WHO प्रमुख ने कहा- 'Covid-19 आखिरी महामारी नहीं है, करनी होगी तैयारी'
नई दिल्ली। Coronavirus Pandemic: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रमुख ने कहा है कि कोरोना वायरस आखिरी महामारी नहीं है। आने वाले समय में अगर मानव जाति ने पर्यावरण में बदलाव और पशुओं के कल्याण के बारे में सोचना नहीं शुरू किया तो उसे और नई महामारियों का सामना कर पड़ सकता है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहॉनम (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने महामारी आ जाने पर पैसा बहाने को खतरनाक रूप से अदूरदर्शी बताया। उन्होंने कहा कि हम महामारी आने पर पैसा बहा रहे हैं और आने वाले समय के लिए कोई तैयारी नहीं कर रहे हैं। वह रविवार को महामारी की तैयारी के अंतरराष्ट्रीय दिवस (International Day of Epidemic Preparedness) दिए गए एक वीडियो संदेश में ये बातें कहीं।
यह
समय
सबक
सीखने
का-
टेड्रोस
टेड्रोस
ने
कहा
"यह
समय
कोविड-19
महामारी
से
एक
सबक
सीखने
का
था।
इसके
चलते
लंबे
समय
से
दुनिया
घबराहट
और
उपेक्षा
के
चक्र
में
चल
रही
है।
हम
महामारी
पर
पैसा
फूंकते
हैं
और
जब
ये
बीत
जाती
हैं
तो
हम
सब
भूल
जाते
हैं
और
अगली
किसी
भी
बीमारी
को
रोकने
के
लिए
कुछ
नहीं
करते
हैं।
यह
खतरनाक
रूप
से
अदूरदर्शी
है।"
स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान दुनिया की तैयारी की निगरानी करने वाली संस्था वैश्विक तैयारी निगरानी बोर्ड ने कोरोना महामारी आने के कुछ समय पहले ही सितम्बर 2019 में अपनी रिपोर्ट में बताया था कि दुनिया किसी भी महामारी के आने पर तैयार नहीं है।
जीवों
के
साथ
संतुलन
की
जरूरत
टेड्रोस
ने
कहा
"इतिहास
हमें
बताता
है
कि
यह
आखिरी
महामारी
नहीं
होगी।
महामारी
हमारे
जीवन
की
सच्चाई
है।
महामारी
हमें
ये
बताती
है
कि
मनुष्य
के
स्वास्थ्य,
जीवों
और
इस
धरती
के
बीच
बहुत
गहरा
रिश्ता
है।
मानव
स्वास्थ्य
को
सुधारने
का
कोई
भी
बरबाद
हो
जाएगा
अगर
हम
मनुष्य
और
जीवों
के
साथ
पर्यावरण
के
सामने
आ
रहे
खतरे
पर
ध्यान
नहीं
देते
जो
हमारी
धरती
को
कम
रहने
के
योग्य
बना
रहे
हैं।"
कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से दुनिया में अब तक 17.5 लाख लोगों की मौत हो चुकी है और 8 करोड़ से ज्यादा लोग इस महामारी से संक्रमित हो चुके हैं। अभी भी इस बीमारी का प्रकोप जारी है। बीमारी का पहला मरीज दिसम्बर 2019 में चीन के वुहान शहर में पाया गया था।
टेड्रोस ने कहा कि कोरोना वायरस संकट को हमें आश्चर्य की तरह नहीं देखना चाहिए बल्कि ये वार्निंग की तरह है। पिछले 12 महीने में दुनिया में काफी उथल-पुथल हुई है। महामारी का असर हमारे समाज और अर्थव्यवस्था पर इसके आगे भी नजर आएगा।
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