ओडिशा की BJD सरकार का अनोखा तोहफा, जानिए कैसे पटनायक ने बदल दी महिलाओं की जिंदगी
ओडिशा में बेरहामपुर और भुवनेश्वर निगमों के प्रमुख महापौर पदों को महिलाओं के लिए सुरक्षित करने की ओडिशा की पटनायक सरकार (Patnaik Government) की घोषणा एक सराहनीय पहल माना जा सकता है।
नई दिल्ली, 12 मार्च। ओडिशा सरकार का महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया कदम बहुत महत्वपूर्ण है। नक्सल और हिंसा प्रभावित राज्य के घरेलू चुनावों में महिलाओं की भागीदारी मजबूती के साथ सुरक्षित करना बेहद महत्वपूर्ण है। ओडिशा में बेरहामपुर और भुवनेश्वर निगमों के महापौर पदों को महिलाओं के लिए सुरक्षित करने की ओडिशा की पटनायक सरकार (Patnaik Government) की घोषणा एक सराहनीय पहल माना जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से ठीक पहले पंचायत चुनाव के बाद नगर निकाय चुनावों में महिलाओं की भागीदारी हिंसा प्रभावित राज्य में एक अलग संदेश देगी।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने ने बाद राजनीतिक पार्टियां अपने प्रदर्शन की समीक्षा कर रही हैं। वहीं ओडिशा में जन जागरूकता और पटनायक सरकार (Patnaik Government) की ओर से महिलाओं के लिए उठाए गए कदम की चर्चा हो रही है। इससे पहले ओडिशा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में एक अनोखा प्रयास किया था। यहां के सुंदरगढ़ जिले के मालूपाड़ा गांव में ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव प्रतिनिधियों से मौखिक और लिखित परीक्षा लेकर उसमें उत्तीर्ण हुए उम्मीदवारों को ही पंचायत चुनावों में दावेदारी प्रस्तुत करने का अभिनव प्रयोग किया है। इससे लोकतंत्र का एक नया चेहरा देखने को मिला। वहीं अब ओडिशा में महिलाओं के सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। यह माना जा सकता है कि बीजू जनता दल (Biju Janata Dal) के शासनकाल में ओडिशा में अहम कुछ कदम उठाए गए। अगर बीजद (BJD) के प्रयासों का विश्लेषण करें तो यह पता चलता है कि ओडिशा के कई ऐसे कार्य हैं जो अन्य राज्यों के लिए मिशाल हैं।
निकाय
चुनाव
में
महिलाओं
को
50
प्रतिशत
आरक्षण
ओडिशा
बीजद
(BJD)
सरकार
राज्य
में
महिलाओं
के
शक्तिकरण
के
एजेंडे
को
गति
दे
रही
है।
यहां
सरकार
सहभागी,
लोकतांत्रिक
और
मूल्य-आधारित
समावेशी
संस्कृति
के
तहत
महिलाओं
के
हितों
की
रक्षा
में
ईमानदार
से
कार्य
करती
दिखाई
देती
है।
राज्य
की
राजधानी
भुवनेश्वर
जैसे
प्रमुख
शहर,
मेगा
बजनेस
सेंटर
कटक
और
बेरहामपुर
में
पार्षद
चुनाव
में
50
प्रतिशत
महिलाओं
को
आरक्षण
देना
इस
बात
को
साबित
करता
है।
अब
भुवनेश्वर
के
आगामी
शहरी
स्थानीय
निकाय
(ULB)
चुनाव
में
शहर
के
67
वार्डों
में
से
40
में
बीजद
महिला
उम्मीदवार
होंगी।
वहीं
शहर
कटक
के
59
वार्डों
में
से
34
चुनाव
लड़ने
के
लिए
बीजेडी
महिला
ब्रिगेड
को
आगे
करेगी।
इस
तरह
सिल्क
सिटी
बेरहामपुर
के
42
वार्डों
में
से
बीजद
की
23
महिला
उम्मीदवार
चुनावी
मैदान
में
हैं।
चुनाव
में
महिलाओं
को
पहली
बार
50
प्रतिशत
आरक्षण
कयास
लगाए
जा
