वो ओलंपियन एथलीट जो बन गई थी वेगस की सबसे बड़ी सेक्स वर्कर, वजह जानकर रह जायेंगे हैरान
नई दिल्ली। हम सभी खेल जगत की ऐसी सफलता की कहानियों के बारे में जानते हैं जिसमें एक खिलाड़ी मुश्किल समय से उबर कर अपने सपने को पूरा करने का काम करता है, लेकिन तब क्या होता है जो कड़ी मेहनत के बावजूद खिलाड़ी को सफलता न मिले। उस वक्त क्या होता है जब किसी एथलीट को वो शोहरत नहीं मिल पाती जिसका उसे वादा किया गया होता है। इतनी मेहनत के खराब होने और सपनों के टूटने का दर्द कहां जाता है, कैसे कोई खिलाड़ी उस फ्रस्टेशन से बाहर निकल सकता है। जब किसी चीज के लिये आपने अपना सारा जीवन समर्पित किया हो और उसके बावजूद चीजें आपके हिसाब से न जाये तो दोबारा से किसी और चीज में शुरुआत कर पाना आसान नहीं होता है।
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सूजी फेवर हैमिल्टन की कहानी भी कुछ ऐसी ही है जो कि ओलंपिक में एक रनर थी और वहां से किस तरह से वो दुनिया की सबसे महंगी कॉल गर्ल बन गई। 2011 में सूजी हैमिल्टन एक मशहूर मिडल डिस्टेंस रनर थी, जो कि अपनी खूबसूरती के लिये मशहूर थी और यूएसए को 3 बार ओलंपिक्स में रिप्रेजेंट कर चुकी थी।
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द स्मोकिंग गन ने बदल दी पूरी जिंदगी
सूजी के पास नाइक और वॉल्ट डिज्नी के प्रमोशनल इवेंट का करार था और वो अपने पति और अपनी बेटी के साथ आदर्श परिवार नजर आती थी लेकिन द स्मोकिंग गन ने एक स्टोरी 'यूएस ओलंपियन सीक्रेट लाइफ एज लॉस वेगस एस्कॉर्ट' पब्लिश की जिसने उनकी पूरा जीवन ही बदल डाला। इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि सूजी पिछले एक साल से लॉस वेगास में एक सेक्स वर्कर के रूप में काम कर रही हैं और वेबसाइट ने उसका स्टिंग किया है। सूजी ने इस घटना को बहुत बड़ी गलती बताया लेकिन वो सेक्स वर्कर के अपने काम को गलती बताने से कतराती नजर आयी। इस रिपोर्ट के सामने के बाद सूजी ने अपनी सभी स्पॉन्सरशिप खो दी और उनका नाम कई सारे वेबसाइट पर नजर आने लगा।
हालांकि इससे एक फायदा हुआ और हैमिल्टन को एक ऑटोबॉयोग्राफी की डील मिल गई। हैमिल्टन ने अपनी किताब में इस पूरी घटना का जिक्र किया और बताया कि वो किस तरह से एक ओलंपियन से सेक्स वर्कर बनीं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिस तरह से वो इंटरव्यू में अपने काम पर शर्मशार नजर आ रही थी तो वहीं किताब में इस पर गर्व जताती हुई नजर आ रही हैं। अपनी किताब 'हर मेमॉर, फास्ट गर्ल:रनिंग फ्रॉम द मैडनेस' में वो कॉल गर्ल बनने के दौरान की अपनी कहानियों का विस्तार से वर्णन करती नजर आयी हैं।
काफी आसान रहा था शुरुआती जीवन
सूजी हैमिल्टन की बात करें तो वो 5 भाई बहनों में सबसे छोटी थी और इस वजह से उनका शुरुआती जीवन सबसे ज्यादा आसान रहा। 9 साल की उम्र में सूजी ने अपने दौड़ने को हुनर को पहचान लिया और मेहनत करते हुए विन्सकॉइन यूनिवर्सिटी में फुल स्कॉलरशिप में एडमिशन लिया। यहीं पर उनकी मुलाकात अपने होने वाले पति मार्क से हुई। ग्रैजुएशन खत्म होने तक हैमिल्टन ने अगले 6 सालों के लिये 5 अंकों वाला करार हासिल कर लिया था और 1992 के ओंलपिक्स ट्रॉयल्स में पास होकर जगह बना ली। ओलंपिक्स के लिये क्वालिफाई करने के बाद वॉग, एलि और रोलिंग स्टोन जैसी मैग्जीन में उन्हें काफी ख्याति मिली और वो उन्हें काफी पसंद भी आया।
अचानक मिली इस शोहरत का असर हैमिल्टन का उनके परिवार के साथ रिश्ता काफी मुश्किल हो गया और वो अक्सर घर वालों से दूर होती नजर आयी। जब उनके बड़े भाई डैन ने बाइपोलर डिसऑर्डर के चलते खुशखुशी कर ली तब भी उनके फ्यूनरल पर जाने के बजाय सूजी एक प्रमोशनल इवेंट में चली गई, जिसके बाद उनके घरवालों ने उनसे दूरी बना ली।
यूएसए के लिये 3 बार लिया ओलंपिक खेलों में हिस्सा
