पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से जल्द होगी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मीटिंग
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते चाहिए और इस वजह से वह देश के नए नेतृत्व से जल्द मुलाकात करना चाहते हैं। बुधवार को ट्रंप की ओर से यह बयान आया है। ट्रंप ने अपने कैबिनेट के साथियों को इसी मीटिंग में जानकारी दी है कि उन्होंने पाकिस्तान को दी जाने वाली 1.3 बिलियन डॉलर की मदद इसलिए खत्म कर दी क्योंकि यह दक्षिण एशियाई देश आतंकियों का अड्डा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने हालांकि इस बात को काफी जोर देकर कहा कि उनके प्रशासन ने तालिबान के साथ शांति वार्ता शुरू कर दी है। यह भी पढ़ें-ट्रंप ने लाइब्रेरी फंडिंग पर उड़ाया मोदी का मजाक, बोले बिल्कुल बेकार
पाकिस्तान पर लगाया अमेरिका का फायदा उठाने का आरोप
ट्रंप ने हमेशा पाक पर यह आरोप लगाया है कि उसने हमेशा अमेरिका का फायदा उठाया है और उसके साथ गलत करने की कोशिश की है। ट्रंप ने बुधवार को कहा, 'हम हमेशा से ही पाकिस्तान के साथ एक अच्छी रिलेशनशिप चाहते हैं लेकिन यह देश दुश्मनों का घर है। वे दुश्मन को पाल-पोस रहे हैं। हम बिल्कुल भी इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।' ट्रंप ने आगे कहा कि इसी वजह से वह पाक के नए नेतृत्व से मुलाकात करना चाहते हैं। ट्रंप के मुताबिक आने वाले समय में यह कभी भी हो सकता है। लेकिन उन्होंने 1.3 बिलियन डॉलर की मदद को बंद कर दिया है। ट्रंप ने कहा, 'यह रकम बिल्कुल पानी की तरह थी जो हम पाकिस्तान को देते आ रहे थे इसलिए मैंने इसे बंद कर दिया।'
पाकिस्तान पर तालिबान को शांति वार्ता के लिए राजी करने का दबाव
इससे पहले साउथ कैरोलिना के सीनेटर लिंडेस ग्राहम ने अमेरिकी चैनल सीएनएन को जानकारी दी थी कि अगर पाकिस्तान, तालिबान को बातचीत के लिए राजी करने में अमेरिका की मदद करता है तो फिर अमेरिकी सरकार काउंटर टेररिज्म और आईएसआईएस पर ध्यान केंद्रित करेगा। रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर लिंडसे ग्राहम को ट्रंप का करीबी समझा जाता है। वह चाहते हैं कि अमेरिका, पाक को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की पेशकश कर सकता है। ग्राहम का मानना है कि इस एग्रीमेंट की पेशकश इस्लामाबाद को तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप होनी चाहिए। ग्राहम के मुताबिक अगर तालिबान शांति प्रक्रिया में शामिल होता है तो फिर अफगान युद्ध को खत्म करने में मदद मिल सकेगी।
ट्रंप से मीटिंग पर क्या है इमरान की राय
पिछले वर्ष अगस्त में इमरान खान ने पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। जनवरी 2018 में इमरान ने कहा था, ' अगर मैं पीएम बना तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात किसी कड़वी दवाई के घूंट पीने जैसा होगा लेकिन मैं उनसे मुलाकात करूंगा।' अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने सिंतबर माह में इमरान खान से मुलाकात की थी। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान पर दबाव डाला था कि वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए आतंकियों के खिलाफ कड़े कदम उठाएं। एक माह पहले ही ट्रंप ने इमरान को चिट्ठी लिखी थी जिसमें उन्होंने पाक से अफगान शांति प्रक्रिया के लिए मदद मांगी थी। ट्रंप ने कहा था कि 17 वर्ष से चले आ रहे युद्ध को खत्म करने के लिए तालिबान का वार्ता में शामिल होना जरूरी है।