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Sagar: निगम में उखडे़ अंगदों के पैर, भ्रष्ट और मुफ्तखोरों पर चला सर्जरी का चाबुक, कईयों को लूप लाइन की सजा

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सागरए 9 सितम्बर। मप्र के सागर नगर निगम में महापौर पति द्वारा एक इंजीनियर के गाल पर थप्पड़कांड के बाद निगम में अब प्रशासनिक सर्जरी के माध्यम से भ्रष्टाचार व मुफ्तखोरी पर लगाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है। पहली किस्त में निगम में मठाधीश बनकर बैठे इंजीनियरों, कर्मचारी नेताओं और अंगद के पैर की तरह वर्षों से मलाईदार विभागों में जमे अधिकारियों-कर्मचारियों को हटाकर नए प्रभार दिए गए हैं। सितम्बर के पूरे महीने निगम में उठापटक जारी रह सकती है।

अधिकारियों को गाइन लाइन समझाते महापौर संगीता तिवारी

नगर निगम सागर में एक दशक से ज्यादा समय में मजबूत जड़ें जमा चुकी काकस मंडली को जड़ सहित उखाड़ने का काम शुरु हो चुका है। महापौर संगीता डॉ. सुशील तिवारी की तरफ से हरीझंडी मिलने के बाद निगम आयुक्त चंद्रशेखर शुक्ला ने महत्वपूर्ण विभागों में वर्षों से जमे अधिकारी-कर्मचारियों के दायित्व और प्रभार बदल दिए हैं। कुछ नटवार लाल टाइप के कर्मचारियों को लूप लाइन में भी डाला गया है।

कर्मचारी संघ के अध्यक्ष से छीने अतिरिक्त प्रभारी
महापौर द्वारा की गई निगम की सर्जरी में सबसे महत्वपूर्ण नाम कृष्ण कुमार चौरसिया उर्फ बब्लू चैरसिया का नाम भी शामिल है। इनसे वाहन शाखा तथा सेंट्रल स्टोर का प्रभार छीना जाना माना जा रहा है। निगम के बेहद महत्वपूर्ण माने-जाने वाले विभाग छीनकर अब कृष्णकुमार चौरसिया के पास स्टेशनरी स्टोर और राजस्व वसूली का काम ही रह गया है। इसी तरह बृजेश गोस्वामी और विजया श्रीवास्तव को भी महत्वपूर्ण विभागों से हटाकर क्रमशरू राजस्व शाखा और जनगणना शाखा में भेज दिया गया। MP: मंत्री भार्गव के बयान से भड़की युवती, सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी, एफआईआर दर्ज

अंगद के पैर की तरह जमे थे, इंजीनियरों के भी विभाग बदले
निगम प्रशासन में फेरबदल में सबसे महत्वपूर्ण काम कार्यपालन यंत्रियों के विभागों में बदलाव शामिल हैं। इनमें कार्यपालन यंत्री विजय दुबे एवं सहायक यंत्री सुधीर मिश्रा को सीवरेज योजना की अतिरिक्त जिम्मेदारी तथा पूरनलाल अहिरवार, प्रभारी कार्यपालन यंत्री एवं संजय तिवारी सहायक यंत्री को पीएम आवास का काम बढ़ाया गया। संयम चतुर्वेदी को बीएलसी शाखा, सृष्टि चौबे को वाहन शाखा में सहायक, आनंद मंगल गुरु को स्थापना शाखा प्रभारी एवं विधि शाखा तथा मनोज तिवारी को लोक कर्म शाखा का काम मौजूदा दायित्वों के साथ अतिरिक्त दिया गया है। निगम सूत्रों की माने तो नगर सरकार के मुखिया द्वारा शुरु की गई सर्जरी अभी जारी रहेगी। शहर हित में पुराने जमे काकस को उखाडऩे के लिए जाना है। जिस तरह से प्रशासनिक सर्जरी की जा रही है, उसमें निगम प्रशासन के सभी विभागों में आगादी 10 से 12 दिनों में और पुराने व एकाधिकार जमाकर बैठे अधिकारियों, कर्मचारियों को इधर से उधर किया जा सकता है। सबसे अहम बात महापौर की अनुशंसा के बाद निगमायुक्त ने भी देर नहीं लगाई और तत्काल सूचियों को फाइनल कर दिया गया है। Sagar: सांसद को क्यों आया गुस्सा, कलेक्टर से क्यों बोले-मुझे ऐसी बैठक में मत बुलाया करो, जानिए क्या है मामला

निगम की वाहन शाखा से मुफ्त के डीजल प्रथा पर भी ब्रेक
नगर निगम की वाहन शाखा एकमात्र ऐसी शाखा है जिसका प्रभारी सीधे महापौर के अधीनस्थ काम करता रहा है। अघोषित रुप से यह शाखा महापौर के अधीन रहती है। दो साल से महापौर न होने से यहां के प्रभारी बेलगाम नजर आ रहे थे। डीजल शाखा भ्रष्टाचार का गढ़ मानी जाती है। निगम के डीजल और पर्चियों से शहर के कई राजनीतिक लोगों के वाहन दौड़ते रहे हैं। लेकिन अब यहां भी प्रभारी छीना जा रहा है, इससे निगम से मुफ्तखोरी के डीजल से चलने वाले वाहनों से राहत मिलेगी।

Comments
English summary
The work of uprooting the Caucasus congregation, which has established strong roots in the Municipal Corporation of Sagar in more than a decade, has started. After getting the green signal from Mayor Sangeeta Dr. Sushil Tiwari, Corporation Commissioner Chandrashekhar Shukla has changed the responsibilities and charges of the officers and employees in important departments for years. Some Natwar Lal type employees have also been put in the loop line.
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