UN मानवाधिकार प्रमुख ने भारत में NGO पर लगे प्रतिबंधों पर जताई चिंता, सरकार से की ये अपील
UNHR प्रमुख ने भारत में NGO पर प्रतिबंध पर जताई चिंता
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने मंगलवार को भारत में मानव अधिकार के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर चिंता व्यक्ति की है। मिशेल बाचेलेट ने खास तौर से उस प्रतिबंध पर खेद जताया है जिसमें एनजीओ को विदेशी अुनदान लेने की अनुमति नहीं है। यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने भारत सरकार से गुजारिश की है कि वह मानवाधिकार रक्षकों और गैर सरकारी संगठनों के अधिकारों की रक्षा करें।
इसके अलावा मिशेल बाचेलेट ने भारत सरकार से अपने संगठनों की ओर से अहम काम करने की उनकी क्षमता की रक्षा करने का भी अनुरोध किया है। मिशेल बाचेलेट ने अपने बयान में कहा, 'भारत में लंबे समय तक एक मजबूत नागरिक समाज रहा है, जो देश और दुनिया भर में मानवाधिकारों की वकालत और समर्थन करने में अग्रणी रहा है, लेकिन मुझे चिंता है कि इन (मानवाधिकार की वकालत करने वाली) आवाजों को दबाने के लिए अस्पष्ट परिभाषित कानूनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।'
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एक अन्य बयान में मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने विशेष रुप से विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के इस्तेमाल को लेकर चिंता व्यक्त की, जो 'सार्वजनिक हित के लिए किसी भी गतिविधि' के लिए विदेशी आर्थिक मदद लेने पर प्रतिबंध लगाता है। मिशेल बाचेलेट ने आगे कहा, अस्पष्ट रूप से परिभाषित 'जन हित' पर आधारित इस प्रकार के कदमों को लेकर मुझे चिंता है कि इस कानून का दुरुपयोग हो सकता है। यह कानून अत्यधिक हस्तक्षेप करने वाले फैसलों को सही ठहराता है, जिनमें एनजीओ ऑफिसों में छापेमारी, बैंख खातों को सील करने से लेकर पंजीकरण निलंबित या रद्द करने तक के कदम शामिल हैं।