रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हवाई जहाज को रोककर धर्मसंकट में फंस गया श्रीलंका, अब कैसे बाहर निकलेगा?
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हिन्द महासागर स्थित देश श्रीलंका बुरी तरह फंस गया है। श्रीलंका में रूस के एक हवाई जहाज को उड़ान से पहले ही जब्त कर लिया था। इसे लेकर अब विवाद बढ़ता जा रहा है।
कोलंबो, 04 जूनः रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हिन्द महासागर स्थित देश श्रीलंका बुरी तरह फंस गया है। श्रीलंका में रूस के एक हवाई जहाज को उड़ान से पहले ही जब्त कर लिया था। इसे लेकर अब विवाद बढ़ता जा रहा है। शनिवार को रूसी विदेश मंत्रालय ने श्रीलंका के राजदूत जनिथा अबेविक्रेमा लियानागे को तलब किया है।
आयरलैंड की कंपनी का था विमान
दरअसल मामला ये है कि आयरलैंड की कंपनी से रूस की विमान कंपनियों ने कई विमानों को लीज पर लिया हुआ है। लेकिन कुछ महीने पहले रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू होने के बाद यूरोपीय यूनियन ने सभी रूसी विमानों की उड़ान पर रोक लगा दी। यूरोपीय प्रतिबंधों के कारण आयरलैंड ने रूस से अपने विमानों को वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन रूस ने आयरलैंड को एक भी विमान वापस नहीं किया।
कंपनी ने किया मुकदमा
इस
बीच
आयरलैंड
की
कंपनी
ने
श्रीलंका
के
कोलंबो
कॉमर्शियल
हाई
कोर्ट
में
मुकदमा
दर्ज
करा
दिया।
आयरलैंड
की
कंपनी
का
कहना
था
कि
ये
विमान
उसके
हैं
और
रूस
गलत
तरीके
से
इन्हें
उड़ा
रहा
है।
रूस
ने
ये
सभी
विमान
लीज
पर
लिया
था
और
अब
वापस
मांगने
के
बाद
भी
नहीं
लौटा
रहा
है
और
इसे
जबरन
चला
रहा
है।
विमान में सवार थे 200 लोग
आयरलैंड
की
कंपनी
के
मुकदमे
के
बाद
कोर्ट
के
आदेश
पर
गुरुवार
को
कटुनायके
में
बंदरानायके
अंतर्राष्ट्रीय
हवाई
अड्डे
पर
एक
रूसी
एयरोफ्लोट
विमान
को
रोक
लिया
गया
था।
इस
हवाई
जहाज
को
उड़ान
से
पहले
तब
रोक
लिया
गया
जब
उसमें
200
लोग
सवार
थे।
इसमें
बैठे
सभी
लोग
रूस
लौट
रहे
थे।
दोनों देश में मचा हंगामा
विमान
के
अदालती
आदेश
पर
रोके
जाने
के
बाद
पूरे
रूस
में
हंगामा
मच
गया।
श्रीलंकाई
सरकार
का
कहना
है
कि
वह
इस
मामले
में
कहीं
नहीं
है।
यह
पूरी
तरह
से
अदालती
मामला
है।
लेकिन
रूस
इससे
संतुष्ट
नजर
नहीं
आ
रहा
है।
इस
घटना
के
बाद
शनिवार
को
रूसी
विदेश
मंत्रालय
ने
श्रीलंका
के
राजदूत
जनिथा
अबेविक्रेमा
लियानागे
को
तलब
किया
है।
रूसी
समाचार
एजेंसी
तास
के
मुताबिक
विदेश
मंत्रालय
ने
कहा
कि
हमने
श्रीलंका
से
इस
समस्या
को
जल्द
से
जल्द
निपटाने
का
आग्रह
किया
है।
ताकि
इसका
हमारे
द्विपक्षीय
मैत्रीपूर्ण
संबंधों
पर
किसी
भी
तरह
का
नकारात्मक
प्रभाव
न
पड़े।
दो पाटन के बीच फंसा श्रीलंका
वहीं, विमान कंपनी एयरोफ्लोट ने कोलंबों के लिए सभी कॉमर्शियल फ्लाइट को रद्द कर दिया है। कंपनी को डर है कि अगर कोई और फ्लाइट श्रीलंका जाती हैं तो इन्हें भी श्रीलंका की सरकार रोक सकती है। आर्थिक संकट से गुजर रहा श्रीलंका अब दोनों के बीच फंस गया है। अगर वह यूरोपीय यूनियन का कहना न माने तो IMF और अन्य आर्थिक मदद पर असर पड़ेगा। वहीं अगर रूस से रिश्ते खराब हुए तो सस्ता मिलने वाले क्रूड ऑयल की उम्मीद भी खत्म हो जाएगी।
कम
बच्चे
पैदा
होने
से
परेशान
जापान,
2021
में
बस
इतने
बच्चों
का
हुआ
जन्म