कम बच्चे पैदा होने से परेशान जापान, 2021 में बस इतने बच्चों का हुआ जन्म
कम बच्चे पैदा होने से परेशान जापान, 2021 में बस इतने बच्चों का हुआ जन्म
टोकियो, 03 जूनः जापान कई सालों से लगातार जनसांख्यिकीय संकट का सामना कर रहा है। इस देश में जन्मदर में लगातार गिरावट होती जा रही है। शुक्रवार को जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है। जापान में जन्मदर में यह कमी पिछले एक दशक से भी अधिक समय से लगातार हो रही है।
सवा सौ साल में सबसे कम
रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में जापान में जन्म लेने वाले कुल बच्चों की संख्या 8,11,604 है। यह पिछले साल की तुलना में 29,231 कम है। जापान में 1899 से जनसंख्या संबंधी आंकड़े जुटाने की व्यवस्था शुरू हुई थी, तब से यह शिशु जन्म का सबसे कम आंकड़ा है। वर्ष 2018 में देश में 9,18,400 बच्चे जन्मे थे। वीनतम आंकड़ों से पता चला है कि जापान में शादी करने वाले जोड़ों की संख्या में भी कमी आयी है।
शादियां भी हो रही कम
जापान में बीते साल 501,116 शादियां हुईं। यह 2020 के मुकाबले 24,391 कम है। इसका असर देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर भी पड़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जापान में ज्यादातर युवा शादी से भी इन्कार कर रहे हैं। कम बच्चे और कम युवा आबादी देश के लिए संकट बनी हुई है। इसके चलते शादीशुदा महिलाओं को दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है ताकि जनसंख्या बढ़ा सके और देश की जन्म दर भी बढ़ सके।
दुनिया में सबसे कम प्रजनन दर
आंकड़ों के मुताबिक जापान में प्रजनन दर दुनिया में सबसे कम है। युवाओं की आबादी कम होने के कारण यहां कार्यबल सिकुड़ रहा है। जापान को 'सुपर-एज्ड' देश कहा जाता है। इसका मतलब है कि जापान की 20% से अधिक आबादी 65 साल से अधिक उम्र की है। देश की कुल आबादी 2018 में 12.40 करोड़ थी। विशेषज्ञों का कहना है कि 2065 तक आबादी घटकर करीब 8.8 करोड़ हो सकती है।
आबादी घटने के कई कारण
जापान में आबादी घटने के पीछे कई संभावनाएं बताईं जाती हैं। जापान में बच्चों के जन्म और पालन-पोषण का खर्च बेहद अधिक है इसलिए अभिवावक अधिक बच्चे पैदा करने की चाहत नहीं रखते। इसके साथ ही वहां कामकाजी महिलाओं की तादाद भी काफी है जिस कारण महिलाएं बच्चे को वरीयता नहीं देती हैं। अधिक उम्र में शादी और अविवाहितों की बढ़ती आबादी भी जापान की जनसंख्या के लगातार कम होते जाने में जिम्मेदार हैं।
जापान को कई तरह के नुकसान
विशेषज्ञों के मुताबिक तेजी से घट रही आबादी से जापान को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। युवाओं की आबादी कम होने से जापान के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी और विकास दर पर नकारात्मक असर पड़ेगा। वहीं, देश में पेंशन व्यवस्था सहित समाजिक कल्याण की कई महत्वपूर्ण नीतियों इससे प्रभावित हो सकती हैं। इसके साथ ही देश में कुछ समुदायों को अस्तित्व के संकट का सामना भी करना पड़ सकता है।
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