आधी रात को मौत बनकर वहां आई बाढ़ जहां पहले नहीं आई थी कभी, बह गए 6 लोगों में 2 शव बरामद
पता चला कि दोनों तहसीलों में मनरेगा, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, सिंचाई विभाग की ओर से बनवाए गए छोटे-छोटे बंधियां, तालाब, चेकडैम और कच्ची सड़कों से बरसात का पानी इकट्ठा हो गया।
मिर्जापुर। मिर्जापुर जिले में चार दिन से कभी तेज तो कभी धीमी बरसात से बुधवार की आधी रात को बाढ़ मौत बनकर आ गई। जिसमें 6 लोगों बह गए। वहीं शुक्रवार को दो शव बरामद किेए जा सके। इसमें एक शव डेढ़ साल के मासूम छोटू का है। उसका शव घटना स्थल से 6 किमी दूर सेतुहार गांव में पुलिया के पास मिट्टी में धंसा मिला। उसका दोनों पैर ऊपर दिख रहा था। बाढ़ में बहे बच्चे की मां 24 वर्षीय चंद्रावती और उसकी चार वर्ष की बड़ी बहन आंकाक्षा का भी अभी तक कोई अता-पता नहीं चल पाया है।
परिजन, रिश्तेदार और ग्रामीण गायब मां बेटी की खोजबीन में जुटे हैं। इसी तरह लालगंज के सेमरा प्रतापपुर गांव से बहे 75 वर्षीय वृद्ध का शव घर से चार किमी दूर कुशियरा फॉल की नर्सरी के पास झाड़ियों में फंसा मिला। चौबीस घंटे से परिवार के लोगों की खोजबीन के बाद ये सफलता मिली। वृद्ध का चादर, छाता और अन्य सामान गुरुवार को ही अलग-अलग स्थानों पर फंसा मिला था। इसलिए परिवार के सदस्यों को उम्मीद थी कि बैजनाथ हो सकता है बाढ़ में किसी पेड़ या झाड़ी के सहारे बचकर बाहर निकल आए हों लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
शव मिलने के बाद मच गया कोहराम
शव
मिलने
के
बाद
विंध्याचल
के
लेहड़िया
और
लालगंज
थाना
के
सेमरा
प्रतापपुर
गांव
में
कोहराम
मच
गया।
पहाड़ी
नदी
और
नालों
के
पानी
में
कमी
आने
के
बाद
लोगों
ने
अपने
डूबे
घरों
तक
आवागमन
शुरू
कर
दिया
है।
पीड़ित
परिवार
के
सदस्य
घरों
में
डूबे
सामानों
को
निकालना
शुरू
कर
दिया
है
लेकिन
घरों
में
कोई
सामान
सुरक्षित
नहीं
बचा
है।
इसलिए
लोगों
के
सामने
आजीविका
का
घोर
का
संकट
खड़ा
हो
गया
है।
लोग
अब
पूरी
तरह
से
प्रशासन
की
मदद
का
आसरा
लगाए
बैठे
हैं।
विकास की बाढ़ में तबाह हुए इलाके
जिले में हुए अनियोजित विकास में लालगंज और मड़िहान तहसील का इलाका पूरी तरह तबाह हो गया। जिले के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब लालगंज और मड़िहान जैसे पहाड़ी इलाकों में इस कदर अचानक बाढ़ तबाही बनकर आई हो। आपदाओं के समय भी ये इलाका पूरी तरह से सुरक्षित रहा है। इसलिए किसी को कभी अहसास ही नहीं था कि इस इलाके में बाढ़ आ जाएगी। बाढ़ आने के परतों को उकेरा जाने लगा तो पता चला कि दोनों तहसीलों में मनरेगा, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, सिंचाई विभाग की ओर से बनवाए गए छोटे-छोटे बंधियां, तालाब, चेकडैम और कच्ची सड़कों से बरसात का पानी इकट्ठा हो गया। कई दिनों की रिमझिम बरसात से इनके उपर से पानी बहने लगा तो बंधियों, चेकडैम और कच्ची सड़कों के बहने का सिलसिला शुरू हो गया। इनका पानी इकट्ठा होकर खजुरी नदी और बहेड़वा नाला, कर्णावती नदी में आने लगा। इससे अचानक बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई।
चार ब्लाकों में बिजली और संचार सेवा ठप, लोग सूचनाओं से कटे
जिले में चार दिनों की लगातार बरसात के बाद आई बाढ़ से चार ब्लाकों में बिजली और संचार सेवा पूरी तरह से ठप हो गई है। पटेहरा कला, हलिया, लालगंज और छानबे ब्लाक के अधिकांश गांवों में जगह-जगह बिजली के खंभे और तार के टूटकर गिरने से आपूर्ति और संचार सेवा से लोग पूरी तरह कट गए हैं। लोग अपने रिश्तेदारों से सूचनाओं का आदान-प्रदान भी नहीं कर पा रहे हैं।
प्रभावित गांवों में घरों के गिरने का सिलसिला जारी
जिले के बाढ़ प्रभावित चार ब्लाकों के सौ से अधिक गांवों में कच्चे मकानों के गिरने का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। बाढ़ या तेज बरसात से जिन घरों में पानी घुस गया था उनके पानी खत्म होने के बाद गिरने का ज्यादा खतरा बना है। दो चार दिनों में और घरों के गिरने की आशंका बनी है। बताया जा रहा है कि घरों में पानी भरने से कच्चे मकान कमजोर हो गए हैं। इसलिए उनके गिरने का क्रम शुरू हो गया है।