कंगारू कोर्ट लगाकर माओवादियों ने बिहार में चार लोगों को फांसी पर लटकाया
बिहार के गया में माओवादियों ने कंगारू कोर्ट में फैसला सुनाकर एक ही परिवार के चार लोगों को फांसी पर लटका दिया और उनके घर को बम से उड़ा दिया।
पटना, 14 नवंबर। बिहार के गया में माओवादियों ने कंगारू कोर्ट में फैसला सुनाकर एक ही परिवार के चार लोगों को फांसी पर लटका दिया और उनके घर को बम से उड़ा दिया। पुलिस के मुताबिक बिहार-झारखंड सीमा के पास डुमरिया थानाक्षेत्र में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्यों ने शनिवार रात सरयू सिंह भोक्ता के घर पर हमला किया।
जिस वक्त माओवादियों ने हमला किया उस वक्त सरयू घर पर नहीं थे, लेकिन हमलावरों ने उनके दोनों बेटों सत्येंद्र सिंह भोक्ता और महेंद्र सिंह भोक्ता और उनकी पत्नियों को घर के बाहर बांधकर, आंखों पर पट्टी बांधकर फांसी से लटका दिया। चारों की हत्या के बाद माओवादियों ने उनके घर के दरवाजे पर एक नोट भी चिपका दिया, जिसमें उन्होंने परिवार पर हत्या और साजिश का आरोप लगाया। नोट में कहा गया कि अतीत में चार माओवादी- अमरेश कुमार, सीता कुमार, शिवपूजन कुमार और उदय कुमार को जहर दिया गया था और उन्हें मार दिया गया था और इनको मारने में इस परिवार का हाथ था। पुलिस ने रविवार को मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।
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बता दें कि एक साल पहले मोनबार गांव में पुलिस मुठभेड़ में चार माओवादी मारे गये थे। माओवादियों ने हालांकि इसे फर्जी एनकाउंटर बताया था। माओवादियों ने दावा किया कि इस घर के सदस्यों ने उन्हें जहर दिया था और बाद में उन्होंने पुलिस को बुलाया, जिसके बाद पुलिस ने उनका फर्जी एनकाउंटर कर दिया। बता दें कि कई सालों में बिहार में कंगारू कोर्ट लगाकर फैसला सुनाया गया है। पिछली साल फरवरी में कथित माओवादियों ने गया में एक स्कूल की इमारत को उड़ा दिया था और सीएए, एनपीआर, एनआरसी और फासीवादी भाजपा सरकार की निंदा करने वाले पर्चे छोड़े थे। वहीं साल 2003 के सितंबर महीने में बिहार पुलिस के 11 जवानों की हत्या के लिए वांछित माओवादी चेरोन को रोहतास जिले के यदुनाथपुर से गिरफ्तार किया गया था। 2003 में नौहट्टा थाना क्षेत्र में माओवादियों ने एक पुलिस की गाड़ी को उड़ा दिया था, जिसमें 11 जवान सवार थे।