कांग्रेस ही नहीं भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी चाहता है अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहें, जानिए पूरा मामला
जयपुर, 5 अक्टूबर। राजस्थान में अशोक गहलोत को बतौर मुख्यमंत्री कांग्रेस में उनके शुभचिंतक ही नहीं चाहते हैं। बल्कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी गहलोत को सत्ता में बनाए रखने के लिए दिन रात प्रयास कर रहा है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चाहता है कि अशोक गहलोत दिसंबर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री बने रहें। भाजपा इस तथ्य से वाकिफ है कि गहलोत का नेतृत्व राजस्थान के विधानसभा चुनावों में मोदी और भाजपा की राह आसान कर देगा। जबकि सचिन पायलट उनकी मुश्किलें बढ़ा देंगे। भाजपा को प्रत्येक सीट पर कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। वहीं भाजपा की अशोक गहलोत से निकटता की दूसरी अहम वजह राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी हैं।
Rajasthan: CM गहलोत ने परिवार संग किया हवन , कहा-'मातृशक्ति की आराधना प्रेरणा देती है'
भाजपा में सीएम फेस को लेकर है गुटबाजी
भाजपा में राजस्थान के नेतृत्व को लेकर भारी कलह है। अशोक गहलोत की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ निकटता है। माना जा रहा है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व वसुंधरा राजे की जगह किसी और निष्ठावान नेता को राजस्थान का नेतृत्व देना चाहता है। ऐसे में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अशोक गहलोत की मदद कर रहा है। ताकि गहलोत वसुंधरा का गठजोड़ टूट जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद है अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का व्यक्तित्व वैसा है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पसंद आता है। कांग्रेस के सूत्रों की माने तो अशोक गहलोत कई मंत्रियों और विधायकों को कुछ रिकॉर्डिंग और फाइल्स के आधार पर ब्लैकमेल कर रहे हैं। यही वजह है कि वे गहलोत का समर्थन कर रहे हैं। जबकि अशोक गहलोत प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान हुए कई घोटालों को लेकर मौन धारण कर चुके हैं। यह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के साथ उनकी निकटता का ही नतीजा है।
वैभव गहलोत ने बढ़ाई जय शाह से नजदीकियां
राजस्थान में हाल ही में नियुक्त हुए विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति में गहलोत सरकार का भाजपा के साथ गठजोड़ सामने आया है। सूत्रों की माने तो प्रदेश में कुल आठ वाइस चांसलर नियुक्त किए गए हैं। जिनमें से सात आरएसएस और भाजपा से सम्बद्ध है। अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने राजस्थान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अमित शाह के बेटे और बीसीसीआई सचिव जय शाह के साथ निकटता बढ़ा ली है। अब देखना यह है कि सत्ता में बने रहने के लिए अशोक गहलोत किस हद तक जाते हैं। कांग्रेस में अशोक गहलोत के साथ क्या होता है।