सूजी हैमिल्टन ने यूएसए के लिये 1992, 1996 और साल 2000 के ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया लेकिन एक बार भी पदक जीत पाने में नाकाम रही। हालांकि जिस चीज ने सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान खींचा वो था उनकी आखिरी ओलंपिक रेस में फेक इंजरी। हैमिल्टन ने किताब में इस बात का खुलासा किया और बाद में बीबीसी को बताया कि उस रेस के दौरान जब उनसे आगे दो रेसर निकल गई तो उन्हें लगा कि उन दो लड़कियों ने मेरा सपने का गला घोंट दिया और मुझसे मेरी जिंदगी छीन ली। मुझे उस वक्त यही एहसास हो रहा था कि अब मैं इस रेस को नहीं जीत सकती और फिर वो चोटिल हो बैठी।
आखिरी बार जब वो मीडिया आउटलेटस से बात करती नजर आयी तो उन्होंने अपनी सफलता का दोष अपने भाई और दोस्त की मौत और नाइक की ओर से दिये गये एक मिलियन डॉलर के करार को दिया। हालांकि अपनी किताब में उन्होंने अपने गिरने की वजह टूटी हुई इस्चियम हड्डी को दिया। इसके बाद उनका करियर खत्म हो गया लेकिन अब भी यह देखने लायक था कि क्या उनकी शोहरत भरी जिंदगी बरकरार रह पायेगी।
वेगस जाकर पति को थ्रीसम के लिये मनाया
करियर खत्म होने के बाद सूजी वापस से विसकॉन्सिन आकर रहने लगी लेकिन जल्द ही वो इस माहौल से ऊब गई और उनकी शादी पर दबाव पड़ने लगा। अपनी शादी को टूटने से बचाने के लिये और दबाव कम करने के लिये सूजी ने अपनी 20वीं शादी की सालगिरह पर अपने पति मार्क को लास वेगास जाकर थ्रीसम के लिये मना लिया। काफी सोच विचार के बाद सूजी के पति मान गये और उन्होंने वेगस जाकर एक महिला कॉल गर्ल को इसके लिये हायर किया। सूजी को इस दौरान एहसास हुआ कि सेक्स वर्कर बनकर कितनी आसानी से पैसा कमाया जा सकता है। सालगिरह के बाद वो पति के साथ घर तो आ गई लेकिन उनका मन वेगस में ही रह गया था। एक हफ्त बाद उन्होंने अपने पति को कहा कि फिर से वेगस जा रही हें लेकिन इस बार अकेले जायेंगे और एक पुरुष सेक्स वर्कर के साथ समय बितायेंगी। मार्क हैरान तो रह गये लेकिन शादी बचाने के लिये मान गये।
हालांकि सूजी के लिये सेक्स एक नया नशा बन गया था और एक महीने के अंदर ही वो वेगस में अपनी नई जिंदगी जीती हुई नजर आ रही थी। वह पैसे कमा रही थी, अपने क्लाइंटस के साथ शॉपिंग करती थी और उनका परिवार उनकी जिंदगी से लगभग समाप्त हो चुका था। जिस कॉल गर्ल के साथ सूजी ने पहली बार वेगस में रात बितायी थी उसी ने सूजी को वेगास प्रीमियर मैडम से मिलाया और वहां से उन्होंने फिर कभी भी मुड़कर नहीं देखा।
कुछ ही समय में हासिल कर ली नंबर 2 की रैंकिंग
सूजी ने अपनी पहचान छुपाने के लिये एक अलग नाम बना लिया और उसी वर्जन के साथ बड़ा नाम कमा लिया। वो एरोटिका रिव्यू की रैंकिंग में खुद को टॉप पर देखने के लिये इतनी ज्यादा डूब गई कि उन्होंने कुछ ही समय में नंबर 2 की रैंकिंग हासिल कर ली। वह अपने क्लाइंटस के साथ बिजनेस ट्रिप पर भी जाने लगी। कुछ समय बाद वो वेगस में ही फुल टाइम रहने लगी और उनके पति और बेटी को सिर्फ मिलने की इजाजत थी। दिसंबर 2011 में एक पत्रकार ने सूजी हैमिल्टन की इस दोहरी जिंदगी के राज का पता लगा लिया और वेगस पहुंचकर उनकी इस जिंदगी को खत्म कर दिया। हैमिल्टन इस समय अपने पति और बेटी के साथ कैलिफोर्निया में रह रही हैं और एक योगा इंस्ट्रक्टर के रूप में काम करती है।
हैमिल्टन अब कहती हैं कि उन्होंने जब वो दोहरी जिंदगी जी, तो उस वक्त वो मानसिक रूप से बीमार थी, लेकिन उनके पति ने बायपोलर डिसऑर्डर की इस बीमारी से उबरने में उनकी मदद की।
इस बीमारी के चलते बन गई थी सेक्स वर्कर
सूजी हैमिल्टन ने आगे खुलासा किया कि बायोपलर डिसोर्डर की यह बीमारी उनके भाई को थी जिसने 1999 में खुदखुशी कर ली थी। वहीं पर जब उनकी शादी में मुश्किलें चल रही थी तो उनके डॉक्टर ने एंटी डिप्रेशेंटस की दवाइयां दी थी जिसकी वजह से उनके अंदर वो बदलाव देखने को मिले और वो सेक्स वर्कर बन गई।
उन्होंने एबीसी न्यूज से बात करते हुए कहा,'अगर किसी को बायोपोलर डिसऑर्डर होता है और आप उन्हें एंटी डिप्रेसेंट मूड ठीक करने के लिये दिया जाता है, लेकिन इससे कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, हालांकि इसके अक्सर देखा गया है कि ऐसे मरीजों में हाइपर सेक्सुअलिटी देखने को मिलती है और वो बेवजह पैसा खर्च करते हैं, दिमाग सही नहीं होने की वजह से अक्सर कुछ गलत काम कर जाते हैं। उनके साथ भी ऐसा ही देखने को मिला।'