सुल्तानपुर: नॉमिनेशन के बाद इसौली सीट पर बढ़ी सपा की परेशानियां, चलता नजर आ रहा है रालोद का हैंडपंप!
इसौली सीट मुस्लिम बाहुल्य है जिस पर सपा ने इस सीट से सिटिंग एमएलए अबरार अहमद को अपना कैंडिडेट बनाया है। क्षेत्र में इनकी प्रतिष्ठा का आलम ये है कि हर मोड़ पर इनका खुला विरोध है।
सुल्तानपुर। पांचवे चरण में होने वाली वोटिंग के लिए सोमवार को यहां बीजेपी, सपा और रालोद समेत कई पार्टियों के कैंडिडेट्स ने नॉमिनेशन किया। नॉमिनेशन के बाद सपा के लिए हर दृष्टिकोण से काफी अहम मानें जानी वाली इसौली सीट से सपा के लिए परेशानिया बढ़ गई हैं। यहां सपा समेत सभी दलों की मुख्य लड़ाई रालोद के बाहुबली उम्मीदवार से होगी। जिसमें यहां अब रलोद का हैंडपंप चलता नजर आ रहा है।
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मुस्लिम बाहुल्य सीट पर सपा के मुस्लिम उम्मीदवार का है विरोध
इसौली सीट मुस्लिम बाहुल्य है जिस पर सपा ने इस सीट से सिटिंग एमएलए अबरार अहमद को अपना कैंडिडेट बनाया है। क्षेत्र में इनकी प्रतिष्ठा का आलम ये है कि हर मोड़ पर इनका खुला विरोध है। खासकर खुद उनके अपने वर्ग-विशेष के वोटबैंक में। हाल ही में अपने कैंडिडेट के इस विरोध को सपा के नेशनल प्रेसिडेंट अखिलेश यादव ने अपने आवास पर करीब से देखा भी था। बावजूद इसके एमएलए का टिकट बरकारार रहा। सूत्रों के मुताबिक इसकी वजह कैबिनेट मंत्री आजम खान की जुड़ी हुई प्रतिष्ठा है। क्योंकि एमएलए की गिनती मंत्री के खास आदमियों में होती है।
बगावत पर उतरे जिला पंचायत अध्यक्ष पति शिवकुमार
वर्तमान में इसौली सीट पर आलम ये है कि बीजेपी और बीएसपी ने यहां से ब्राह्मण कैंडिडेट उतारे हैं। जबकि सपा जिला पंचायत अध्यक्ष पति शिवकुमार सिंह ने सपा से बगावत कर MBCI से नॉमिनेशन किया है। अब ब्राह्मण वोटों का दो ओर बंटवारा होना तय है। वहीं MBCI कैंडिडेट भी अपनी समाजसेवी छवि के चलते कहीं न कहीं सपा के वोट बैंक में सेंधमारी करेंगे।
रालोद कैंडिडेट को स्वर्गीय पिता के साथ पूर्व एमएलए भाई का भी मिलेगा सपोर्ट
सपा कैंडिडेट के विरोध और वोट को लेकर इन कैंडिडेट की आपस की लड़ाई का पूरा फायदा रालोद कैंडिडेट ब्लाक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू को होगा। दरअसल रालोद कैंडिडेट यशभद्र सिंह को अपने स्वर्गीय पिता, बड़े भाई और वर्तमान में बीजेपी नेता व पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू का भी सपोर्ट मिलेगा। 2012 के चुनाव में इसी सीट से मोनू ने पीस पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ते हुए दूसरा स्थान हासिल किया था। मोनू को 34,872 वोट मिले थे।
इसौली सीट पर सब की दावेदारी मजबूत
सुल्तानपुर सीट से बीजेपी की ओर से पूर्व विधायक सूर्यभान सिंह ने नामिनेशन किया है। सूर्यभान सिंह ने बीजेपी लहर में 1996 में इस सीट से जीत दर्ज की थी। उनके मुकाबले में मौजूद एक दशक से सपा के सिटिंग एमएलए अनूप संडा ने भी नामिनेशन किया है। वहीं रालोद की ओर से बसंत बरनवाल ने भी पर्चा दाखिल किया है।
कादीपुर से मजबूत स्थिति में बीजेपी कैंडिडेट
हाल ही कादीपुर सुरक्षित सीट से बीजेपी में शामिल हुए राजेश गौतम ने सोमवार को पर्चा भरा। राजेश गौतम अपने स्वर्गीय पिता कांग्रेस नेता जयराज गौतम के पुत्र हैं। जिसका उन्हें लाभ मिल सकता है। इसके अलावा बीएसपी और कांग्रेस कैंडिडेट के विरोध का भी उन्हें लाभ मिल सकता है। दरअसल कांग्रेस ने अंगद चौधरी को अपना कैंडिडेट घोषित किया है। अंगद चौधरी इस सीट से सिटिंग एमएलए रामचन्द्र चौधरी के पुत्र हैं जिनका इलाके में भारी विरोध है। इसे भांप बेटे ने आखिरी समय में कांग्रेस का दामन थामा और टिकट हथिया लिया। लेकिन क्षेत्र से लेकर पार्टी तक उनका भारी विरोध बीजेपी को मजबूत कर रहा है।
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