जबलपुर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

लिकर वॉर : पूर्व सीएम उमा भारती ने जेपी नड्डा को लिखी चिट्ठी, दना-दन Tweet से दिया अल्टीमेटम

11 साल में केंद्र मंत्री और 9 महीने मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री रही बीजेपी की उमा भारती के प्रदेश की शराब नीति नासूर बनी हुई है। गंगायात्रा की समाप्ति के बाद अब तक शराबबंदी को लेकर उनके उपायों को शायद वो तरजीह नहीं मिली

Google Oneindia News

भोपाल, 10 जुलाई: मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ((Uma Bharti) शराब को लेकर फिर एक बार सुर्ख़ियों में है। मध्यप्रदेश की शराब दुकानों में गोबर-पत्थर फेंकने के बाद अब उन्होंने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सार्वजनिक चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए अगला एक्शन प्लान बताया है। उमा ने नड्डा को लिखी चिट्ठी ट्वीट भी की और बोली कि पिछले 4 महीने में सभी से बात करने के बाद कई बार बैकफुट पर जा चुकी हूँ, लेकिन अब गांधी जयंती से शराबबंदी को लेकर मार्च होगा।

शराब पर उलझन-ए- उमा

शराब पर उलझन-ए- उमा

11 साल केन्द्रीय मंत्री और 9 महीने मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री रही बीजेपी की उमा भारती के लिए प्रदेश की शराब नीति नासूर बनी हुई है। गंगा यात्रा की समाप्ति के बाद अब तक शराबबंदी को लेकर उनके उपायों को शायद वो तरजीह नहीं मिली, जिसकी वह उम्मीद जता रही थी। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत पार्टी के कई दिग्गजों से भी चर्चा की, लेकिन उन्हें कई बार बैकफुट पर जाना पड़ा। अब उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय मुखिया जेपी नड्डा को सार्वजनिक चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बयां किया है।

चिट्ठी में ऐसा क्या लिखा?

चिट्ठी में ऐसा क्या लिखा?

उमा ने नड्डा को चिट्ठी में लिखा है कि शराबबंदी उनके अहंकार का विषय नही है। यह सामाजिक विषय है, नशा मुक्त समाज बना रहे, बीजेपी का यही एजेंडा रहा है। आगे लिखा गया कि जिस विषय पर मेरी आस्था है, उसे मैं छोड़ नहीं सकती। लिहाजा भाजपा शासित राज्यों में एक जैसी शराब नीति रहे और ताकि मध्यप्रदेश जैसे राज्य पंजाब जैसे हालातों में ढलने से बच सकें।

गांधी जयंती पर सड़कों पर मार्च

उमा पिछले दिनों प्रदेश के कई हिस्सों में शराब दुकानों-आहातों के सामने अपनी चौपाल लगाते भी देखी गई। इस दौरान कई जगहों पर गोबर फेंकने या फिर दुकानों में पत्थर मारने की तस्वीरें सुर्ख़ियों में रही। उमा ने लिखा है कि वह 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक शराब दुकानों के सामने खड़ी रहेंगी फिर गांधी जयंती पर भोपाल में महिलाओं के साथ शराब को लेकर सड़कों पर मार्च निकलेंगी। उमा ने अपनी इच्छा बताते हुए लिखा कि जैसे हमारी मध्यप्रदेश सरकार के कई निर्णय देश के कई राज्यों ने अपनाए एवं लागू किए, इसी तरह से मध्यप्रदेश ही एक जन हितैषी शराब नीति का मॉडल बने।

मुझे गहरा आघात लगा

मुझे गहरा आघात लगा

मध्यप्रदेश में शराब पर उमा के संग्राम पर विपक्ष जहाँ लगातार चुटकियाँ ले रहा है। तो बीजेपी से दूसरे दिग्गज नेता पार्टी का अंदरूनी मामला बताकर चुप्पी साधे है। उमा ने ट्वीट करते हुए इस बात भी जिक्र किया कि जब वह कई बार बैकफुट पर आई तो उनका भरोसा, सम्मान तो कम नहीं हुआ लेकिन गहरा आघात जरुर लगा। उनका मानना है कि सरकार मौजूदा शराब नीति में संशोधन कर नई शराबनीति प्रस्तुत करें।

शिवराज क्यों नही मानते बात !

शिवराज क्यों नही मानते बात !

उमा भारती को सबसे ज्यादा ऐतराज शराब अहातों से है। उनका मानना है कि अहातों से जब कोई शराब पीकर घर जाएंगा तो वह शराब पीकर गाड़ी चलाने के कानून की धज्जियाँ उड़ा रहा है। उनका कहना है कि आखिर क्यों कानून तोड़ने विवश किया जा रहा है? यह नासमझी नही तो फिर क्या है? जबकि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस कृत्य को गलत ठहरा चुके है। बाबजूद इसके प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्यों नही मानते? उमा के ऐसी कई सवाल शराब के संग्राम को और बढ़ाते जा रहे है।

ये भी पढ़े-कर्ज में डूबा MP: 'माननीय मांगे मोर' विधायकों को कम पड़ रही 1.10 लाख सैलरी

Comments
English summary
War on Liquor: Former CM Uma Bharti wrote a letter to JP Nadda, gave an ultimatum from every tweet
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X