जम्मू-कश्मीर : खेतों में नहीं होगी पानी की किल्लत, सिंचाई परियोजनाओं से बंधी किसानों को आस
खेती किसानी के काम में लोगों को आसानी हो, इसके लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि जम्मू-कश्मीर में त्राल लिफ्ट इरीगेशन स्कीम पर तेजी से काम हो रहा है।
श्रीनगर,
19
मई
:
जम्मू-कश्मीर
में
त्राल
लिफ्ट
सिंचाई
परियोजना
का
निर्माण
तेजी
से
हो
रहा
है।
सरकार
के
साथ
स्थानीय
लोगों
का
मानना
है
कि
केंद्र
शासित
प्रदेश
बनने
के
बाद
काम
में
तेजी
आई
है।
जम्मू-कश्मीर
के
पुलवामा
में
170.50
करोड़
रुपये
की
लागत
से
तीन
चरणों
वाली
लिफ्ट
सिंचाई
परियोजना
से
जुड़ी
मीडिया
रिपोर्ट
के
मुताबिक
प्रधानमंत्री
कार्यालय
(पीएमओ)
से
त्राल
लिफ्ट
इरीगेशन
स्कीम
की
सीधी
निगरानी
हो
रही
है।
इसके
अलावा
कई
अन्य
परियोजनाएं
भी
हैं,
जिनसे
किसानों
को
लाभ
मिलेगा।
जानिए-
22 गांवों को सिंचाई की सुविधा
त्राल लिफ्ट इरीगेशन स्कीम से त्रालंद अवंतीपोरा ब्लॉक के 22 गांवों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इस मेगा प्रोजेक्ट के पहले और दूसरे चरण (आंशिक रूप से) के काम के बाद कोरोना महामारी के कारण तीसरे चरण में काम धीमी गति से हुआ, लेकिन प्रशासन द्वारा अधिकारियों को निर्माण पूरा करने के निर्देश के बाद त्राल लिफ्ट इरीगेशन प्रोजेक्ट में युद्ध स्तर पर काम शुरू हुआ। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक परियोजना का तीसरा चरण पूरा हो चुका है।
प्रोजेक्ट पर पीएम मोदी की सीधी नजर !
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के कार्यकारी अभियंता (Executive Engineer of Irrigation and Flood Control), निसार अहमद कर के मुताबिक, केंद्र सरकार ने परियोजना को आगे बढ़ाने में बहुत मदद की है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय भी इस परियोजना में रुचि दिखा रहा है।
त्राल में लिफ्ट इरीगेशन, ग्रामीणों का रिएक्शन
पुलवामा के ग्रामीणों के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश में बदलने बाद जम्मू-कश्मीर में बहुत सारी योजनाएं शुरू हुई हैं। त्राल में सिंचाई सुविधा के निर्माण से लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा, वे भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं कि त्राल में ऐसी योजनाएं शुरू की हैं जो आम लोगों की मदद कर रही हैं। एक स्थानीय ग्रामीण के मुताबिक त्राल में कनाल (नहर) बनने से यहां के लोगों को फायदा मिलेगा। कनाल पूरा होने से सूखे की समस्या से मिलेगी निजात। इस प्रोजेक्ट के कारण स्थानीय मजदूरों को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि नहर से पानी मिलने पर इलाके में बेहतर सिंचाई होगी। कोरोना लॉकडाउन में भी काम जारी रहा।
चार साल में तीन बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी
बता
दें
कि
केंद्र
सरकार
अक्सर
ये
दावे
करती
हैं
कि
अनुच्छेद
370
और
आर्टिकल
37
ए
हटाए
जाने
से
पहले
और
इसके
बाद
की
परिस्थियों
में
बड़ा
फर्क
स्पष्ट
देखा
जा
सकता
है।
जम्मू-कश्मीर
में
विकास
परियोजनाओं
पर
तेज
गति
से
काम
हो
रहा
है।
विगत
28
मार्च
को
संसद
के
बजट
सत्र
के
दौरान
राज्य
सभा
में
केंद्रीय
जलशक्ति
राज्यमंत्री
बिश्वेस्वर
टुडू
ने
कहा
था
कि
2017-18
और
2021-22
की
अवधि
में
जम्मू-कश्मीर
के
लिए
तीन
परियोजनाओं
को
मंजूरी
दी
गई
है।
जलशक्ति
मंत्रायल
के
अंतर्गत
सिंचाई,
बाढ़
नियंत्रण
और
बहुउद्देशीय
परियोजनाओं
पर
सलाहकार
समिति
(एडवाइजरी
कमेटी)
ने
मंजूरी
दी
है।
रणबीर
नहर
परियोजना
का
आधुनिकीकरण
(Modernization
of
Ranbir
Canal
Project)
त्राल
लिफ्ट
सिंचाई
परियोजना
(Tral
Lift
Irrigation
Project)
उझ
बहुउद्देशीय
परियोजना
(Ujh
Multi
Purpose
Project)
2019 में प्रोजेक्ट को मंजूरी
रणबीर नहर परियोजना के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 24 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक उझ बहुउद्देशीय परियोजना (Ujh Multi Purpose Project) के लिए 5,850.00 करोड़ आवंटित करने का लक्ष्य है। इससे कांदि बेल्ट में लगभग 31,380 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद जम्मू-कश्मीर में 196 मेगावाट बिजली भी मिलेगी। गृह मंत्रालय के मुताबिक कई वर्षों तक परियोजना को मंजूरी नहीं दी गई। एडवाइजरी कमेटी ने जनवरी, 2019 में परियोजना को मंजूरी दी।
बाढ़
प्रबंधन
की
स्कीम
एक
अन्य
रिपोर्ट
के
मुताबिक
जम्मू-कश्मीर
में
दो
प्रमुख
सिंचाई
परियोजनाएं
लगभग
पूरी
हो
चुकी
हैं।
इनमें
'मेन
रावी
नहर'
(Main
Ravi
Canal)
(62
करोड़
रुपये)
और
'त्राल
लिफ्ट
सिंचाई
योजना'
का
तीसरा
चरण
(45
करोड़
रुपये)
पूरा
होने
की
खबर
है।
किसानों
की
खेती
बाढ़
के
कारण
भी
प्रभावित
होती
है।
इस
परेशानी
से
निपटने
के
लिए
झेलम
नदी
और
उसकी
सहायक
नदियों
से
जुड़ी
व्यापक
बाढ़
प्रबंधन
योजना
बनाई
गई।
399.29
करोड़
रुपये
लागत
वाली
इसका
पहला
पूरा
हो
चुका
है।
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