पुलवामा हमला: पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत ने पाक विदेश सचिव को दी चेतावनी!
इस्लामाबाद। गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शुक्रवार को पाकिस्तान में तैनात अमेरिकी राजदूत पॉल जोन्स ने पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमिना जंजुआ को तलब किया। जोन्स ने तहमिना को अपने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एक कड़ा संदेश देने के लिए बुलाया था। पाकिस्तान की मीडिया ने विदेश विभाग के सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। हालांकि मीडिया ने यह नहीं बताया है कि जोन्स ने तहमिना के साथ क्या बात की है। यह भी पढ़ें-पुलवामा हमला: अमेरिका ने कहा भारत का हर फैसला हमें मंजूर
हमले के बाद की स्थितियों के लिए किया आगाह
यह मीटिंग पुलवामा के हुए ब्लास्ट के बाद इस पर चर्चा करने के लिए हुई थी। पुलवामा आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता रिचर्ड स्नेलसाइर की ओर से बताया गया है कि अमेरिकी दूतावास के लिए यह मुलाकात काफी जरूरी थी। लेकिन रिचर्ड ने मीटिंग से जुड़ी जानकारियों को साझा करने से मना कर दिया। वहीं सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग में पाकिस्तान को अमेरिका ने हमले के बाद होने वाली स्थितियों के बारे में साफ-साफ संदेश दे दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो की ओर से भी यही बात कही गई है और उन्होंने साफ कर दिया है कि पाक को देश के अंदर मौजूद आतंकी ठिकानों को खत्म करना होगा। पोंपेयो ने भी ट्वीट कर कहा है कि भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है और पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के सुरक्षित ठिकाने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए बड़ा खतरा हैं।
पाकिस्तान को अमेरिका की दो टूक
इन हमलों की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। हमले के बाद व्हाइट हाउस की ओर से एक बयान जारी किया गया। इस बयान में अमेरिका ने पाक को साफ-साफ कहा है कि वह आतंकियों को मिल रहे समर्थन और उन्हें मिले सुरक्षित ठिकानों को तुरंत खत्म करे। अमेरिका ने इसके साथ ही हमले की कड़ी निंदा भी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने आधिकारिक बयान गुरुवार रात जारी किया। उन्होंने कहा, 'अमेरिका, पाकिस्तान को आदेश देता है कि वह तुरंत आतंकियों को मिल रहा समर्थन और उनके सुरक्षित ठिकानों को खत्म करे।'
आतंकियों का बस एक ही मकसद
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया था कि पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों का बस एक ही मकसद है क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और अराजकता की स्थिति पैदा करना । पुलवामा हमले में 40 जवान शहीद हो चुके हैं। सारा सैंडर्स ने कहा कि यह हमला इस भावना को भी मजबूत करता है कि अमेरिका और भारत के बीच काउंटर-टेररिज्म को और बढ़ावा देना होगा। इस बीच अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में मौजूद सभी देशों की जिम्मेदारी है कि वह एक प्रस्ताव पास कर आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों वाले देशों की निंदा करे।
अमेरिका ने हर कार्रवाई के लिए किया समर्थन
शुक्रवार सुबह ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एनएसए अजित डोवाल से फोन पर बात की। बोल्टन ने इस दौरान डोवाल से साफ कर दिया है कि आत्मरक्षा के लिए भारत जो भी फैसला लेगा या कदम उठाएगा, अमेरिका उसका समर्थन करता है। बोल्टन ने पुलवामा हमले पर शोक जताया और भारत के काउंटर-टेररिज्म में उसकी पूरी मदद करने का भरोसा भी दिया है। बोल्टन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत में कहा, 'मैंने अजित डोवाल से बात की और कहा कि हम भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं। मैंने उनसे दो बार बात की है और अमेरिकी की ओर से संवेदनाएं जाहिर की हैं।' बोल्टन ने कहा कि अमेरिका इस बात को लेकर बहुत ही साफ है कि पाकिस्तान को आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को तबाह करना ही पड़ेगा।