सुल्तानपुर: कैंडिडेट के खिलाफ आक्रोश को दबाने के लिए सपा ने दिए लॉलीपॉप
इसौली के वोटरों के विरोध और आक्रोश के बावजूद इसौली सीट से सपा के सिंबल पर नामांकन करवाने के लिए विधायक अबरार अहमद कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे।
सुल्तानपुर। इसौली सीट पर सपा प्रत्याशी के खिलाफ वोटरों के विरोध की आवाज़ राजधानी लखनऊ में अखिलेश यादव की चौखट तक सुनी गई। बावजूद इसके आवाज़ को दबाते हुए सपा नेतृत्व ने अपना तुगलकी फैसला बरकारार रखा और सीट से कमजोर प्रत्याशी को ही उतारा, जिन्होंने मंगलवार को नामांकन भी करवाया। वहीं, एक तीर से दो निशाने साधते हुए वोटरों की प्रत्याशी को बदलने की मांग और डैमेज कंट्रोल को मद्देनजर रखते हुए सपा नेतृत्व ने पद बांटना शुरु कर दिया। इससे पद पाने वाले भले ही गदगद हो गए हो लेकिन वोटरों में भारी आक्रोश है।
नामांकन करने बाइक से पहुंचे
मंगलवार को इसौली के वोटरों के विरोध और आक्रोश के बावजूद इसौली सीट से सपा के सिम्बल पर नॉमिनेशन फाइल करने के लिए एमएलए अबरार अहमद कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे। वोटरों के विरोध के चलते उन्हें नॉमिनेशन रूम तक बाइक से जाना पड़ा। वहीं, उन्होंने नॉमिनेशन फाइल करने के बाद क्षेत्र में विकास करने का दावा किया। जबकि एमएलए रहते हुए 5 वर्षों में उन्होंने क्षेत्र का कितना विकास किया उसकी कहानी क्षेत्र के खस्ताहाल मुख्य मार्ग ही बया कर रहे हैं।
सातवें आसमान पर है वोटरों का आक्रोश
इस सीट पर प्रत्याशी को लेकर पार्टी नेताओं और उनके समर्थकों को भांपते हुए सपा नेतृत्व ने डैमेज कंट्रोल को लेकर बड़ा क़दम उठाया। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने वोटरों में मज़बूत पकड़ रखने वाली इस सीट से सशक्त दावेदार एवं पूर्व लोकसभा प्रत्याशी शकील अहमद को प्रदेश कार्यकारिणी में सचिव का पद दे डाला। इसके पीछे का मक़सद बढ़े गतिरोध और आक्रोश को कम करना था। इससे पद पाने वाले शकील अहमद भले ही गदगद हो गए हो लेकिन वोटरों का आक्रोश अब भी सातवें आसमान पर है। इलाके के रामसजीवन, मो. इसहाक, याहिया खान, नसीम अहमद आदि का कहना है कि एमएलए ने 5 सालों में सिर्फ बदजुबानी की है। अब वक़्त आ गया है इसका हिसाब चुकता किया जाएगा।
बीजेपी-बीएसपी चिंताजनक, रालोद की है मजबूत स्थिति
वैसे, इसौली सीट पर फिलहाल स्थिति ये है कि बीजेपी द्वारा उतारे गए प्रत्याशी ओमप्रकाश पाण्डेय बजरंगी जो कि बीएचपी के सक्रिय मेंबर थे जिसके चलते उन्हें पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। बीएसपी प्रत्याशी भी क्षेत्र में दिख रहे हैं। ऐसे में 2012 में पीस पार्टी से सेकेंड पोजिशन में रहे वर्तमान में रालोद प्रत्याशी यशभद्र सिंह मोनू काफी मज़बूत स्थिति में हैं। क्षेत्र के विकास व अपने छिने स्वाभिमान के लिए इसौली के वोटर खासकर सपा प्रत्याशी के वर्ग-विशेष के वोटर मज़बूती के साथ रालोद का हैंडपंप चलाने में जुट गए हैं। ये भी पढ़ें:सुल्तानपुर: नॉमिनेशन के बाद इसौली सीट पर बढ़ी सपा की परेशानियां, चलता नजर आ रहा है रालोद का हैंडपंप!