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ग्रहों को मजबूत करने के लिए अपने हस्ताक्षर में करें बदलाव
लखनऊ। हस्ताक्षर व्यक्ति की अपनी एक पहचान होते है। बिना हस्ताक्षर का मिलान किये बगैर बैंक से आपका अपना ही रूपया आपको नहीं मिलता है। इसलिए हस्ताक्षर का हमारे जीवन में विशेष महत्व होता है। ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन को हर क्षण प्रभावित करता है। आईये जानते है कि इन ग्रहों का सम्बन्ध आपके हस्ताक्षर से क्या है ? ग्रहों को मजबूत करने के लिए वैसे तो अनेक प्रकार के उपाय है लेकिन आप-अपने हस्ताक्षर में थोड़ा सा संशोधन करके भी ग्रहों को अपने अनुकूल बना सकते है।
चन्द्रमा मन का कारक होता है
- सूर्य ग्रह- सूर्य का सम्बन्ध राज्य, पद, प्रतिष्ठा, सरकारी नौकरी, सम्मान व प्रसिद्ध आदि से होता है। यदि किसी व्यक्ति का सूर्य कमजोर है तो उसको अपने जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ता है, उसके बावजूद भी सफलता के लिए तरसता रहता है। सूर्य को मजबूत करने के लिए आपको अपने हस्ताक्षर में कुछ बदलाव करना होगा। हस्ताक्षर को सीधे व स्पष्ट अक्षरों में करें एंव पहले व अन्तिम अक्षर को घुमाने की कोशिश न करके उन्हे सीधा लिखें। सूर्य का अंक 1 होता है, इसलिए ए, डी, एच, एम, टी, इन अक्षरों का सीधा व स्पष्ट लिखने से आपका सूर्य बलवान होकर शुभ फल देने लगेगा।
- चन्द्र ग्रह- चन्द्रमा मन का कारक होता है और जब मन अपने हिसाब से दिल व दिमाग को चलाने की कोशिश करने लगता है तो मनुष्य समस्याओं के दलदल में फॅसता चला जाता है। ऐसे स्थिति तभी आती है जब व्यक्ति का चन्द्र ग्रह पीड़ित होकर अशुभ फल देने लगे। चन्द्रमा को बलवान करने के लिए आपको अपने हस्ताक्ष को सजावटी रूप देते हुये सभी अक्षरों को गोल व सुन्दर बनानें होंगे और हस्ताक्षर के अन्त में एक बिन्दु रखने की आदत डालनी होगी। चन्द्रमा अंक 2 का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए अंक 2 से सम्बन्धित अक्षर जैसे- बी, डी, ओ, एक्स इन अक्षरों को बड़ा व गोल बनाते हुये इनके नीचे एक बिन्दु लगाना न भूलें। इस प्रकार का उपाय करने से आपको शीघ्र ही चन्द्रमा का शुभ फल मिलना शुरू हो जायेगा।
- मंगल ग्रह- मंगल पराक्रम, भाई, उत्साह, प्रशासन, प्रापर्टी व प्रशासन आदि का कारक माना जाता है। मंगल की अशुभता को दूर करने के लिए अपने हस्ताक्षर के नीचे पूरी लाईन खीचनें की आदत डालनी होगी और प्रथम अक्षर को बड़ा बनाना होगा। सी, ई, जी, एल, एस, यू, इन अक्षरों में किसी भी प्रकार की काट-पीट न करें और इन्हे बड़े सलीके से गोल आकार में बनाने की कोशिश करें। अपनी लिखावट में इस प्राकर का सुधार करने से आप कुछ ही दिनों में आश्चर्य चकित परिणाम पायेंगे।
- बुध ग्रह- गणित, लेखन, तर्कक्षमता, ज्ञान आदि का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह यदि पापी होकर अशुभ फल देने लगे तो परेशान होने की जरूरत नहीं है बल्कि अपने लेखन व हस्ताक्षर में कुछ बदलाव करना होगा। अतः जब आप हस्ताक्षर करें तो स्पष्ट व गोलाकार बिन्दु रूप में करें और अन्त में गोला बनाकर उससे सटा हुआ प्लस का चिन्ह बना दें। सी, जी, बी इन अक्षरों को गोल आकार में बनायें एंव इनके नीचे एक छोटा सा बिन्दु जरूर लगायें। ऐसा करने से आपका बुध ग्रह बलवान होकर अच्छा फल देने लगेगा।
