
CM हेमंत सोरेन: शराब दुकान संचालक 15 दिनों में सुधारें कार्यशैली, नहीं तो होगी कार्रवाई
रांची, 29 नवंबर: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शराब दुकानों के संचालकों की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्हें दुकानों पर कार्यरत कर्मियों का वेतन भुगतान अविलंब करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि मैन पावर सप्लाई एजेंसी सुनिश्चित करे कि किसी भी कर्मी का वेतन बकाया न रहे। मुख्यमंत्री ने उत्पाद दुकान के संचालकों से कहा कि अगले 15 दिनों के भीतर कार्यशैली सुधारें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

साथ ही मुख्यमंत्री ने उत्पाद राजस्व में कमी के कारणों को भी शीघ्र सुधारने का सख्त निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि उत्पाद राजस्व का तय वार्षिक लक्ष्य हर हाल में अगले 4 महीनों के भीतर हर पूरा होना चाहिए। मुख्यमंत्री सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में उत्पाद से होनेवाले राजस्व प्राप्ति की समीक्षा कर रहे थे।
सीएम ने अधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार द्वारा झारखंड में नई शराब नीति बनाई गई है। नई नीति का उद्देश्य राजस्व में वृद्धि करना है। उन्होंने एजेंसियों और अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि वे अपनी जिम्मेदारी समझें और लक्ष्य के अनुरूप राजस्व प्राप्त करने के सभी सार्थक प्रयास करें। अगले 15 दिनों में वह उनके कार्यों की पुन: समीक्षा करेंगे।
सुधार नहीं होने पर सभी एजेंसी के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी दंडात्मक कार्रवाई भी करेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री ने सभी एजेंसियों को आश्वस्त किया कि राजस्व संग्रहण से संबंधित किसी भी कार्रवाई में राज्य प्रशासन द्वारा उन्हें हर प्रकार से सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने थोक विक्रेताओं को भी निर्देश दिया कि मांग के अनुरूप सभी वांछित पैक साइज उपलब्ध कराएं, नहीं तो उनके विरुद्ध भी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश
अधिकारी खुदरा उत्पाद दुकानों की निरंतर मॉनिटरिंग करें।
हर हाल में अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाएं।
नकली शराब बनाकर बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें।
एजेंसी संचालक भी खुदरा उत्पाद दुकानों का लगातार निरीक्षण करें।
उत्पाद दुकानों में कार्यरत कर्मियों की मिलीभगत की भी जांच करें।
सभी खुदरा उत्पाद दुकानों का लक्ष्य निर्धारित करें।
खुदरा उत्पाद दुकानों के बाहर रेट लिस्ट डिस्प्ले करें।
ओवर प्राइसिंग की शिकायत पर कार्रवाई जरूर करें।
बोतलों की निर्धारित कीमतों में हेरफेर करने वाले माफिया व दुकानदारों पर सख्त नजर रखें।
एक्साइज कंट्रोल रूम को सशक्त बनाएं।
आम जनता की शिकायत मिलने पर विभाग तथा संचालक संयुक्त रूप से कार्रवाई करें।
विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नवंबर तक कुल लक्ष्य 1600 करोड़ रुपए के विरुद्ध 1084 करोड़ रुपए ही जमा हुए हैं। यह नवंबर तक के लक्ष्य का लगभग 68% है। खुदरा उत्पाद दुकानों की सेल एफिशिएंसी 73.75% है। बिक्री की मुख्य जिम्मेवारी नियमानुसार मानव प्रदाता एजेंसियों की है।
वांछित बिक्री के आधार पर ही राजस्व लक्ष्य का संग्रहण संभव हो सकता है। लक्ष्य से कम राजस्व वसूली के संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर विभागीय सचिव ने बताया कि मानव प्रदाता एजेंसियां निर्धारित बिक्री लक्ष्य के अनुरूप शराब की बिक्री नहीं कर पा रही, जिससे राजस्व लक्ष्य में कमी दिख रही है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि विभागीय समीक्षा में कई बातें सामने आई हैं। मानव प्रदाता एजेंसी द्वारा विक्रेताओं का वेतन आदि का भुगतान नहीं किए जाने से विक्रेता हतोत्साहित हैं। कतिपय दुकानों में विभागीय पदाधिकारियों द्वारा एमआरपी से अधिक मूल्य पर बिक्री, शराब में पानी मिलाने जैसी गतिविधि तथा अवैध शराब की बिक्री जैसी अनियमितताएं भी पाई गई हैं।