लड़कियों को बिना कपड़ों के नहाने को मजबूर करता था टीचर, रात में करता था गंदी हरकतें
स्कूल में आठ पुरुष शिक्षक हैं, जिनमें से दो कैंपस में ही रहते हैं और हर सप्ताह उनकी ड्यूटी बदलती है। स्कूल में कोई महिला टीचर या वार्डन नहीं है।
औरंगाबाद। महाराष्ट्र में सरकारी मान्यता प्राप्त एक स्कूल के टीचर ने लड़कियों को खुलेआम बिना कपड़ों के नहाने को मजबूर किया और रात में उनका यौन उत्पीड़न भी किया। बीड जिले के शिरूर तालुका में स्थित स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने सामाजिक संस्था को पत्र लिखकर टीचर की शिकायत की थी। छात्रा ने आरोप लगाया कि टीचर ने उसे खुलेआम नहाने के लिए मजबूर किया था और रात के समय उसके साथ गंदी हरकतें कीं। उसने बताया कि आरोपी टीचर बीते पांच महीनों से ऐसी हरकतें कर रहा था। लड़की के परिजनों ने उसे स्कूल से हटाकर शादी कर दी जबकि वह नाबालिग है। लड़की ने आखिरकार अपने साथ हुई घटना के खिलाफ आवाज उठाने की ठान ली।
स्कूल
में
हैं
कुल
120
बच्चे
शिकायत
मिलने
पर
शिरूर
पुलिस
ने
पॉक्सो
एक्ट
के
साथ
ही
आईपीसी
की
दूसरी
कई
धाराओं
के
तहत
टीचर
के
खिलाफ
मामला
दर्ज
कर
लिया
है।
फिलहाल
वह
फरार
चल
रहा
है।
यह
घटना
बुलढाना
स्थित
आश्रमशाला
में
आदिवासी
लड़कियों
से
रेप
का
मामला
सामने
आने
बाद
सामने
आई
है।
बीड
के
एसपी
जी.
श्रीधर
ने
कहा,
'हम
आरोपी
को
जल्द
गिरफ्तार
कर
लेंगे।'
हॉस्टल
की
सुविधा
वाले
इस
स्कूल
में
120
बच्चे
हैं
जिनमें
से
36
लड़कियां
हैं।
इसमें
लड़के
और
लड़कियों
के
लिए
रहने
के
अलग-अलग
हॉस्टल
हैं।
यहां
सातवीं
कक्षा
तक
के
बच्चे
पढ़ते
हैं।
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12
साल
और
500
से
ज्यादा
लड़कियां,
ये
है
दरिंदे
टेलर
का
सच
नहीं
है
कोई
महिला
टीचर
स्कूल
में
आठ
पुरुष
शिक्षक
हैं,
जिनमें
से
दो
कैंपस
में
ही
रहते
हैं
और
हर
सप्ताह
उनकी
ड्यूटी
बदलती
है।
स्कूल
में
कोई
महिला
टीचर
या
वार्डन
नहीं
है।
अभियान
संस्था
की
संस्थापक
वर्षा
देशपांडे
ने
कहा,
'हमने
सीनियर
अधिकारियों
के
साथ
स्कूल
का
दौरा
किया
है।
समाज
कल्याण
विभाग
के
अधिकारियों
के
सामने
हमने
छात्राओं
से
समस्याएं
पूछी
तो
उन्होंने
वही
बातें
बताईं
जैसी
पत्र
में
लिखी
गई
हैं।'
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के
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