बुखार की वजह से बिना नहाए स्कूल आई छात्रा तो टीचर ने किया घिनौना काम
झारखंड के गढ़वा में दो छात्राएं नहाकर नहीं आई तो अध्यापिका ने उन्हें ऐसी सजा दी कि वो इससे इतना सहम गईं कि कई दिन तक बिस्तर से भी ना उठ सकीं।
गढ़वा। स्कूलों में बच्चों को साफ-सफाई के लिए कहना या फिर डांटना कोई नई बात नहीं है लेकिन कई बार टीचर ये सजा देते हुए भूल जाते हैं कि उन्हें क्या करना है। झारखंड के गढ़वा में दो छात्राएं नहाकर नहीं आई तो अध्यापिका ने उन्हें ऐसी सजा दी कि वो इससे ऐसी सहम गईं कि कई दिन तक बिस्तर से भी ना उठ सकीं और स्कूल ही आना छोड़ दिया।
प्रभात खबर के मुताबिक, गढ़वा जिले के राका प्रखंड में एक माध्यमिक विद्यालय की दो छात्राएं बिना नहाएं और बाल अच्छी तरह से निकाले बिना ही स्कूल आ गईं। दोनों छात्राओं से अध्यापिका अर्चना चौरसिया ने इस तरह आने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि बुखार की वजह से वो नहाई नहीं हैं। इससे शिक्षिका अर्चना चौरसिया नाराज हो गयी। टीचर ने इसे उनका बेवजह का बहाना बताया और सब्जी काटने के पहसुल से दोनों लड़कियों के बाल काट दिए।
पूजा
और
सोनी
नाम
की
ये
लड़कियां
इस
घटना
से
बुरी
तरह
से
डर
गईं।
यहां
तक
कि
पूजा
घर
आते
ही
बीमार
पड़
गई,
जबकि
सोनी
के
मन
में
ऐसा
डर
बैठा
कि
उसने
स्कूल
ही
जाना
छोड़
दिया।
इससे
आक्रोशित
अभिभावकों
ने
सोमवार
को
विद्यालय
में
बैठक
कर
शिक्षिका
अर्चना
चौरसिया
से
माफी
मंगवायी
और
बुखार
से
पीड़ित
छात्रा
पूजा
कुमारी
के
इलाज
का
खर्च
वहन
करने
का
दंड
दिया।
विद्यालय
प्रबंध
समिति
के
अध्यक्ष
सुरेश
पांडेय
ने
शिक्षिका
के
लड़कियों
के
बाल
काटने
की
निंदा
की
है।
वहीं
शिक्षिका
अर्चना
ने
बताया
कि
वह
बच्चों
को
साफ-सफाई
रहने
के
लिए
प्रेरित
करती
हैं
और
उसने
सिर्फ
डराने
के
लिए
दोनों
लड़कियों
के
बाल
काट
दिए
थे।
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लड़कियों
को
बिना
कपड़ों
के
नहाने
को
मजबूर
करता
था
टीचर,
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में
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था
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