कभी स्टेट लेवल पर जीता था गोल्ड मेडल, अब Zomato के लिये बना डिलिवरी ब्वॉय
नई दिल्ली। भारतीय खेल जगत की बात करें तो इसमें कई ऐसे एथलीट भरे पड़े हैं जिन्होंने एक मुश्किल सफर तय किया है और लाख परेशानियों के बावजूद हार नहीं मानी और अपनी अलग पहचान बनायी। हालांकि यहां पर कई ऐसे एथलीट भी हैं जिन्होंने शुरुआत में कई सारे कीर्तिमान हासिल किये लेकिन आर्थिक हालात के चलते वो अपने सपनो को उड़ान नहीं दे सके। फूड डिलीवरी कंपनी ZOMATO ने भी अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल से एक ऐसी ही इमोशनल वीडियो को शेयर किया है जिसमे राज्य स्तर पर चैम्पियन रह चुके एथलीट ने फूड डिलिवरी ब्वॉय का काम शुरू किया है।
बिहार के वैशाली जिले से आने वाले मुकेश कुमार ने इस वीडियो में बताया है कि कैसे वो फूड डिलिवरी ब्वॉय का काम करते हुए अपनी बहन और अपने सपने को पूरा करने की कोशिश में लगे हुए हैं। मुकेश कुमार ने इस वीडियो में बताया है कि कैसे स्कूल के दिनों में उन्होंने एथलेटिक्स के फील्ड में 4 गोल्ड मेडेल जीते थे और इससे प्रभावित होकर उनके शिक्षकों ने हौंसला बढ़ाते हुए कहा था कि वो भविष्य में अच्छा करेंगे।
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वीडियो में मुकेश ने कहा,'मैं 400 मीटर रेस का एथलीट हूं जिसने राज्य स्तर की चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडेल हासिल किया है। मैंने विशाखापट्टनम में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था लेकिन मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया और चौथे पायदान पर रह गया। इसके चलते मैं डिप्रेशन का शिकार हो गया था और मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं अब कभी जीत नहीं पाउंगा।'
मुकेश ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि मुश्किल के इस दौर में उनके शिक्षकों ने भरपूर साथ दिया और समझाया कि भले ही आज तुम्हें हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन एक दिन तुम्हे जीत जरूर हासिल होगी। शिक्षकों के हौसला बढ़ाने के चलते मुकेश ने दोबारा से ट्रेनिंग शुरू की और कोविड के समय में गंगा घाट पर अभ्यास को जारी रखा।
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इस दौरान मुकेश कुमार ने अपनी आर्थिक हालात की भी जानकारी दी और बताया कि उनके पिता छोटे किसान हैं जिनकी कमाई बहुत कम है। वो उनकी मदद तो करते हैं लेकिन वो काफी नहीं होता। ऐसे में मुकेश के एक दोस्त ने उन्हें डिलिवरी ब्वॉय बनकर पैसे कमाने का तरीका सुझाया तो उन्होंने जोमैटो को ज्वाइन कर लिया। मुकेश ने बताया कि जब जोमैटो से उन्हें पहली बार पैसे मिले तो उन्होंने अपनी बहन के लिये जूते खरीदे थे।
गौरतलब है कि मुकेश की बहन भी स्टेट लेवल चैम्पियन है और वो चाहते हैं कि अपना अभ्यास जारी रख देश के लिये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडेल जीतने का सपना पूरा कर सकें। मुकेश ने अपने सपने को भी यही बताया और कहा कि जोमैटो के साथ वो इसे सच करने पर काम कर रहे हैं।