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झारखंड में सुखा से निबटने के लिए वैकल्पिक खेती पर जोर, कृषि विभाग बनाया ये प्लान

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रांची, 01 अगस्त: झारखंड के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बक्कर सिद्दीख ने सुखाड़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी ज़िलों को वैकल्पिक खेती के लिए कृषकों के बीच प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सभी पदाधिकारिओं को किसानों को इससे निपटने के लिए हर संभव सहायता करने का निर्देश दिया। वे आज जिला कृषि पदाधिकारियों के साथ राज्य में सूखे जैसी उत्पन्न स्थिति पर वर्चुअल मोड में समीक्षा बैठक कर रहे थे। राज्य में अभी तक 50% ही वर्षापात हुई है और धान की रोपनी मात्र 15% तक ही हो पायी है।

To deal with drought in Jharkhand, emphasis on alternative farming, agriculture department made this plan

झारखंड के कृषि सचिव ने सभी ज़िलों को वर्तमान स्थिति पर लगातार नज़र बनाये रखने और उपायुक्त की अध्यक्षता में टास्क फोर्स बनाने का भी निर्देश दिया। इस बैठक में सभी जिला कृषि पदाधिकारियों से उनके जिले में वर्षापात, धान के रोपनी की स्थिति, मक्के, दलहन, तिलहन तथा मोटे अनाज की बुवाई की वर्तमान स्थिति के साथ-साथ अल्पवृष्टि की आशंका के आलोक में वैकल्पिक खेती और उसकी तैयारी के संबंध में समीक्षा की। राज्य में अभी तक 50% ही वर्षापात हुई है और धनरोपनी मात्र 15% तक ही हो पायी है। हालांकि मक्का, दलहन तिलहन और मोटे अनाज की बुवाई संतोष जनक है। लगभग 18 ज़िलों में वर्षापात 50% या उससे भी कम हुई है।

कोल्हान प्रमंडल में पूर्वी सिंहभूम एवं पश्चिमी सिंघभूम ज़िलों को छोड़कर बाकी सभी ज़िलों वर्षापात सामान्य से कम रिकॉर्ड किया गया है जो कि चिंताजनक है। हालांकि, जुलाई महीने से लगातार वैकल्पिक खेती के लिए कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से किसान गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है और कृषकों को वैकल्पिक खेती के लिए कृषक मित्र, ATM/BTM के माध्यम से प्रेरित किया जा रहा है। राज्य में 15 अगस्त तक धान की रोपनी होती है, अगर आने वाले हफ़्तों में अच्छी बारिश होती है तो धान की रोपनी 30-40% तक हो सकेगी।

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वैकल्पिक खेती के लिए मक्का, दलहन, तिलहन तथा मोटे अनाज के बीज की उपलब्धता के लिए भारत सरकार के माध्यम से राष्ट्रीय बीज निगम से बीज की मांग की जा रही है। साथ ही सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक खेती के लिए कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है। बैठक में अधिकारियों द्वारा किसानों को अल्पवृष्टि से राहत देने के लिए बीज अनुदान की राशि को बढ़ाने का अनुरोध किया गया। पशुओं के चारे की बीज और चारे की उपलब्धता के लिए भी कार्ययोजना पर विचार किया गया। साथ ही राज्य सरकार किसानों को सूखे से राहत देने के लिए आपदा प्रबंधन के अंतर्गत निहित प्रावधानों पर भी समीक्षा कर रही है, जिससे समय रहते भारत सरकार से वित्तीय सहायता ली जा सके। बैठक में कृषि निदेशक निशा, विशेष सचिव सह सलाहकार प्रदीप कुमार हज़ारी, डिप्टी डायरेक्टर संतोष कुमार एवं मुकेश कुमार मौजूद थे।

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English summary
To deal with drought in Jharkhand, emphasis on alternative farming, agriculture department made this plan
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