IND vs WI: जानें क्यों अनकैप्ड प्लेयर्स पर ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं भारतीय चयनकर्ता, आखिर क्या है कारण
नई दिल्ली। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच हाल ही में समाप्त हुए द्विपक्षीय श्रृंखला में भारतीय टीम को काफी शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा, जहां पर उसे टेस्ट टीम में 2-1 से हार का सामना करना पड़ा तो वहीं पर वनडे सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं 2022 की शुरुआत होने के बाद भारतीय टीम अब तक एक भी अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं जीत सकी है और अपनी पहली जीत का इंतजार कर रही है। भारतीय टीम का यह इंतजार अब वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली जाने वाली वनडे सीरीज में पूरा हो सकता है, जिसका आगाज 6 फरवरी से अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा। भारत और वेस्टइंडीज के बीच इस दौरान 3 मैचों की वनडे और 3 ही मैचों की टी20 सीरीज खेली जानी है, जिसको लेकर सीमित ओवर्स प्रारूप के कप्तान रोहित शर्मा की वापसी हो रही है, जिन्हें फैन्स ने साउथ अफ्रीका दौरे पर काफी मिस किया।
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भारतीय चयन समिति ने बुधवार की देर रात को रोहित शर्मा की कप्तानी वाली 18 सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया है, जिसमें बतौर कप्तान हिटमैन टीम की कमान संभालेंगे तो केएल राहुल उपकप्तान की भूमिका में नजर आयेंगे, वहीं पर जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी को इस सीरीज से आराम दिया गया है। भारतीय चयनकर्ताओं ने इस सीरीज के लिये कई चौंकाने वाले नामों का चयन किया है, हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि सेलेक्शन कमिटी के इस चयन के पीछे भी कई बड़े कारण हैं। आइये आपको उन कारणों से रूबरू करायें जिसकी वजह से चयनकर्ताओं ने इतने सारे युवा खिलाड़ियों को मौका दिया है।
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फ्लॉप स्पिन गेंदबाजी का तोड़ ढूंढ रहे हैं चयनकर्ता
साउथ अफ्रीका दौरे पर भारतीय टीम के स्पिनर्स बुरी तरह फ्लॉप रहे इतिहास के सबसे खराब औसत के साथ गेंदबाजी की। इस दौरे पर रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल की जोड़ी को वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में मौका दिया गया तो वहीं पर आखिरी के मैच में जयंत यादव और चहल को प्लेइंग 11 में जगह मिली। हालांकि कोई भी स्पिनर इस सीरीज में सफल नहीं हो सका और सिर्फ 3 विकेट (2 चहल, 1 अश्विन) ही स्पिनर्स के खाते में आये। इतना ही नहीं भारतीय टीम को पिछली 4 वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा है, जिसका सबसे बड़ा कारण मध्यक्रम में स्पिनर्स का विकेट निकाल पाने में नाकाम रहना है। यही वजह है कि चयनकर्ता अगले साल विश्वकप से पहले तक उस स्पिन जोड़ी को तय कर लेना चाह रहे हैं जो जीत दिलाने में अहम भूमिका निभा सके, जिसके चलते चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज के खिलाफ रवि बिश्नोई, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, वाशिंगटन सुंदर, अक्षर पटेल को मौका दिया है, ताकि भारतीय टीम जल्द से जल्द अपनी इस कमजोरी से बाहर आ सके।
मध्यक्रम में कुछ और विकल्प ढूंढ रहे हैं चयनकर्ता
उल्लेखनीय है कि साउथ अफ्रीका दौरे पर श्रेयस अय्यर, वेंकटेश अय्यर और सूर्यकुमार यादव को टीम के मध्यक्रम में इस्तेमाल किया गया था ताकि भारतीय टीम को टॉप ऑर्डर के फ्लॉप हो जाने की स्थिति में मिडिल ऑर्डर से भरपूर साथ मिल सके। हालांकि साउथ अफ्रीका दौरे पर टॉप ऑर्डर ने तो प्रदर्शन किया लेकिन मिडिल ऑर्डर् फ्लॉप रहा और टीम को हार का सामना करना पड़ा। चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज सीरीज के लिये इन खिलाड़ियों को बरकरार रखा है लेकिन साथ ही दीपक हुड्डा को भी पहली बार शामिल किया है। दीपक हुड्डा एक शानदार ऑलराउंडर हैं जो कि ऑफ स्पिन गेंदबाजी के साथ ही तेजी से रन बनाने का हुनर भी रखते हैं। हार्दिक पांड्या के चोटिल होकर बाहर हो जाने के बाद भारतीय टीम को उनकी कमी खल रही है, ऐसे में वो उनके जैसे खिलाड़ियों की तलाश में जुटा हुआ है और दीपक हुड्डा के जरिये उस समस्या को तोड़ निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
बुमराह-शमी के लिये ढूंढ रहे हैं पेस पार्टनर
भारतीय चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज सीरीज के लिये जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी को आराम दिया है, तो वहीं पर प्रसिद्ध कृष्णा, दीपक चाहर, शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद सिराज के साथ आवेश खान को भी टीम में शामिल किया है। गौरतलब है कि भारतीय चयनकर्ता इस साल ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में खेले जाने वाले टी20 विश्वकप और वनडे प्रारूप में जसप्रीत बुमराह का साथ देने के लिये दूसरे तेज गेंदबाज का विकल्प ढूंढ रहे हैं, यही वजह है कि वो इन युवा पेसर्स को मौका दे रहे हैं। आपको बता दें कि साउथ अफ्रीका दौरे पर भुवनेश्वर कुमार बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुए थे जिसकी वजह से अब उन्हें टीम में दोबारा मौका मिलता हुआ दिखता कम ही नजर आ रहे है, ऐसे में टीम को तैयारियां मजबूत करने के लिहाज से जल्द से जल्द विकल्प ढूंढने की दरकार है।