ईरान प्रोटेस्ट में शामिल 14,000 लोगों को मृत्युदंड? कुंवारी लड़कियों को जन्नत न मिले इसलिए दी जाएगी ऐसी सजा
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ईरान में पिछले छह हफ्तों में कम से कम 14,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच ऐसा दावा किया जा रहा है कि इन सभी लोगों को फांसी की सजा सुनाई जाएगी।
ईरान में 16 सितंबर को शुरू हुआ हिजाब विरोधी प्रदर्शन के अब दो महीने पूरे होने वाले हैं। ईरान सरकार पूरी कोशिश करने के बाद भी इस पर रोक नहीं लगा पाई है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ईरान में पिछले छह हफ्तों में कम से कम 14,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच ऐसा दावा किया जा रहा है कि इन सभी लोगों को फांसी की सजा सुनाई जाएगी। इससे पहले सोमवार को पहली बार विरोध प्रदर्शन में शामिल एक शख्स को फांसी की सजा सुनाए जाने की खबर सामने आई थी।
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कुंवारी लड़कियों को जन्नत न मिले इसलिए...
इस बीच ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि इन सभी 14,000 लोगों को मृत्युदंड देने की तैयारी की जा रही है। इनमें पुरुष और महिलाएं दोनों ही शामिल हैं। इसके साथ ही कुंवारी लड़कियों को फांसी की सजा सुनाई जाएगी ताकि वे 'जन्नत' न जा सकें। इतनी सख्त सामूहिक सजा के पीछे का मकसद देश की जनता को 'सबक' सीखाना है। ईरान सरकार अब तक विरोध प्रदर्शन रोकने के हर मुमकिन कदम उठा चुकी है लेकिन वह अब तक इस पर रोक नहीं लगा पाई है। ऐसे में सरकार लोगों को डराकर उन्हें शांत करने की तैयारी में लग गई है।
ईरानी सरकार ने नहीं जारी किया आंकड़ा
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सभी आंकड़े विभिन्न मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्ट पर आधारित हैं। ईरानी सरकार के अलावा सामने आए किसी भी आंकड़े की सटीकता बताना संभव नहीं है। कई संगठन अलग-अलग आंकड़े बता रहे हैं। इससे पहले रहमान ने बताया था कि ईरान सरकार एक हजार लोगों पर सार्वजनिक मुकदमें चलाने की तैयारी में है और कई लोगों पर मृत्युदंड वाले आरोप भी लगाए गए हैं।
पहली बार सुनाई गई फांसी की सजा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कल सोमवार को पहली बार विरोध प्रदर्शन में शामिल एक शख्स को फांसी की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 5 लोगों को 10 साल की सजा सुनाई गई है। अदालत ने जिस शख्स को मृत्युदंड देने का फैसला किया गया है उस पर सरकारी इमारतों में आग लगाने, दंगे भड़काने और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ साजिश करने के आरोप हैं। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सजा पाने वाले सभी लोग कोर्ट को चुनौती दे सकते हैं।
महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन
ईरान में प्रदर्शन की शुरुआत 16 सितंबर को पुलिस कस्टडी में 22 साल की महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुई थी। 13 सितंबर को महसा अपने परिवार से मिलने तेहरान आई थी। उसने हिजाब नहीं पहना था। पुलिस ने तुरंत महसा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के 3 दिन बाद उसकी मौत हो गई। अमिनी की मौत का कारण सिर पर चोट लगने से बताया जा रहा था, लेकिन उनके परिजनों का दावा था कि उन्हें पहले से कोई बिमारी नहीं थी।
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Iran : Over 14,000 men and women who protested compulsory Hijab are being charged with the death penalty as a "hard lesson" for rebelling. Unconfirmed reports are saying that virgin women will be sa'ed prior to execution to prevent them from entering heaven. pic.twitter.com/n7x77qjXtG
— Rashmi Samant (@RashmiDVS) November 14, 2022