
रूस से युवाओं का पलायन जारी, पुतिन के एक फैसले से 7 लाख लोग देश छोड़कर हुए फरार
रूस-यूक्रेन युद्ध का नौंवा महीना गुजर रहा है। अब तक इस जंग में दोनों ही पक्षों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। यूक्रेन ने अपने हजारों लोगों को खोया है वहीं अपने कई बड़े इलाके भी गंवाए हैं। वहीं रूस को भी इस जंग में अपने हजारों सैनिकों को खोना पड़ा है। यूक्रेन अपने पुराने हिस्सों को हासिल करने की कोशिशों में जुटा है जो रूस को महंगा पड़ रहा है। इश नुकसान की भरपाई के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 3 लाख अतिरिक्त लोगों को रूसी सेना में भर्ती करने का फैसला लिया है।

7 लाख रूसी युवाओं ने देश छोड़ा
पुतिन के इस फैसले के बाद से ही रूसी युवकों का पलायन शुरू हो गया है। रूस के कई शहरों से लाखों की संख्या में पुरुषों ने पलायन कर दिया है। दैनिक भास्कर ने न्यूयॉर्क टाइम्स का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि बीते 3 सप्ताह में लगभग 7 लाख पुरूष रूस छोड़कर जा चुके हैं। रूस के कई शहरों में महिलाएं और बुजुर्गों के आगे युवकों की आबादी बेहद कम नजर आ रही है। रूसी शहरों में कुछ महीने पहले जिन सड़कों पर हजारों लोगों का भारी हुजूम रहा करता था, अब वहां भी सन्नाटा पसरा रहता है।

जबरदस्ती युवाओं की सेना में हो रही भर्ती
न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसको लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि यूक्रेन युद्ध के कारण रूस में सैनिकों की कमी पड़ गई है। ऐसे में रूसी सेना जबरदस्ती रूसी युवाओं को जबरन सेना में भर्ती कर रही है। इस डर से बड़ी संख्या में लोग घर छोड़कर दूसरे देश भाग रहे हैं। दो लाख से ज्यादा लोग अकेले कजाकिस्तान भाग गए हैं, क्योंकि यहां जाने के लिए रूसियों को पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती।

3 लाख नहीं 10 लाख युवाओं की भर्ती
इसके अलावा एक लाख से भी अधिक लोग यूरोपीय देश, पचास हजार के करीब जॉर्जिया चले गए हैं। इसके अलावा आर्मेनिया, अजरबैजान, इजरायल आदि देशों में भी रूसी युवाओं का पलायन जारी है। हालांकि रूसी सरकार ने इस दावे को सिरे से नकार दिया है। वहीं बीबीसी के अनुसार नोवाया गैजेट अखबार ने ये दावा किया है कि आंशिक लामबंदी के तहत रूस 3 लाख नहीं बल्कि 10 लाख से ज्यादा पुरुषों की सेना में भर्ती कर रहा है। अखबार का कहना है कि रूस सरकार के आदेश का एक पैराग्राफ जारी नहीं किया गया है, जिसमें ये बात कही गई है।

क्या रूस में आ गई मंदी?
अचानक इतने कम समय में काफी संख्या में लोगों के देश छोड़ने से रूस को काफी नुकसान पहुंच रहा है। शहरों में कई व्यवसाय ठप हो गए हैं। कई ऐसे उद्योग जहां युवाओं की जरूरत होती है वहां लोग नहीं मिल रहे हैं। होटल, रेस्टोरेंट, मॉल व अन्य व्यवसायिक गतिविधियों में 30 से 35 प्रतिशत की कमी आई है। कोमर्सेंट अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के सबसे बड़े ऋणदाता बैंक ने अकेले सितंबर में 529 शाखाएं बंद कर दी हैं। कई डाउनटाउन स्टोर फ्रंट खाली हो गए हैं। रूस में मंदी का माहौल है।
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