क्यूलेक्स मच्छर के कारण मप्र के 12 जिले बने संवेदनशील, हाथीपांव का खतरा
क्या आपको पता है क्यूलेक्स मच्छर के काटने के बाद कोई इंसान जीवन भर के लिए दिव्यांग हो सकता है! दरअसल इस मच्छर में यदि फाइलेरिया का वायरस हो और यह किसी इंसान को काट ले तो उसे हाथीपांव जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।
Filaria campaign: बुंदेलखंड के सभी छह जिलों सहित मप्र के 12 जिलों में फाइलेरिया अर्थात हाथीपांव जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा फिर से मंडराने लगा है। बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां फाइलेरिया सर्वे कराया था, ताकि पूर्व से संवेदनशील इन इलाकों को फाइलेरिया मुक्त घोषित किया जा सके, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। उल्टे सर्वे के दौरान फाइलेरिया के नए केस और सामने आ गए। स्कूलों में सर्वे व जांच, रेंडम जांच के दौरान बच्चों तक में फाइलेरिया के लक्षण मिले हैं। सरकार अब इन जिलों में एक बार फिर से अभियान चलाने जा रही है।
MP के 12 जिलों में क्यूलेक्स मच्छर के कारण दहशत बनी हुई है। सबसे खास बात यूपी की सीमा से सटे जिलों के गांवों में इसका सबसे ज्यादा खतरा है। दरअसल क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फाइलेरिया जिसे सामान्य भाषा में हाथी पांव कहा जाता है होती है। मप्र का बुंदेलखंड, विंध्य और महाकौशल से सटे कुछ जिलों सहित दर्जन भर जिलों में फाइलेरिया के मरीज दर्जनों की तादाद में मौजूद हैं। बता दें कि क्यूलेक्स मच्छर के काटने से इंसान जीवन भर के लिए दिव्यांग हो सकता है। सबसे गंभीर और चिंताजनक बात यह है कि मच्छर के काटने के करीब 6 से 8 साल बाद इस बीमारी के लक्षण नजर आते हैं।
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संक्रमण
के
कारण
पैर
मोटा
होकर
हाथी
के
पांव
जैसा
दिखने
लगता
है
बता
दें
कि
क्यूलेक्स
मच्छर
के
काटने
से
इंसान
को
लिम्फेटिक
फाइलेरियासिस
अर्थात
सकता
है।
इस
मच्छर
के
संक्रमण
के
कारण
लिम्फ
नोड
ग्रंथियों
में
असर
पड़ता
है।
अक्सर
गंदे
रूके
हुए
पानी
में
यह
मच्छर
पनपता
है।
इस
मच्छर
के
संक्रमण
के
शिकार
लोगों
में
फाइलेरिया
यानि
हाथीपांव
की
बीमारी
हो
सकती
है।
इस
बीमारी
की
जद
में
आकर
व्यक्ति
जीवन
भर
के
लिए
दिव्यांग
हो
सकता
है।
इस
बीमारी
से
बचाव
के
लिए
10
फरवरी
से
15
फरवरी
तक
प्रभावित
जिलों
में
दवा
वितरण
के
लिए
अभियान
चलाया
जाएगा।
MP: नलकूप में पानी की जगह निकल आई ज्वलनशील गैस, धधक रहीं आग की लपटें
प्रदेश
के
इन
जिलों
को
हाथी
पांव
में
माना
गया
संवेदनशील
मप्र
में
फाइलेरिया
को
लेकर
जिन
जिलों
को
स्वास्थ्य
विभाग
ने
संवेदनशील
माना
है
उनमें
सागर,
दमोह,
पन्ना,
छतरपुर,
टीकमगढ़,
दतिया,
कटनी,
उमरिया,
रीवा,
निवाड़ी,
सतना
और
छिंदवाड़ा
में
फाइलेरिया
के
खतरा
बताया
गया
है।
इन
सभी
जिलों
में
आगामी
10
फरवरी
से
अभियान
चलाकर
डीईसी
की
गोली
खिलाई
जाएंगी।