Padma Shri Award 2023: पद्मश्री से सम्मानित होंगी जोधइया बाई, पेंटिंग को मिली राष्ट्रीय पहचान
उमरिया जिले की रहने वाली जोधइया बाई बैगा को विख्यात पद्मश्री से नवाजा जाएगा. इसमें जोधइया बाई बैगा को देश के उन 91 लोगों में शामिल किया गया है।
बैगा पेंटिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बन चुकी जोधइया बाई बैगा को पद्मश्री देने की घोषणा की गई है। उन्हें यह सम्मान इसी वर्ष 15 अगस्त को दिया जाएगा। जोधइया बाई बैगा को पद्मश्री देने की घोषणा दिल्ली में की गई है। उनकी चित्रकारी को उनके गुरू आशीष स्वामी ने तराशनें का काम किया था और उन्होंने पद्मश्री पाने के लिए काफी कोशिश किया था और उन्हीं के प्रयासों से 2 वर्ष पहले जोधइया बाई बैगा को पद्मश्री के लिए नामांकित किया गया था। उनका नाम दूसरी बार पद्म श्री के लिए चयन किया गया है।
प्रदेश सरकार के द्वारा भेजा गया था नाम
इस बार जोधैया बाई का नाम आदिवासी संग्रहालय मध्य प्रदेश भोपाल से भेजा गया था, जबकि पिछली बार जिला प्रशासन ने पद्मश्री के लिए जोधइया बाई बैगा का नाम भेजा था। हालांकि, बाद में पिछल वर्ष उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति सम्मान दिया गया। 85 वर्ष की उम्र पार कर चुकी बैगा चित्रकार जोधइया बाई बैगा की कई पेंटिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुकी हैं। जिससे उनका नाम आदिवासी कला की दुनिया में विख्यात है।
ऐसे छाईं जोधइया
शांतिनिकेतन, विश्वभारती, विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, आदिरंग ने कार्यक्रम में भाग लिया और सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश जनजातीय संग्रहालय, भोपाल में जोधइया बाई के नाम से एक स्थायी दीवार है, जिस पर उनके द्वारा बनाए गए चित्र हैं। मानस को भी संग्रहालय में शामिल किया गया है। प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने न केवल जोधइया बाई को सम्मानित किया है, बल्कि वे उनसे मिलने लोढ़ा स्थित उनके कार्यस्थल भी पहुंचे हैं।
मध्यप्रदेश में सम्मान
उनके द्वारा बनाए गए चित्रों को राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में प्रदर्शित किया जाता है। भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में भागीदारी, एलायंस फ्रांस में वर्ष 2020 में चित्रों की प्रदर्शनी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भागीदारी वर्ष 2017 में केरल में मानव संग्रहालय, भोपाल, वर्ष 2018 में शांति निकेतन, पश्चिम बंगाल में चित्रों की प्रदर्शनी, वर्ष 2020 में आईएमए फाउंडेशन लंदन द्वारा बिहार संग्रहालय, वर्ष 2014 में जनजातीय संग्रहालय, भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में भागीदारी, वर्ष 2015 में भारत भवन, पटना में भागीदारी और सम्मान और विंध्य में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सम्मानित वर्ष 2016 में उमरिया में मैकाल उत्सव का आयोजन किया गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
इसी तरह इनका राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय परंपरागत आर्ट गैलरी के आयोजन में मिलान इटली में फ्रांस में पेरिस शहर मे आयोजित आर्ट गैलरी में तथा इंग्लैण्ड, अमेरिका एवं जापान आदि देशों में इनके द्वारा बनाई गई बैगा जन जाति की परंपरागत पेटिंग्स की प्रदर्शनी लग चुकी है।
प्राचीन परंपरा के चित्र
जोधइया बाई द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स की थीम पर्यावरण और वन्य जीवन के महत्व को दर्शाती पुरानी भारतीय परंपरा में देवलोक, भगवान शिव और टाइगर की अवधारणा पर आधारित है। इसके साथ ही बैगा जनजाति की संस्कृति पर आधारित चित्रों को विदेशियों द्वारा खूब सराहा जाता है। जोधइया बाई नई पीढ़ी के लिए आदर्श बन गई हैं। इस उम्र में भी वह सक्रिय रूप से भाग लेती हैं।
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