओं और अधिकारियों की जेब में चले गए। श्री यादव ने आरोप लगाया कि बसपा के कुछ मंत्री तो ऐसे हैं जिनका कार्य सिर्फ धन एकत्र करना है। उन्होंने कहा कि कईयों ने सरकारी धन पर कब्जा जमाया और जब उन्हें इस बात का डर सताने लगा कि कहीं इसका खुलासा न हो जाए तो परिवार कल्याण के उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. वाईएस सचान की हत्या करवा दी गयी।

उन्होंने सदन के समक्ष कुछ ऐसे दस्तावेज भी पेश किए जिससे एनआरएचएम घोटाले के संबंध में काफी कुछ जानकारी मिल सकती थ। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि इस योजना में व्यापक पैमाने पर घोटाला हुआ। उन्होंने मांग की इस मामले में जो भी मंत्री दोषी हों उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेजने की व्यवस्था की जाए। उधर दूसरे विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के सतीश महाना का कहना था कि एनआरएचएम घोटाले से जुड़े लोगों को जेल भेजा जाना चाहिए क्योंकि इन लोगों ने गरीबों के भविष्य से खिलवाड किया।

श्री महाना ने सरकार से प्रश्न किया कि सरकार स्पष्ट करे कि आखिर परिवार कल्याण मंत्री बाबू ङ्क्षसह कुशवाहा और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री अनन्त कुमार मिश्रा को पद से क्यों हटाया गया। क्या दोनों मंत्री घोटाले व भ्रष्टाचार में लिप्त थे या फिर वह निर्दोष थे। यदि वह निर्दोष थे तो उन्हें क्यों हटाया गया यदि दोषी थे तो उन पर अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी। कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता प्रमोद तिवारी ने एनआरएचएम घोटाले को मुर्दा लूटने की संज्ञा दी। श्री तिवारी ने कहा कि मंत्रियों व अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि तीन चिकित्सा अधिकारियों की हत्या के पीछे एनआरएचएम घोटाला ही है।

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English summary
Opposition parties on Monday pinned down Mayawati government for its alleged role in the National Rural Health Mission (NRHM) scam and murders of two CMOs and a deputy CMO in the state capital.
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