ड्रोन पायलटिंग का कोर्स होगा सस्ता, प्रशिक्षण संस्थान भी बढ़ेंगे, उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया
नई दिल्ली, 18 मई। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि ड्रोन पायलटिंग के कोर्स सस्ते हो जाएंगे। उड्डयन मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़ जाएगी। सिंधिया ने यह बात किसानों सहित ड्रोन क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों के साथ वर्चुअल इंटरेक्टिव सत्र को संबोधित करते हुए कही। इस समय नागरिक उड्डयन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के लिए 23 प्रमाणित स्कूल हैं।
कम हो जाएगी फीस
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अगले कुछ महीनों में स्कूलों की संख्या में वृद्धि के साथ, इसके लिए फीस भी अंतत: कम हो जाएगी। ड्रोन का उपयोग खनन सर्वेक्षण, भूमि सर्वेक्षण, कृषि, रक्षा, भंडारण आदि में किया जाता है। नए जमाने की तकनीक का उद्देश्य मानवता की बेहतरी के लिए दक्षता और लागत-प्रभावशीलता लाना और लॉजिस्टिक चुनौतियों को दूर करने में मदद करना है।
ड्रोन का उपयोग अंतिम मील क्षेत्रों (लास्ट माइल रीजन) में सेवाएं देने के लिए भी किया जाता है। विजय चौक पर आयोजित इस वर्ष के 'बीटिंग र्रिटीट' समारोह में, जिसने गणतंत्र दिवस समारोह के औपचारिक अंत को चिह्न्ति किया, लगभग 1,000 स्वदेशी रूप से विकसित ड्रोन आगंतुकों (विजिटर्स) के बीच विशेष नोवेल ड्रोन शो के प्रमुख आकर्षण थे।
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करतब दिखा चुका है ड्रोन
इसके अलावा मणिपुर के बिश्नुपुर जिला अस्पताल से करांग स्वास्थ्य केंद्र तक ऑटोमेटेड ड्रोन के जरिए वैक्सीन भेजी गई थी। सड़क के रास्ते बिश्नुपुर और करांग की दूरी करीब 31 किलोमीटर की है, लेकिन हवाई मार्ग से यही दूरी महज 15 किलोमीटर हो जाती है। ऐसे में बिश्नुपुर से करांग तक वैक्सीन पहुंचाने में ड्रोन को मात्र 15 मिनट समय लगे।