बसपा सुप्रीमो मायावती की मूर्ति तोड़ने के मामले में कोर्ट ने खारिज किया राजद्रोह
नई दिल्ली। उत्तर प्र्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती की मूर्ति तोड़ने के मामले में कोर्ट ने आरोपियों पर से राजद्रोह का मामला हटा लिया है। कोर्ट ने माना है कि मूर्ति तोड़ना राजद्रोह नहीं है।
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आपको बता दें कि 2012 में समाजवादी पार्टी की सूबे में सरकार बनने के बाद मायावती की मूर्ति तोड़ने का मामला प्रकाश में आया था।
इस मामले में कोर्ट ने आरोपी तीनों युवकों को राजद्रोह की धारा से मुक्त कर दिया है। हालांकि, अदालत ने उन पर आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत केस चलाने के लिए कहा है।
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17 अक्टूबर को आरोप होगा तय
मायावती की मूर्ति तोड़ने के आरोपी आलोक श्रीवास्तव, अर्पित श्रीवास्तव व विशाल मिश्र हैं। इन तीनाें मुल्जिमों पर कोर्ट तीनों 17 अक्टूबर को आरोप तय करेगी।
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स्पेशल जज ने की सुनवाई
स्पेशल जज बृजेश कुमार पांडेय ने यह आदेश इन आरोपितों की याचिका पर दिया है। मुल्जिमों ने अर्जी दाखिल करते हुए इस मामले में आरोप मुक्त किए जाने की मांग की थी।
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लगी थी राजद्रोह की गंभीर धारा
यह मामला 26 जुलाई 2012 का है जब गोमतीनगर के आंबेडकर पार्क में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति का कुछ हिस्सा तोड़ दिया गया था। इसमें पुलिस ने आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें आईपीसी की अन्य धाराओं के साथ ही राजद्रोह जैसी गंभीर धारा भी लगाई गई थी।