क्या है लखनऊ नगर निगम बॉन्ड, जिसे सीएम योगी ने बेल बजाकर BSE की लिस्ट में किया शामिल
लखनऊ। लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (LMC) की बॉन्ड लिस्टिंग बुधवार (02 दिसंबर) को उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में की। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेल बजाकर इसकी लिस्टिंग की। इसी के साथ लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (LMC) बॉन्ड जारी करने वाला उत्तर भारत का पहला नगर निगम बन गया है। बता दें कि लखनऊ नगर निगम का बॉन्ड 200 करोड़ रुपए का है। आइये जानते हैं कि क्या होते हैं म्युनिसिपल बॉन्ड और इनसे नगर निगम किस तरह से पैसे जुटाते हैं?
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विदेश
निवेश
जुटाने
में
मिलेगी
मदद
लखनऊ
के
नगर
आयुक्त
अजय
द्विवेदी
के
मुताबिक,
लखनऊ
म्युनिसिपल
कॉरपोरेशन
यानि
एलएमसी
के
बॉन्ड
से
निवेशकों
को
भी
फायदा
होगा।
उन्होंने
कहा
कि
निवेशकों
को
इस
पर
8.5
फीसदी
सालाना
ब्याज
मिलेगा।
इसकी
परिपक्वता
अवधि
10
साल
की
है।
उन्होंने
कहा
कि
बॉन्ड
की
लॉन्चिंग
के
बाद
लखनऊ
नगर
निगम
की
छवि
भी
बदलेगी
और
इसे
देश-विदेश
से
निवेश
जुटाने
में
भी
मदद
मिलेगी।
आइए
जानते
है
क्या
होते
हैं
बॉन्ड
बॉन्ड
एक
तरह
का
साख
पत्र
होता
है,
जिसके
तहत
आम
जनता
या
संस्थाओं
से
धन
जुटाये
जाते
हैं।
बॉन्ड
जारी
करने
वाली
संस्था
एक
निश्चित
समय
के
लिए
रकम
उधार
लेती
है
और
निश्चित
रिटर्न
यानी
ब्याज
देने
के
साथ
मूलधन
वापस
करने
की
गारंटी
देती
है।
एलएमसी
म्युनिसिपल
बॉन्ड,
क्यों
जारी
कर
रहा
है?
आसान
भाषा
में
कहा
जाए
तो
शहर
के
नगर
निगम
यानि
शहरी
निकाय,
म्युनिसिपल
बॉन्ड
जारी
करते
हैं।
सभी
जानते
हैं
कि
बड़े
शहरों
में
विकास
के
कामों
पर
काफी
पैसा
खर्च
किया
जाता
है।
सरकारी
मदद
एक
लिमिट
तक
ही
हो
सकती
है
और
ऐसे
में
निकाय
म्युनिसिपल
बॉन्ड
जारी
करते
हैं।
इस
कवायद
से
जो
पैसा
आता
है
उसे
शहर
के
विकास
पर
खर्च
किया
जाता
है।
फिलहाल
इस
तरह
के
कदम
को
पैसा
जुटाने
के
लिए
बहुत
अच्छा
विकल्प
माना
जा
रहा
है।
बहुत
बड़ी
है
यूपी
सरकार
की
प्लानिंग
आपको
बता
दें
कि
नगर
निगमों
के
लिए
इस
तरह
के
बॉन्ड
पैसा
इकट्ठा
करने
का
अच्छा
साधन
साबित
हो
रहे
हैं।
लखनऊ
के
बाद
यूपी
सरकार
गाजियाबाद,
वाराणसी,
आगरा
और
कानपुर
के
लिए
भी
इसी
प्लान
पर
अमल
कर
सकती
है।
लखनऊ
नगर
निगम
ने
बॉन्ड
की
लिस्टिंग
करने
से
पहले
ही
प्राइवेट
प्लेसमेंट
के
जरिये
200
करोड़
रुपए
जुटा
लिए
हैं।
सरकार
इससे
काफी
उत्साहित
है
और
बाकी
शहरों
के
लिए
प्लान
बना
रही
है।
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