रहे
हैं
कि
नवीन
पटनायक
की
सरकार
पांचवी
बार
फिर
से
सत्ता
में
आएगी।
बीजेडी
ने
महिलाओं
को
सशक्त
बनाने
का
यह
कदम
वर्ष
2012
में
ही
उठाया
था।
इससे
पूर्व
की
उड़ीसा
की
किसी
भी
सरकार
ने
महिलाओं
की
किसी
भी
दिशा
में
50
प्रतिशत
आरक्षण
नहीं
दिया
था।
इस
आरक्षण
की
घोषणा
करते
वक्त
मुख्यमंत्री
नवीन
पटनायक
(CM
Naveen
Patnaik)
ने
कहा
था
कि
बीजेडी
सरकर
की
यह
पहल
का
ओडिशा
के
सामाजिक-राजनीतिक
ताने-बाने
पर
दूरगामी
प्रभाव
डालेगी।
इससे
पूर्व
वर्ष
2012
में
ही
बीजेडी
सरकार
ने
पंचायती
राज
संस्थानों
के
लिए
50
प्रतिशत
आरक्षण
की
घोषणा
की
थी।
स्वयं
सहायता
समूह
(CHG)
गढ़
रहे
नए
आयाम
यह
बात
सच
है
कि
देश
में
कई
ऐसे
क्षेत्र
हैं
जहां
महिलाओं
को
सशक्त
बनाने
के
लिए
काफी
प्रयास
किए
जाने
बाकी
हैं।
पूर्वोत्तर
में
यह
स्थिति
अत्यधिक
खराब
है।
इसके
बावजूद
ओडिशा
की
यह
पहल
सरहायनीय
है।
चुनावी
मैदान
में
महिलाओं
के
सशक्तिकरण
में
कड़ी
मेहनत
और
समय
लगता
है।
मिशन
शक्ति
ओडिशा
सरकार
की
एक
प्रमुख
पहल
है।
पटनायक
सरकार
ने
महिला
स्वयं
सहायता
समूहों
के
लिए
वर्ष
2006
से
2008
तक
एक
अलग
विंग
बनाया।
जिसका
उद्देश्य
दो
लाख
स्वयं
सहायता
समूह
(CHG)
बनाने
का
था।
राज्य
भर
में
70,00,010
महिला
सदस्यों
वाली
6,02,013
महिला
स्वयं
सहायता
समूह
स्थापित
हो
चुके
हैं,
जो
अब
राज्य
सरकार
के
संरक्षण
और
समर्थन
के
साथ
आगे
बढ
रहे
हैं।
ये
समूह
अब
ग्रामीण
आर्थिक
समृद्धि
और
प्रगति
का
एक
जरिया
बन
गए
हैं।
स्वयं
सहायता
समूहों
का
प्रत्येक
सदस्य
अपने
आप
में
महिला
सशक्तिकरण
का
ब्रांड
एंबेसडर
है।
सीएम
पटनायक
की
महिलाओं
के
बीच
अनोखी
छवि
अगर
नवीन
पटनायक
सरकार
की
राजनीतिक
ग्राफ
पर
इन
तथ्यों
को
शामिल
किया
जाए
तो
बीजेडी
सरकारी
की
स्थिति
स्पष्ट
हो
जाएगी।
बीजेडी
के
महिला
सशक्तिकरण
के
प्रयास
को
देखकर
यह
लगता
है
कि
पटनायक
सरकार
महिलाओं
के
लिए
वास्तविक
चिंता
करती
है।
पार्टी
ने
हमेशा
सशक्तिकरण
के
मुद्दे
को
प्राथमिकता
दी
है।
ओडिशा
में
लोकतांत्रिक
निर्णय
लेने
की
प्रक्रिया
में
महिलाओं
की
भागीदारी
में
एक
महत्वपूर्ण
वृद्धि
दर्ज
की
जा
रही
है।
पटनायक
सरकार
ने
राज्य
परिवहन
विभाग
में
पिछले
पांच
वर्षों
के
दौरान
33
प्रतिशत
महिलाओं
को
नियुक्त
कर
लोकतांत्रिक
प्रणाली
का
सही
प्रयोग
किया
है।
महिलाओं
को
ड्राइवर
की
सीट
देकर
महिला
सशक्तिकरण
को
नया
आया
दिया
है।
ओडिशा: कटक में पुल की मिट्टी ढहने से बड़ा हादसा, सीएम पटनायक ने जताया दुख
इससे पहले 1990 के दशक में ULB और PRI दोनों चुनावों में महिलाओं के लिए बीजेडी ने 33 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा का थी। सामाजिक और राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बीजद पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक भी सामाजिक मूल्यों को सबसे रखते हैं। वे जब भी कीसी जनसभा को संबोधित करते हैं तो महिलाओं को उड़िया में 'मां ओ भौनी माने' (मेरी प्यारी माताओं और बहनों) कहते हैं। यह उनकी महिलाओं के प्रति सम्मान और स्वच्छ छवि वाले नेता की छवि को प्रदर्शित करता है।