MP News: जबलपुर समेत पूरे एमपी में दूध कारोबार में मनमानी, बिना एनओसी-लाइसेंस धंधे को लेकर CCPA में याचिका
लगता है कि मप्र में दूध कारोबारियों की मनमानी और नियम कानून पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं हैं। प्रदेश में सबसे महंगा दूध जबलपुर में बिक रहा है, साथ ही इंदौर, उज्जैन समेत अन्य शहरों में भी रेट बढ़ाने की सामूहिक घोषणा कर दी गई है। आलम यह है कि सब्जी ठेले फेरी वालों की तरह चाहे जो इस धंधे में कूद पड़ा हैं । जबकि प्रशासन की NOC और लाइसेंस के बिना यह व्यापर कानून उल्लंघन की श्रेणी में आता है। इसके खिलाफ नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने केंद्रीय उपभोक्ता प्राधिकरण में एक याचिका दायर की हैं।
जबलपुर के उपभोक्ता संगठन द्वारा प्राधिकरण में दायर याचिका में कहा गया है कि मप्र में दूध व्यापार प्रथा का जिस तरह का रवैया चल रहा है, वह अनुचित है। संगठन के प्रांताध्यक्ष पीजी नाजपांडे का कहना है कि दूध कारोबारियों की मनमानी के खिलाफ हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। जिस पर कई अहम् दिशा निर्देश जारी किए गए थे। उस वक्त सामूहिक दूध मूल्य वृद्धि वापस ली गई थी। अदालत ने प्रशासन की एनओसी और लाइसेंस के बिना इस कारोबार पर रोक लगाई थी। लेकिन प्रदेश में अदालत के आदेशों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही है।
Fact Check: मिलावटी दूध से 8 सालों में 87% भारतीयों को हो जाएगा कैंसर? जानें पूरा सच
सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव का कहना है कि प्राधिकरण में दायर याचिका में जबलपुर समेत प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन प्रशासन को भी पक्षकार बनाया गया हैं। इंदौर दूध विक्रेता और उज्जैन दूध खेरची विक्रेता संघ की मनमानी का विरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि कारोबारियों द्वारा खाद्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी भी की जा रही है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है। आपको बता दें पिछले कुछ दिनों पहले जबलपुर में फुटकर दूध व्यापारियों ने 5 रुपए प्रति लीटर दूध में मूल्य वृद्धि की थी। उसके बाद साँची, अमूल और मदर डेयरी ने दूध के दाम बढ़ाये। अभी फिर दूध के रेट बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।