क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

दो बेटियों ने कॉमनवेल्थ में जीत कर दिया था गोल्ड, लॉन बॉल्स में रहा झारखंड का दबदबा

दो बेटियों ने कॉमनवेल्थ में जीत कर दिया था गोल्ड, लॉन बॉल्स में रहा झारखंड का दबदबा

Google Oneindia News

रांची, 04 अगस्त: कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को सोना जीत कर देने वाली झारखंड की बेटियों की चर्चा हो रही है। क्यों कि राज्य की बेटी लवली चौबे और रानी तिर्की के कमाल से भारतीय टीम बर्मिंघम में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रही। एक अनजान खेल जिसकी जानकारी कुछ समय पहले तक किसी को नहीं थी, लेकिन लवली चौबे और रानी तिर्की की जोड़ी ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। चार खिलाड़ियों की भारतीय महिला लॉन बॉल टीम (फोर्स) ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 17-10 से पराजित किया।

Commonwealth Games 2022: Jharkhand has been number one in lawn balls

खास बात है कि इस गेम को झारखंड की लवली चौबे लीड कर रही थीं। लवली चौबे पुलिस में नौकरी करती हैं। वहीं, रूपा रानी तिर्की रामगढ़ की जिला खेल पदाधिकारी हैं। इस खेल को 'रॉयल गेम' माननेवाले खिलाड़ियों की मानें, तो इसे नौ साल के बच्चे से लेकर 99 साल के बूढ़े तक खेल सकते हैं। लॉन बॉल्स में झारखंड का हमेशा से दबदबा रहा है। 2007 में शुरू हुए इस खेल ने राज्य के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। सुनील बहादुर, चंदन कुमार सिंह, दिनेश कुमार, कृष्णा खलखो, लवली चौबे, रूपा रानी तिर्की, फरजाना खान, सरिता तिर्की जैसे खिलाड़ी देश-दुनिया में झारखंड का परचम लहरा रहे हैं।

ये खिलाड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप, एशिया पैसिफिक मर्डेका कप, एयरो एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप में भाग ले चुके हैं। आज राज्य के 100 से ज्यादा खिलाड़ी अपने परफॉरमेंस के दम पर देश-दुनिया में सफलता का परचम लहरा रहे हैं। इन्हीं खिलाड़ियों की बदौलत आज झारखंड लॉन बॉल्स का नंबर वन स्टेट है। शानदार परफॉरमेंस की बदौलत ही भारतीय लॉन बॉल्स टीम में झारखंड के पांच-छह खिलाड़ियों का चयन हमेशा होता है।

दूसरे राज्यों के खिलाड़ी रांची में करते हैं अभ्यास
लॉन बॉल्स नौ राज्यों झारखंड, बंगाल, बिहार, असम, दिल्ली, मणिपुर, पंजाब, अरुणाचल, ओड़िशा में खेला जाता है। इनके अलावा अब कुछ अन्य राज्यों में भी इसकी शुरुआत हो चुकी है, लेकिन वहां के खिलाड़ी समय-समय पर रांची आकर अभ्यास करते हैं।

चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हरा चुके हैं
2018 गोल्ड कोस्ट (ऑस्ट्रेलिया) कॉमनवेल्थ गेम्स में झारखंड के खिलाड़ियों की मदद से भारतीय टीम ने विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हरा कर बड़ा उलटफेर किया था। उस वक्त ऑस्ट्रेलियाई अखबारों ने भारतीय खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की थी।

यह भी जानें
वहीं भारत में कोलकाता के द रॉयल कलकत्ता गोल्फ क्लब में 1886-87 में लॉन बॉल्स की शुरुआत हुई। क्लब के अमीर सदस्य ही लॉन बॉल्स खेलते थे। इसकी जानकारी बाहर के लोगों को नहीं के बराबर होती थी।

मधुकांत पाठक देश के एकमात्र क्वालीफाइड कोच
झारखंड लॉन बॉल्स एसोसिएशन के महासचिव मधुकांत पाठक देश के एकमात्र क्वालीफाइड कोच (लॉन बॉल्स) हैं। भारतीय टीम के साथ-साथ झारखंड टीम के कोच भी मधुकांत पाठक ही रहे हैं। वह 2008 से झारखंड टीम और 2011 से भारतीय टीम को कोचिंग दे रहे हैं। मधुकांत पाठक क्रिकेट अंपायर भी रहे हैं। इस दौरान में उन्हें 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया जाने का मौका मिला। उसी दौरे में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर स्टीव वॉ को लॉन बॉल खेलते देखा। इसके बाद वह कुछ दिन ऑस्ट्रेलिया में ही रहे और लॉन बॉल कोच का प्रशिक्षण हासिल किया।

मधुकांत पाठक देश के एकमात्र क्वालीफाइड कोच
झारखंड लॉन बॉल्स एसोसिएशन के महासचिव मधुकांत पाठक देश के एकमात्र क्वालीफाइड कोच (लॉन बॉल्स) हैं। भारतीय टीम के साथ-साथ झारखंड टीम के कोच भी मधुकांत पाठक ही रहे हैं। वह 2008 से झारखंड टीम और 2011 से भारतीय टीम को कोचिंग दे रहे हैं। मधुकांत पाठक क्रिकेट अंपायर भी रहे हैं। इस दौरान में उन्हें 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया जाने का मौका मिला। उसी दौरे में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर स्टीव वॉ को लॉन बॉल खेलते देखा। इसके बाद वह कुछ दिन ऑस्ट्रेलिया में ही रहे और लॉन बॉल कोच का प्रशिक्षण हासिल किया।

ये भी पढ़ें:- 'ऑपरेशन लोटस' को लेकर सीएम सोरेन ने BJP पर साधा निशाना, बोले- 'हम डरेंगे नहीं'ये भी पढ़ें:- 'ऑपरेशन लोटस' को लेकर सीएम सोरेन ने BJP पर साधा निशाना, बोले- 'हम डरेंगे नहीं'

लॉन बॉल्स के खिलाड़ियों के लिए नहीं है ग्रास ग्रीन
लॉन बॉल के कोच मधुकांत पाठक के अनुसार सरकार इस खेल को महत्व नहीं देती है। उन्होंने बताया कि राज्य में ग्रास ग्रीन नहीं है। खिलाड़ी सिंथेटिक ग्रास पर प्रैक्टिस करते हैं। आठ साल पहले सरकार से इस मामले पर हस्तक्षेप का आग्रह किया गया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि टूर्नामेंट में भाग लेने या कोई टूर्नामेंट के आयोजन के लिए भी छोटा-छोटा स्पांसर ढूंढ़ना पड़ता है।

Comments
English summary
Commonwealth Games 2022: Jharkhand has been number one in lawn balls
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X