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UP में 4 महीने में सरकार ने धान और गन्ना किसानों को दिए 20 हजार करोड़ ?

यूपी के गन्ना और चीनी आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने कहा कि राज्य किसानों को शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और स्थिति की नियमित निगरानी की जा रही है।

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योगी आदित्यनाथ

Paddy and Sugarcane Growers in UP : उत्तर प्रदेश में किसानों को उनके धान और गन्ने के लिए पिछले चार महीनों में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए हैं। अधिकारियों की माने तो गन्ने की पेराई और धान की खरीद का सीजन चल रहा है। इस पेराई सत्र के अंत में कुल कृषि भुगतान दोगुने से अधिक होने की उम्मीद है। दरअसल कुछ दिनों पहले ही विपक्ष ने सरकार पर इस बात को लेकर हल्ला बोला था कि वर्तमान सत्र बीतने को है लेकिन सरकार ये नहीं बता पा रही है कि गन्ना किसानों से जो खरीददारी हो रही है वह पुराने समर्थन मूल्य पर हो रही है या नए मूल्य पर।

अब तक हुआ 20 हजार करोड़ का भुगतान

दोवों के मुताबिक अब तक 20 हजार करोड़ का जो भुगतान हुआ है उसमें निजी और सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा गन्ने का भुगतान 9,000 करोड़ रुपये से अधिक है जबकि भारतीय खाद्य निगम (FCI) सहित सरकारी एजेंसियों द्वारा धान के लिए संबंधित आंकड़ा अब तक 11,000 करोड़ रुपये के करीब है।

बकाये गन्ना मूल्य के भुगतान के निर्देश

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यूपी के गन्ना और चीनी आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने कहा कि राज्य किसानों को शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और स्थिति की नियमित निगरानी की जा रही है। चीनी मिलों को बकाया गन्ना भुगतान करने का निर्देश दिया गया है और इस प्रक्रिया की नियमित आधार पर समीक्षा की जा रही है।"

सूत्रों का दावा है कि 9,144 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान वर्तमान 2022-23 पेराई सत्र (अक्टूबर-सितंबर) से संबंधित बकाए का लगभग 71 प्रतिशत है। यूपी की 120 चीनी मिलों में, निजी चीनी मिलों की अधिकतम 93 इकाइयाँ हैं, इसके बाद 24 सहकारी क्षेत्र के संयंत्र और तीन यूपी राज्य चीनी निगम हैं।साल

6 साल में हुआ लगभग दो लाख करोड़ का भुगतान

भूसरेड्डी ने कहा कि यूपी में गन्ना भुगतान पिछले छह वर्षों में कुल 1.91 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। उत्तर प्रदेश का वार्षिक बजट 2023-24 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पेश किया जाएगा, इसलिए वित्तीय विवरण से ग्रामीण क्षेत्र को कई तरह की रियायतें मिलने की उम्मीद है।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य भर में 4,200 सरकारी खरीद केंद्रों पर किसानों को अपनी उपज बेचने में बाधा का सामना न करना पड़े। 2022-23 के खरीफ सीजन में धान का एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) सामान्य धान के लिए 2,040 रुपये प्रति क्विंटल (100 किलोग्राम) और ग्रेड ए धान के लिए 2,060 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

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In UP, the government gave 20 thousand crores to paddy and sugarcane farmers in 4 months?
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English summary
In UP, the government gave 20 thousand crores to paddy and sugarcane farmers in 4 months?
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