बीजू जनता दल ने संसद में उठाई मांग, पाइका आंदोलन को मिले भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम का दर्जा
भुवनेश्वर, दिसंबर 07। ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि ओडिशा के पाइका आंदोलन को सरकार भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम का दर्जा दे। सोमवार को संसद में पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों ने केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने मेघवाल को अपनी मांग के रूप में एक ज्ञापन सौंपा।
प्रकाश जावड़ेकर ने भी किया था पाइका को लेकर एक वादा
इस मांग को लेकर बीजेडी के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने बताया है कि जून 2017 में ओडिशा कैबिनेट ने इस बारे में एक प्रस्ताव पारित किया था। उसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उस वक्त के गृहमंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखकर अपनी मांग को दोहराया था। सस्मित पात्रा के मुताबिक, अक्टूबर 2017 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी इसका वादा किया था कि पाइका विद्रोह को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
वहीं संसद के मौजूदा सत्र में सरकार बीजेडी की इस मांग को ठुकरा चुकी है। 2 दिसंबर को राज्यसभा में दिए एक लिखित जवाब में संस्कृति मंत्रालय ने बीजेडी की मांग को मानने से इनकार कर दिया है। पात्रा के मुताबिक सरकार के इस जवाब से ओडिसा के लोगों को निराशा हुई है।
आपको बता दें कि पाइका विद्रोह 1817 में हुआ था। ये आंदोलन ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ था। ओडिशा में पारंपरिक सेना और सेनानियों को पाइका कहा जाता था जिन्हें शांति काल में वर्तमान पुलिस जैसा काम दिया जाता था। 1803 में ओडिशा पर ईस्ट इंडिया कंपनी के कब्जे के बाद पाइका के भीतर कंपनी की नीतियों को लेकर असंतोष पनपने लगा था। आपको बता दें कि अभी तक 1857 के सैनिक विद्रोह को भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है।