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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा-प्रधानाचार्यों में बच्चों के मनोविज्ञान की भी गहरी समझ हो

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के चेयरमैन डॉ. मनोज सोनी को पत्र लिखकर प्रधानाचार्यों के चयन के लिए सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य में प्रशासनिक प्रक्रिया की जानका

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नई दिल्ली, 14 जुलाई। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के चेयरमैन डॉ. मनोज सोनी को पत्र लिखकर प्रधानाचार्यों के चयन के लिए सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य में प्रशासनिक प्रक्रिया की जानकारी के साथ-साथ बच्चों के सीखने की प्रक्रिया और उनके मनोविज्ञान की भी गहरी समझ होनी चाहिए।

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गौरतलब है कि दिल्ली में लगभग एक दशक के लंबे अंतराल के बाद संघ लोक सेवा आयोग द्वारा दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रधानाचार्यों की भर्ती के लिए चयन परीक्षा आयोजित की गई है। इस बाबत उपमुख्यमंत्री ने यूपीएससी के चेयरमैन डॉ. सोनी को पत्र लिखकर उनका आभार व्यक्त किया और प्रधानाचार्यों के चयन के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली छह विषय वस्तुओं के अतिरिक्त पांच और योग्यताओं पर ध्यान देने की बात कही। यूपीएससी द्वारा प्रधानाचार्यों के चयन के लिए आयोजित की जाने वाली लिखित परीक्षा 300 अंकों की होती है और पूरे रिजल्ट में इसका वेटेज 75 प्रतिशत होता है। यूपीएससी छह विषयों पर प्रधानाध्यापकों के लिए एक उम्मीदवार की जांच करता है। सिसोदिया ने इसके अतिरिक्त प्रधानाचार्यों के चयन के लिए पांच सुझाव दिए। इनमें प्रत्येक बच्चे और उसकी सीखने की क्षमता के प्रति विश्वास, दिल्ली की संस्कृति और विविधता का सम्मान, दिल्ली की जमीनी हकीकत की समझ, शिक्षकों को प्रेरित करने और उन्हें गाइडेंस देने में सक्षमता और रिसर्च ओरिएंटेड माइंडसेट हमेशा पढ़ने-सीखने के लिए तत्परता शामिल है। सिसोदिया ने कहा कि प्रधानाचार्यों के चयन के दौरान यूपीएससी इन सभी बिन्दुओं का भी ध्यान रखे, क्योंकि प्रधानाचार्य न केवल एक अकेडमिक एडमिनिस्ट्रेटर होते हैं, बल्कि वो एक स्कूल लीडर की भूमिका भी निभाते हैं। ऐसे में एक प्रधानाचार्य के अंदर ये सभी गुण होना बेहद महत्वपूर्ण है।

प्रधानाचार्यों के 363 पद भरने से एजुकेशन सिस्टम और मजबूत होगा
सिसोदिया ने पत्र में लिखा कि 17 जुलाई 2022 भारत की शिक्षा प्रणाली के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित होगा, क्योंकि इस दिन शिक्षा निदेशालय दिल्ली में प्रधानाचार्यों के 363 पदों के लिए यूपीएससी द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपनाने के बाद से स्कूल एजुकेशन सिस्टम को मजबूत करने की सबसे बड़ी कवायद होगी। उन्होंने आगे लिखा कि 2012 में हुई पिछली परीक्षा और 2022 की वर्तमान भर्तियों के बीच के समय अन्तराल में बहुत से सराहनीय बदलाव आए हैं और इसमें एक सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह आया है कि पिछले 7 सालों में दिल्ली सरकार ने गवर्नमेंट स्कूल सिस्टम के प्रति दोबारा जनता के विश्वास को बढ़ाने का काम किया है। ज्ञात हो कि दिल्ली में लगभग एक दशक के बाद यूपीएससी द्वारा प्रधानाचार्यों की सीधी भर्ती की जा रही है। इससे पहले 58 प्रधानाचार्यों के पिछले बैच ने 2012 में अपनी लिखित परीक्षा दी थी और 2015 में स्कूलों को ज्वाइन किया था। 2010 में शुरू हुई यह भर्ती प्रक्रिया 2015 में पूरी हुई थी।

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English summary
Deputy CM Manish Sisodia said that the principals should also have a deep understanding of the psychology of children
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