
यूक्रेन के सीमावर्ती इलाकों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार की टीमें हुईं रवाना
नई दिल्ली, 24 फरवरी। रूस द्वारा यूक्रेन पर किये गए हमले के बीच भारत सरकार की टीमें यूक्रेन के सीमावर्ती इलाकों में फंसे भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकालने में मदद करे के लिए रवाना हो चुकी हैं। बता दें की रूसी हमलों के बीच यूक्रेन ने अपने हवाई क्षेत्र में प्रतिबंध लगा दिया है, जिसकी वजह से भारत यूक्रेन में फंसे अपने लोगों को वहां से निकालने के लिए कोई विमान नहीं भेज सकता है।

To assist in the evacuation of Indian nationals from Ukraine,MEA Teams from @IndiaInHungary, @IndiainPoland, @IndiaInSlovakia & @eoiromania are on their way to the adjoining land borders with Ukraine.
Indian nationals in Ukraine near the border points can contact these teams ⬇️ pic.twitter.com/OSd90I4DGH
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) February 24, 2022
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा- 'यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पीएम मोदी राष्ट्रपति पुतिन से बात करने जा रहे हैं। हम सभी भारतीय छात्रों के संपर्क में हैं, यूक्रेन से उड़ानों की सुविधा को लताशा जा रहा है. यूक्रेन में भारतीयों को कई परामर्श जारी किए गए हैं।' उन्होंने आगे कहा कि 20 से अधिक अधिकारी चौबीसों घंटे लोगों की सहायता के लिए नियंत्रण कक्ष में मौजूद हैं। इसके अलावा रूसी भाषी अधिकारियों को यूक्रेन भेजा गया है। हम छात्रों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। बता दें कि यूक्रेन में लगभग 16000 भारतीय फंसे हुए हैं जिनमें अधिकांश मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र हैं। यूक्रेन में कुल मिलाकर 20,000 छात्र थे, लेकिन उनमें से 4 हजार छात्र रूस द्वारा युद्ध के ऐलान से पहले भी भारत आ गए।
यूक्रेन में फंसे एक भारतीय छात्र ने बतायी अपनी आपबीती
रूस में फंसे बिहार के रहने वाले आर्यन नाम के एमबीबीएस के छात्र ने बताया कि यहां के डिनिप्रो शहर में भंसे भारतीय छात्रों की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। सभी छात्र डरे हुए हैं। हमारी यूनिवर्सिटी से लगभग 40 किलोमीटर दूर हुए धमाकों ने सभी छात्रों को अंदर तक हिलाकर रख दिया है। आर्यन ने कहा कि यहां के मॉल्स में भारी भीड़ है क्योंकि युद्ध की स्थिति को देखते हुए लोग ज्यादा से ज्यादा राशन इकट्ठा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में गैस की सप्लाई रूस से होती है। ऐसे में छात्रों को रूस से गैस की सप्लाई बंद होने का डर सता रहा है।
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हमारे पास केवल 7 दिन का राशन बचा
आर्यन ने कहा कि यूनिवर्सिटी से लगभग 800 छात्र भारत जाने के लिए कीव एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए थे, लेकिन हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लगने की वजह से वो वहीं फंसे हुए हैं। आर्यन ने भारत सरकार से उन्हें जल्द से जल्द यहां से निकालने की अपनी करते हुए कहा कि हमारे पास केवल 7 दिन का राशन बचा है।