विशिष्ट बीएड अभ्यर्थियों को आगामी टीईटी परीक्षा में शामिल ना करने पर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आगामी 4 नवम्बर को होने वाली टीईटी परीक्षा में विशेष बीएड प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्राप्त अभ्यर्थियों को शामिल न किए जाने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में हाईकोर्ट से सरकारी वकील से तीन दिन के भीतर सरकार का पक्ष करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई अगली तीन अक्तूबर को होगी।
हाईकोर्ट के वकील जस्टिस इरशाद अली ने यह आदेश सुमन त्रिपाठी की याचिका पर दिया। याची ने आगामी टीईटी परीक्षा के लिए बीते 15 सितंबर को जारी अधिसूचना को चुनौती दी है। याची का कहना था कि वह विशेष बीएड प्रशिक्षण प्रमाण पत्र धारक है। इसके बावजूद सरकार विशेष बीएड प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल नहीं कर रही है। याची के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि पिछली टीईटी परीक्षा में विशेष बीएड प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। लेकिन इस बार उन्हें अनुमति नहीं दी गई है। सरकार का ये रवैया मनमाना और विभेदकारी है। याची ने विशेष बीएड प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वालों को भी परीक्षा में शामिल किये जाने की गुजारिश की है।
शुक्रवार को टीइटी की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने बताया कि इस वर्ष टीईटी में 12 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना है। सरकार की कोशिश है कि इस परीक्षा में किसी प्रकार की खामी ना आने पाए।
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