बिहार की अपनी खादी नीति के लिए खादी बोर्ड ने की पहल
Khadi In Bihar: पटना। बिहार की अपनी खादी नीति होगी, इसके लिए बिहार राज्य खादी बोर्ड ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। शनिवार को राज्यभर की खादी संस्थाओं की बैठक का आयोजन किया गया। इसमें पूरे प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे 72 संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में बिहार राज्य खादी-ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अशोक कुमार सिन्हा ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की अपनी खादी नीति से प्रदेश में खादी को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए राज्यभर में कार्यरत खादी संस्थाओं की राय ली जा रही है। अब प्रत्येक तीन माह पर संस्थाओं की बैठक होगी।
बिहार खादी-ग्रामोद्योग संस्था संघ के महामंत्री देवेंद्र ठाकुर ने भी इसमें हिस्सा लिया। ठाकुर ने बोर्ड से खादी पुनरुद्धार योजना को मूल रूप से लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उस योजना में खादी एवं इसकी संस्थाओं के विकास की बात कही गई है। लेकिन, इसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है।
उत्पाद
को
जीएसटी
मुक्त
करने
की
मांग
ग्राम-निर्माण
मंडल
के
अध्यक्ष
प्रभाकर
कुमार
ने
कहा
कि
खादी
एवं
ग्रामोद्योग
उत्पादों
को
सरकार
जीएसटी
एवं
आयकर
से
मुक्त
करे।
पहले
इस
पर
कोई
टैक्स
नहीं
था,
लेकिन
अब
सरकार
इस
पर
टैक्स
लादती
जा
रही
है।
खादी
संस्थाओं
का
उद्देश्य
केवल
लाभ
कमाना
नहीं
है
बल्कि
रोजगार
सृजन
करना
है।
सरकार
को
खादी
संस्थाओं
के
साथ
सामान्य
कंपनियों
की
तरह
व्यवहार
बंद
करना
चाहिए।
बाजार
उपलब्ध
कराने
की
मांग
ग्रामीण
रोजगार
सृजन
कार्यक्रम
फेडरेशन
के
चेयरमैन
अरुण
प्रकाश
ने
मांग
की
कि
बोर्ड
को
ग्रामोद्योग
के
क्षेत्र
में
काम
करने
वाली
संस्थाओं
को
बाजार
मुहैया
कराना
चाहिए।
यहां
की
संस्थाओं
को
न
केवल
राष्ट्रीय
बल्कि
अंतरराष्ट्रीय
बाजार
से
जोड़ने
की
जरूरत
है।
ग्रामोद्योग
के
उत्थान
के
लिए
विशेष
योजना
बनाने
की
जरूरत
है
ताकि
इस
क्षेत्र
में
काम
करने
वाली
संस्थाओं
को
नए
सिरे
से
मजबूत
कर
प्रदेश
के
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
लोगों
को
रोजगार
मुहैया
कराया
जा
सके।
इस
अवसर
पर
हबीबुल्ला
खादी-ग्रामोद्योग
ग्रामीण
विकास
संघ
के
सचिव
राजिक
अंसारी
ने
कहा
कि
राज्य
में
खादी
के
विकास
के
लिए
बोर्ड
की
ओर
से
पहल
की
गई
है।
इससे
खादी
संस्थाओं
को
काफी
लाभ
मिलेगा।
बैठक
में
खादी
मॉल
के
प्रबंधक
रमेश
चौधरी
सहित
राज्यभर
से
आए
प्रतिनिधियों
ने
भाग
लिया।