बिहार: शहर की सड़कों की तरह अब चमकेंगी गांव की गलियां, जानिए नीतीश सरकार का प्लान
बिहार के शहरों की तरह अब गांव की गलियां भी चमकने लगेगी। अब बिहार के गांव की गलियों से लेकर सड़कों तक की सफाई के लिए हर वार्ड में एक सफाई कर्मी नियुक्त किए जाएंगे।
पटना, 30 मार्च 2022। बिहार के शहरों की तरह अब गांव की गलियां भी चमकने लगेगी। अब बिहार के गांव की गलियों से लेकर सड़कों तक की सफाई के लिए हर वार्ड में एक सफाई कर्मी नियुक्त किए जाएंगे। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत सभी नगर निकायों में होने वाली सफाई की तर्ज़ पर इस कार्य योजना का संचालन किया जाएगा। ग़ौरतलब है कि इस बाबत बिहार सरकार 1 लाख 10 हज़ार से ज़्यादा सफ़ाई कर्मचारियों की नियुक्ति करने जा रही है।
शहर की सड़कों से लेकर गांव की गलियों तक की सफ़ाई
बिहार सरकार ने शहर की सड़कों से लेकर गांव की गलियों तक की सफ़ाई के लिये कर्मियों की नियुक्तियों पर काम शुरु कर दिया है। आपको बता दें कि बिहार के 38 ज़िलों के पंचायत लेवल तक हर वार्ड के लिए सफ़ाई कर्मी रखने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। गांव लेवल तक हर वार्ड में एक सफाई कर्मी रखने के लिए जल्द ही सभी जिला अधिकारियों को को दिशा-निर्देश भेजा जाएगा। हालांकि पंचायती राज विभाग के दिशा निर्देशों पर गांव के पंचायतों में वार्ड लेवल तक हर योजना का क्रियान्वयन एवं प्रबंधन किया जा रहा है। इसके तहत हर पंचायत में समिति के ज़रिए गली-नाली पक्की करण योजना और ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना को अमलीजामा पहनाया जा चुका है।अब उसी समिति के ज़रिए ही सफाई कर्मियों की नियुक्ति किए जाने की ख़बर चर्चा में है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछली बार 13वें नंबर था बिहार
पंचायती राज विभाग ने1 लाख 10 हज़ार वार्डों में सफाई के लिए कर्मियों की नियुक्ति शुरू कर दी है। सफ़ाई कर्मियों की ज़िम्मेदारी शहरी निकायों की तरह ग्रामीण लेवल तक गांवों की गलियों भी साफ रखने की होगी। स्वच्छ भारत मिशन और 15वें वित्त आयोग के तहत सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए अनुदान की राशि से सभी कर्मियों की नियुक्ती की जाएगी। आपको बता दें कि साल स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 की स्टेट रैंकिंग में 100 से ज़्यादा नगर निकाय वाले राज्यों में बिहार 13वें स्थान पर रहा था। बिहार में सिर्फ़ सुपौल जिले को ही बेस्ट सिटीजन फीडबैक का अवार्ड मिला था।
स्वच्छता के आंकलन के लिए कुछ नए मापदंड
बिहार में इस बार स्वच्छता के आंकलन के लिए कुछ नए मापदंड जोड़े गए हैं। सीनियर सिटीजन और युवाओं से बातचीत के फीडबैक के आधार पर सर्वेक्षण टीम स्वच्छता रैंकिग तैयार करेगी। स्वच्छ भारत मिशन के पोर्टल पर नगर परिषद प्रशासन ने सभी सूचनाओं को अपडेट कर दिया है। अब सिर्फ सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति ही नहीं उनके काम की सुबह-शाम मॉनिटरिंग भी हो रही है। इसके साथ ही आम लोगो को बैनर और दीवाल लेखन के ज़रिए स्वच्छता के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। डस्टबिन कितने रके गए है, कूड़े का निस्तारण कैसे हो रहा है। डस्टबिन का उपयोग हो रहा है या खुले में कुड़ा डाला जा रहा है। सफ़ाई कर्मचारी दो शिफ्टों में काम कर रहे हैं या नहीं। जब गांव के वार्डों तक सफ़ाई कर्मियों की नियुक्ति कर ली जाएगी तब इन तरह के सभी मुद्दों पर लगातार मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
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