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'उदय' से बढ़ रही है हिंदुस्तान की 'ऊर्जा'

'उदय एनालिस्ट मीट- 2017’ में योजना को लेकर काफी बातें हुई। जिसमे राज्यों के साथ सहयोग बढ़ाने, योजना के लक्ष्य को पूरा करने योजना और फंड संबंधी बातें मुख्य रूप से हुईं।

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नई दिल्ली। गांव-गांव,शहर-शहर बिजली पहुंचे और पूरा देश जगमग हो जाए इसी मकसद से उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना 'उदय' की शुरुआत की गई थी। 'उदय' योजना धीरे-धीरे अपने मकसद में कामयाब भी हो रही है।पावर वैल्यू चेन के सबसे कमजोर लिंक को ठीक करने के उद्देश्य से UDAY के तहत इस क्षेत्र की भूत, वर्तमान और भावी परेशानियों को दूर करने का काम किया जा रहा है। इससे DISCOM के लिए परिचालन में एक स्थायी सुधार का रास्ता निकला है, साथ ही सरकार भी बिजली लागत में कमी लाने के बहुत सारे उपाय कर रही है। इन प्रयासों के चलते उम्मीद है कि 2018-19 तक देश के सभी DISCOM लाभ कमाने लगेंगी। बिजली मंत्रालय द्वारा शुरू की गई उदय योजना से राज्यों को भी काफी फायदा हो रहा है। अब राज्य भी इसमे बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। 'उदय एनालिस्ट मीट- 2017' में योजना को लेकर काफी बातें हुई। जिसमे राज्यों के साथ सहयोग बढ़ाने, योजना के लक्ष्य को पूरा करने योजना और फंड संबंधी बातें मुख्य रूप से हुईं।

uday'उदय' से ऊर्जा संकट से उबर रहा है भारत

स्मार्ट मिटरिंग पर खासा ध्यान
ऊर्जा मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ. ए के वर्मा के मुताबिक कोयला आधारित और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में 2030 तक पावर सेक्टर करीब1 खरब डॉलर के निवेश को आकर्षित करेगा।
आईईए के मुताबिक भारत ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन करीब में 845 बिलियन डॉलर निवेश कर सकता है।
अगले दस सालों में स्मार्ट मिटरिंग, वितरण,स्वचालन, बैटरी भंडारण पर करीब2.9 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान है।45,000 मेगावाट क्षमता से अधिक थर्मल पोर्टफोलियो के लिए 4.4 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान है।

बिजली कपंनियों को ना हो दिक्कत

देश को रौशन करने का संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है और इस दिशा में सरकार काम कर रही है।उदय योजना का लक्ष्य बिजली वितरण कंपनियों का वितीय सुधार एवं उनका पुनरुद्धार करना है। साथ ही, बिजली वितरण कंपनियों की समस्याओं का स्थाई समाधान सुनिश्चित करना है।इस योजना से सभी लोगों को 24 घंटे किफायती एवं सुविधाजनक बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। 05 नवंबर, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इसका गठन किया गया था।

उजाला योजना से देश हो रहा रौशन

उदय योजना के साथ-साथ उजाला योजना भी देश को रौशन कर रही है।मोदी सरकार बिजली उत्पादन, वितरण और गांवों में बिजली पहुंचाने के अभियान के साथ ही बिजली की बचत और कम ऊर्जा खपत वाले LED बल्ब लगाने की योजना पर भी तेज गति से काम कर रही है। 23 मार्च, 2017 तक देशभर में 22 करोड़ 5 लाख 88 हजार 510 LED बल्ब लगाए जा चुके थे, जिससे सालाना 2,864.7 करोड़ KWh ऊर्जा और 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होगी। इतना ही नहीं इससे प्रतिवर्ष कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में 2 करोड़ 30 लाख टन से ज्यादा की कमी भी होगी।

मंत्रालयों में अच्छा है तालमेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित तीनों मंत्रालयों बिजली, कोयला और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी एक ही व्यक्ति को दी जिससे तालमेल की कमी न रहे और परिणाम आज पूरी दुनिया के सामने है। आज देश में पारंपरिक ही नहीं गैर-पारंपरिक ऊर्जा का भी भरपूर उत्पादन हो रहा है और वो सौर ऊर्जा के बहुत बड़े बाजार के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। एक आकलन के अनुसार अगले तीन साल में देश में सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ कर 20 हजार मेगावॉट होने की संभावना है और इसी के चलते अब विदेशी कंपनियों की निगाहें भी भारत पर लगी हुई हैं। क्योंकि बीते तीन साल में भारत में सौर ऊर्जा का उत्पादन स्थापित क्षमता से चार गुना बढ़कर 10 हजार मेगावॉट पार कर गया है, जो देश की बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता का 16 प्रतिशत है।

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English summary
'UDAY Analysts Meet Mar-2017'-UDAY scheme has been instrumental in transforming the power sector by reviving DISCOMs and enabling the State Govts. to provide uninterrupted quality Power for All.
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