- बृहस्पति ग्रह- बुद्धिमत्ता, विवेक, ज्ञान, दार्शनिकता व महत्कांक्षा का कारक ग्रह गुरू अच्छा होने पर अनके प्रकार के सुखों का भोग कराता है और सामाज में प्रतिष्ठा का पात्र बनाता है। लेकनि जब पीड़ित होकर अशुभ फल देने लगता है तो बहुत कुछ छीन भी लेता है। यदि आपको गुरू को मजबूत करना है तो इसके लिए अपने हस्ताक्षर में कुछ सुधार करना होगा। हस्ताक्षर करते वक्त पहला अक्षर काफी बड़ा बनायें तथा हस्ताक्षर को उपर से नीचे की ओर करने की आदत डालें। बृहस्पति से सम्बन्धित अक्षरों को जैसे एन एंव ई, अक्षर को काफी बड़ा व सीधा बनाना होगा। ऐसा करने पर आपका भाग्य पक्ष मजबूत होकरअच्छा फल देने लगेगा और उॅचाईयों की उड़ान भरने में कामयाब होंगे।
- शुक्र ग्रह- संसार की सभी भौतिक वस्तुओं एंव सौन्दर्यता का प्रतीक शुक्र ग्रह को शक्तिशली बनाने के लिए आप-अपने हस्ताक्षर को सुन्दर, कलात्मक एंव नीचे एक लहराते हुए की एक रेखा खीचें। हस्ताक्षर के अन्तिम अक्षर का उपरी भाग छोटा हो और नीचे का भाग लम्बाई लिये हुये होना चाहिए। शुक्र ग्रह अंक 06 का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए शुक्र से सम्बन्धति अक्षरों को जैसे- यू, एल और वी को स्पष्ट एंव सुन्दर बनाने की कोशिश करें। ऐसा करने पर आप देंखेगें कि कुछ ही दिनों में आपको शुक्र ग्रह अच्छा फल देने लगेगा।
- शनि ग्रह- शनि ग्रह के पीड़ित होने पर व्यक्ति के सारे काम बड़ी धीमी गति से होते है और सफल होने के लिए काफी प्रत्यन करने के बावजूद भी ‘‘उॅट के मुॅह में जीरा'' के सामान परिणाम मिलते है। शनि ग्रह को ताकतवर बनाने के लिए हस्ताक्षर के लगभग सभी अक्षरों को बड़ा बनाना होगा एंव हस्ताक्षर के नीचे दो सीधी रेखायें खीचनी होगी। हस्ताक्षर के अन्तिम अक्षर के उपर डबल रेखा बनानी होगी। अक्षरों को घ् ाुमाकर व तोड़ मरोड़कर व दूर-दूर व अस्पष्ट लिखने से बचना होगा। शनि अंक 8 का प्रतिनिधित्व करता है। अंक 08 से सम्बन्धित अक्षरों को जे, के और एफ में उपर की लाईन को बड़ा बनाना चाहिए एंव जे अक्षर की उपरी लाईन को मोटी करने से धीरे-2 शनि ग्रह बलवान होकर शुभ फल देने लगता है जिससे आपके जीवन की प्रगति में चार-चाॅद लग जायेंगे।
- राहु एंव केतु- इन ग्रहों के अशुभ हो जाने पर जीवन में अन्धकार का आधिपत्य कायम हो जाता है। मानसिक तनावग्रस्त होकर व्यक्ति उलूल-जलूल काम करने लगता है। जिससे उसके जीवन पर संकट के बादल मडराने लगते है। केतु के अशुभ होने पर व्यक्ति अक्षरों को छोटा बनाता है। राहु व केतु को बलवान बनाने हेतु आप-अपने हस्ताक्षर को लयबद्ध तरीके से करें एंव ज्यादा छोटे अक्षर न बनायें। लिखवाट में बार-बार काॅट-छांट से बचना होगा। हस्ताक्षर का पहला अक्षर ज्यादा घुमावदार न बनायें। गोला बनाकर हस्ताक्षर को घेरने से बचना होगा। अक्षर ‘जी' के नीचे का भाग ज्यादा बड़ा न हो एंव अक्षर एस को सुडौल बनायें। हस्ताक्षर में इस प्रकार का संशोधन करने से धारे-2 राहु व केतु शुभ फल देने लगते है और आपके जीवन में प्रगति के मार्ग प्रशस्त होते है।
मंगल पराक्रम, भाई, उत्साह, प्रशासन...
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मानसिक तनाव
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English summary
Our signature is a reflection of our nature. The signature says a lot about about a person’s branding of his own character, capabilities, strengths, weaknesses, reflections, authority and behavioural pattern.
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