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'नौकरी से ज्यादा जरूरी जिंदगी है, कश्मीरी पंडितों को जम्मू भेजे सरकार', गुलाम नबी आजाद ने उठाई मांग

गुलाम नबी आजाद ने कश्‍मीर में हालात सामान्‍य होने तक कश्‍मीरी पंडितों को जम्‍मू शिफ्ट करने की सरकार से मांग की है। उन्‍होंने कहा नौकरी से अधिक जरूरी लोगों की जिंदगी है।

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Ghulamnabiंzadkashmiripandit

Kashmiri Pandit in Kashmir: जम्मू कश्‍मीर में लगातार कश्‍मीरी पंडित इस्‍लामिक चरमपंथी आतंकी संगठनों के निशाने पर हैं। कश्‍मीर घाटी में लंबे समय बाद कश्‍मीरी पंडित अपने काम पर लौटे थे लेकिन कई कश्‍मीरी पंडितों की बेरहमी से हत्‍या कर दी गई जिसके बाद कश्‍मीरी पंडित खौफ में जी रहे हैं। आतंकियों के हमले के डर से हजारों की संख्‍या में कर्मचारी काम पर नहीं जा रहे हैं वहीं उपराज्‍यपाल ने कहा जो कर्मचारी अपने ड्यूटी पर नहीं जाएंगे उन्‍हें वेतन नहीं दिया जाएगा। इसके बाद कश्‍मीरी पंडित विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं इसी बीच कांग्रेस छोड़ अपनी डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी बना कर कश्‍मीर में सक्रिय राजनीति कर रहे गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कश्‍मीरी पंडितों के लिए बड़ा बयान जारी किया है।

अस्थायी रूप से जम्मू में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए

जम्‍मू- कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्रीर गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि कश्मीर में स्थिति में सुधार होने तक जम्मू-कश्मीर सरकार के कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को अस्थायी रूप से जम्मू में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए।

रोजगार से ज्यादा महत्वपूर्ण जीवन है

गुलाम नबी आज़ाद ने कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि रोजगार से ज्यादा महत्वपूर्ण जीवन है और सरकार को कश्मीरी पंडितों को जम्मू स्थानांतरित करना चाहिए। उन्‍होंने कहा "अगर हमारी सरकार सत्ता में आती है, तो हम स्थिति में सुधार होने तक कश्मीरी पंडितों को जम्मू स्थानांतरित कर देंगे।

सात महीने से कार्यालय नहीं जा रहे कश्‍मीरी पंडित

याद रहे प्रधानमंत्री विशेष रोजगार योजना के तहत कश्‍मीर में नौकरी करने आए थे लेकिन 6,000 कश्मीरी पंडित कर्मचारी हमलों के विरोध में पिछले सात महीने से अपने कार्यालय नहीं जा रहे हैं।

ड्यूटी नहीं की तो सैलरी नहीं

इसके मद्देनजर जम्‍मू-कश्‍मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पिछले हफ्ते घाटी में काम करने वाले करने वाले कश्मीरी पंडितों को उनके काम में शामिल नहीं होने पर उनके वेतन का भुगतान नहीं दिए जाने की बात कही थी। उपराज्‍यपाल के इस बयान के बाद प्रवासी कश्मीरी पंडित सरकार के फैसले का विरोध करते हुए दावा कर रहे हैं कि उन्हें आतंकवादियों से खतरा है और वे काम पर वापस नहीं जा सकते।

कश्‍मीरी पंडित बोले- प्रशासन की सुरक्षा नीति पर भरोसा नहीं

कश्मीरी पंडित जो विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहा है उन्‍होंने कहा हमें बार-बार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, ताजा मामला बुधवार रात का है। हमें बताया गया था कि हमारी पोस्टिंग की जगह के बाहर एक पुलिसकर्मी तैनात किया जाएगा, लेकिन हमें प्रशासन की सुरक्षा नीति पर भरोसा नहीं है। कश्‍मीरी पंडितों ने कहा विरोध के पीछे मुख्य कारण कश्मीर में व्याप्त असुरक्षित माहौल है। जिस दिन से घाटी में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ लक्षित हत्याएं शुरू हुई हैं, हम विरोध कर रहे हैं। हम सरकार से अपील करते हैं कि हमें सुरक्षित स्थानों पर तैनात किया जाए।

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English summary
Ghulam Nabi Azad said – Kashmiri Pandits should be temporarily shifted to Jammu till the situation improves
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