भगवान ने सुलझाया भैंसों की चोरी का मामला, पुलिस नाकाम हुई तो भैंसें लेकर मंदिर पहुंची थी
Amazing Case भैंस चोरी के एक अनूठे मामले में दो पक्षकार भैंसों पर अपना-अपना दावा जता रहे थे, जब मामला बिगड़ा तो सीधा थाने पहुंचा। यहां भी दोनों पक्षकार अड़े रहे। दिनभर पुलिस परेशान रही, शाम को पुलिस ने यह केस भगवान के सामने मंदिर में रखा और 5 मिनट में फैसला हो गया और भैंस असली मालिक के पास पहुंच गईं। बता दें कि भैंसें करीब एक साल पहले चारी हो गई थीं, दो अलग-अलग मालिकों की चार भैंस चोरी हुई थीं।
Madhya Pradesh के दमोह जिले की इमलिया पुलिस चौकी इलाके में एक साल पहले तीन भैंसे गुम हो गई थीं। भैंस मालिक ने इस मामले को भैंसों की चोरी बताया था। अपनी तरह के अलग और रोचक मामले में पुलिस तीन घंटे मशक्कत करती रही थी। आखिरकार जब कानून थक गया तो उसने भी भगवान की अदालत का सहारा लिया था। दरअसल दो पशु पालकों की भैंसे अलग-अलग इलाकों से गुम हो गई थीं। जिनमें वीरेंद्र पटेल सोमखेड़ निवासी चौकी इमलिया और दूसरे पक्ष इंदर पटेल कोटखेड़ा थाना पथरिया की भैंसे चोरी हो गई थीं। कुछ दिनों पहले पता चला कि उनकी भैंसे सगौनी थाना देवरी के पास थीं। दोनों ने भैंसे गुम होने की सूचना अपने-अपने थाने में दी थी। भैंसे एक वर्ष बाद वीरेंद्र पटेल, सतीष सेन के घर अपनी बताकर जैसे ही सोमखेड़ा पहुंचा तो उसकी जानकारी इंदर पटेल को लग गई। वह अपनी भैंसों को लेने सोमखेड़ा पहुंच गया और दोनां के बीच भैंस को लेकर विवाद होने लगा।
ग्रामीणों
के
साथ
इमलिया
पुलिस
चौकी
पहुंचे
थे
दोनों
विवाद
ज्यादा
बढ़ता
इसके
पूर्व
ग्रामीणों
ने
हस्ताक्षेप
किया
और
दोनों
पक्षों
को
समझाया
कि
मामले
को
कानूनी
तरीके
से
सुलझाया
जाए।
चौकी
प्रभारी
आनंद
अहिरवार
ने
दोनों
पक्षों
को
काफी
समझाया,
भैंसों
की
पहचान
और
उनके
कान
में
टैग
के
निशान
से
लेकर
तमाम
मुद्दों
को
रखकर
मामले
को
निपटाने
का
प्रयास
किया,
लेकिन
घंटों
की
मशक्कत
के
बाद
भी
वीरेंद्र
पटेल
और
इंदर
पटेल
और
वीरेंद्र
पटेल
भैंसों
पर
अपने-अपने
दावों
पर
अड़े
रहे।
फर्जी दस्तावेज लगाकर सेना में भर्ती हुए थे, सागर कोर्ट से चार आरोपियों को 10-10 साल की सजा
चौकी
प्रभारी
ने
वाहन
से
भैंसे
बुलवाईं
और
मंदिर
लेकर
पहुंचे
थे
चौकी
प्रभारी
आनंद
अहिरवार
ने
बताया
कि
जब
दोनों
पक्ष
अपने-अपने
दावे
पर
अड़े
रहे
तो
फिर
दोनों
को
मंदिर
लेकर
पहुंचे
थे।
यहां
पर
वाहन
में
भैंसे
भी
बुलवा
ली
गई
थीं।
दोनों
को
बोला
था
कि
भगवान
के
ऊपर
हाथ
रखकर
कसम
खा
लो
कि
भैंसे
किसकी
हैं।
इस
मामले
में
इंदर
पटेल
ने
भगवार
के
मंदिर
में
कसम
खाकर
कहा
कि
भैंसे
उसकी
हैं,
जबकी
वीरेंद्र
पटेल
खुद
ही
पीछे
हट
गया
और
उसने
कसम
खाने
से
इंकार
करते
हुए
अपना
दावा
छोड़कर
भैंसे
इंदर
पटेल
के
सुपुर्द
कर
दीं।
भगवान
के
मंदिर
में
पहुंचते
ही
महज
5
मिनट
में
पूरा
मामला
निपट
गया।